हिचकी Hichki – Hiccough सभी को आती है। वैसे ये कोई गम्भीर बात नहीं है। कहते है कोई याद कर रहा है, असल में यह कहना कि कोई याद कर रहा है...
हिचकी Hichki – Hiccough सभी को आती है। वैसे ये कोई गम्भीर बात नहीं है। कहते है कोई याद कर रहा है, असल में यह कहना कि कोई याद कर रहा है, ध्यान कही ओर ले जाने का तरीका है। इससे हिचकि बंद हो जाती है।
वैसे तो हिचकि कुछ मिनटों में या कुछ देर में ठीक हो जाती है अतः परेशानी नहीं होती लेकिन कभी कभी हिचकी घंटो तक या दिनों तक या इससे भी ज्यादा समय तक बंद ही नहीं होती तब परेशानी खड़ी हो जाती है।
हिचकी क्या होती है – What is Hiccough
Hichki kya hoti he
हमारे शरीर में मौजूद डायफ्राम ( Diaphragm ) गुंबदनुमा ( Dome ) आकृति का एक अंग होता है । जो मांसपेशियों से बना होता है और श्वसन प्रक्रिया को सुचारु रूप से चलाने का महत्वपूर्ण कार्य करता है। ये छाती और पेट को विभाजित भी करता है।
कभी कभी किसी कारण से डायफ्राम में अजीब संकुचन होने लगता है। ये संकुचन होने के सामान्य कारण जल्दी जल्दी खाना , अजीर्ण से हुई एसिडिटी , शराब , पेट में गैस , तनाव आदि हो सकते है।
इस संकुचन के कारण श्वास नली का ऊपरी हिस्सा जिसे ग्लोटिस कहते है जो स्वर तंत्र का हिस्सा होता है अचानक एक हिक जैसी आवाज़ के साथ बंद होता है। इसे ही हिचकी कहते है।
हिचकी आने के कारण – Reason of Hiccough
Hichki kyo aati he
हिचकी के सामान्यतया निम्न कारण हो सकते है – अधिक मात्रा में भोजन , जल्दबाजी में किया गया भोजन , धूम्रपान के कारण , च्युंगम खाने से या किसी और वजह से पेट में गई गैस , एसिडिटी , नर्वस सिस्टम की गड़बड़ी , ज्यादा शराब पीना , पेट या आँतों की बीमारी , हानिकारक धुएँ के कारण या कुछ दवाओं के कारण हिचकी आने लगती है।
ज्यादा रोने से भी हिचकि आने लगती है। इसके अलावा किसी कारण से डायफ्राम को कंट्रोल करने वाली नर्व में पैदा हुई जलन के कारण भी हिचकि आ सकती है।
छोटे बच्चों को ज्यादा रोने के कारण और जुकाम के कारण हिचकि आ सकती है। नवजात शिशु को माँ का दूध अधिक मात्रा में पी लेने से भी हिचकि आ सकती है। एक साल तक के बच्चों में ये बहुत सामान्य है। इससे अधिक चिंतित नहीं होना चाहिए।
हिचकि का साँस पर कोई बुरा प्रभाव नहीं होता है। कुछ बच्चे जिनको रिफ्लक्स की समस्या हो तो उनको हिचकि आने की अधिक सम्भावना होती है।
हिचकी के घरेलु उपाय- Home Remedies for Hichki
Hichki Ke Gharelu Nuskhe
कुछ बातों का ध्यान रखें जैसे खाना जल्दी जल्दी न खाएँ। बहुत अधिक मात्रा में खाना ना खाएँ। तले हुए आहार से बचें। गुस्से में , टेंशन में , बहुत शोक आदि की स्थिति में खाना खाने से हिचकी शुरू हो सकती है। इसके अलावा हिचकि के घरेलु नुस्खे अपनाकर इस परेशानी से मुक्त हो सकते है।
हिचकि के घरेलु नुस्खे इस प्रकार है :-
— ठंडा पानी पीने से और बर्फ चूसने से हिचकी बंद हो जाती है।
— जिसको हिचकि आ रही हो उसकी जीभ रुमाल से पकड़ कर तीन चार बार खींचने से हिचकि बंद हो जाती है।
— हिचकि आना शुरू होते ही ठन्डे पानी से नहाने से हिचकि रुक जाती है।
— दालचीनी का टुकड़ा मुंह में रखकर चूसने से हिचकि आनी बन्द हो जाती है।
— चार पांच इलायची छिलके सहित पीस कर दो गिलास पानी में उबाल लें। आधा रह जाये तब छानकर गुनगुना रहने पर पिएँ । हिचकी बंद करने का उत्तम उपाय है। जरुरी हो तो दूसरी खुराक ले सकते है।
— आंवला , सौंठ , पीपल और मिश्री समान मात्रा में पीस कर आधा चम्मच ये चूर्ण थोड़े से शहद में मिलाकर चाट कर खाने से हिचकी आनी बंद हो जाती है।
— छींक आने पर हिचकी बंद हो जाती है। किसी तरह छींक लाने की कोशिश करें।
— ताजा अदरक के छोटे छोटे टुकड़े करके चूसने से बार बार उठने वाली हिचकी में आराम आ जाता है।— दोनों कानो को अंगुली के हलके दबाव के साथ कुछ देर बंद करने से विशेष तंत्रिका तंत्र प्रभावित होता है और हिचकी बंद हो जाती है।