काली मिर्च को रसोई के मसाले में अहम् स्थान प्राप्त है। औषधि के रूप में भी इसे उपयोग में लाया जाता है। काली मिर्च में पिपराइन नामक तत्व...
काली मिर्च को रसोई के मसाले में अहम् स्थान प्राप्त है। औषधि के रूप में भी इसे उपयोग में लाया जाता है। काली मिर्च में पिपराइन नामक तत्व होता है जिसके कारण इसे डालने से भोजन के पोषक तत्व सम्पूर्ण रूप से मिलते हैं।
Kali Mirch का फल लाल बेर की तरह एक बीज वाला होता है। शुरू में हरे रंग का होता है, बाद में पाक कर लाल हो जाता है। जब फल हरा होता है तब इसे तोड़ कर गर्म पानी में डाल कर या मशीनों द्वारा प्रोसेस करके धूप में सूखा लेते है। सूखने पर इसका रंग काला हो जाता है। यही काली मिर्च होती है।
यदि इसके पके हुए लाल रंग के फल को सूखा कर ऊपर का सूखा गूदा हटा दिया जाये तो सिर्फ बीज बचता है। जो मटमैले सफ़ेद रंग का होता है। यह सफ़ेद मिर्च कहलाता है। इसे भी कई प्रकार की डिशेज़ बनाने में काम में लिया जाता है।
दक्षिण भारत से काली मिर्च की शुरुआत हुई थी जो अब पूरे विश्व में पैदा की जाती है तथा काम में ली जाती है। दुनिया में सबसे ज्यादा काली मिर्च का उत्पादन वियतनाम में होता है। भारत , इंडोनेशिया और ब्राजील भी मुख्य उत्पादक देश है।
Kali Mirch से स्पिरिट और तेल भी निकाला जाता है जिनके बहुत से उपयोग होते है। काली मिर्च का स्वाद और गंध हवा व रौशनी के प्रभाव से कम हो जाते है अतः जहाँ तक संभव हो इसे एयरटाइट डिब्बे में रखना चाहिए।
काली मिर्च को पीसने के बाद बड़ी तेजी से यह अपना स्वाद और गंध खो देती है इसलिए Kali Mirch को काम लेते समय ही पीसना चाहिए।
काली मिर्च के पोषक तत्व – Black Pepper Nutrients
काली मिर्च में मैगनीज , विटामिन K , कॉपर भरपूर मात्रा में होते है। इससे हमें पोटेशियम , कैल्शियम , ज़िंक , क्रोमियम , आयरन और विटामिन C व विटामिन A भी मिलते है। इसमें कई प्रकार के एमिनो एसिड पाए जाते है। जो शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते है।
काली मिर्च के फायदे – Black Pepper Benefits
Kali Mirch Ke Fayde
पाचन तंत्र
काली मिर्च से पेट में पाचक रसों व हाइड्रोक्लोरिक एसिड का स्राव बढ़ जाता है। जिसके कारण भोजन का पाचन सही तरीके से हो पाता है।
Kali Mirch पेट में गैस बनने से रोकती है। यदि गैस बनती भी है तो यह उसे बाहर निकाल देती है। यह पाचन तंत्र को मजबूत देती है जिसके कारण कई प्रकार की परेशानियों से बचाव होता है। यह आँतों को भी सशक्त बनाती है जिससे आँतों में होने वाले कैंसर आदि को रोकती है।
काली मिर्च में मिलने वाले पिपरिन के कारण भोजन में मौजूद सेलेनियम , विटामिन B कॉम्लेक्स , बीटा केरोटीन तथा अन्य कई प्रकार के पोषक तत्वों का अवशोषण सही तरीके से शरीर में हो पाता है।
हल्दी में पाये जाने वाले करक्यूमिन का अवशोषण तो काली मिर्च के साथ से 20 गुना तक बढ़ सकता है करक्यूमिन अपने आप में बहुत लाभदायक तत्व है।
काली मिर्च के इस विशेष गुण के कारण कई गंभीर बीमारीयों से बचा जा सकता है।
त्वचा के लिए
काली मिर्च त्वचा पर होने वाले सफ़ेद दाग को मिटाने में सहायक होती है। काली मिर्च में पाया जाने वाला पिपरिन पिगमेंटेशन को बढ़ाता है। इससे रक्त का संचार बढ़ता है तथा स्किन को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन प्राप्त होती है। Kali Mirch के उपयोग से त्वचा जवां बनी रहती है।
काली मिर्च में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट की उच्च मात्रा के कारण त्वचा पर होने वाले दाग धब्बे और झुर्रियों आदि से बचा जा सकता है। अल्ट्रा वॉइलेट किरणों के कारण होने वाले नुकसान से त्वचा को बचाने में कारगर होती है।
जुकाम , खांसी , कफ
काली मिर्च में एंटी बेक्टिरियल गुण होने के कारण सर्दी जुकामकफ आदि को मिटाने की क्षमता होती है। यह प्रदुषण, फ्लू या वायरल इन्फेक्शन के कारण गले नाक और छाती में जमा कफ को पिघला बाहर निकाल देती है।
साथ ही इन्फेक्शन को भी शरीर से बाहर निकाल देती है। इसमें विटामिन C होने के कारण यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर भी इन्फेक्शन आदि को जल्द ठीक करने में मददगार होती है।
— दिन में पॉँच छः बार दो Kali Mirch मुँह में रखकर धीरे धीरे चूसने से खांसी ठीक हो जाती है। इससे पुरानी खांसी भी मिटती है।
— छः सात काली मिर्च और इतने ही तुलसी के पत्ते पीस कर एक चम्मच शहद में मिलाकर सुबह शाम चाटने से गले में जमा कफ और बलगम साफ हो जाता है।
— एक चम्मच काली मिर्च , दो चम्मच बादाम और तीन चम्मच शक्कर इन सबको पीस लें। इसमें से एक चम्मच रात को सोते समय गर्म दूध के साथ लें। इससे साइनस , जुकाम , कफ आदि में बहुत आराम मिलता है।
— 10 काली मिर्च पीस कर एक कप पानी में उबालें आधा रह जाने पर छान लें। इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर पियें। सुबह शाम लेने से खांसी और गले में जमा कफ मिट जाता है।
वजन कम
काली मिर्च में पाए जाने वाले फिटो न्यूट्रिएंट्स मेटाबोलिज्म बढ़ाते है। फैट को पचाने में मदद करते है। इसकी प्रकृति यूरिनबढ़ाने वाली होती है जिसके कारण शरीर से अधिक पानी और विषैले तत्व बाहर निकलते है।
इन सबसे शरीर का वजन सही रखने में बहुत मदद मिलती है । इस प्रकार Kali Mirch वजह कम करने में सहायक होती है लेकिन इसका उपयोग कम मात्रा में ही किया जाना चाहिए।
कैंसर से बचाव
काली मिर्च में मौजूद पिपरीन , फ्लावोनोइड्स , केरोटीन्स तथा अन्य एंटीऑक्सीडेंट शरीर को हानिकारक फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते है। इस तरह कैंसर आदि रोगों से बचाव होता है। यह पसीना लाकर शरीर के विषैले तत्वों को बाहर निकाल कर भी मददगार साबित होती है।
डेंड्रफ
काली मिर्च में एंटी बेक्टिरियल गुण होने के कारण डेंड्रफ मिटाने में यह बहुत कारगर है। आधा कप दही में आधा चम्मच पिसी काली मिर्च मिलाकर बालों की जड़ों में लगा लें। लगभग 20 -25 मिनट तक रखें। उसके बाद गुनगुने पानी से अच्छे से धो लें। शैम्पू ना लगाएं। अगले दिन चाहें तो शैम्पू कर सकते है।
काली मिर्च अधिक नहीं होनी चाहिए। पहले सप्ताह में दो बार लगाएं। फिर सप्ताह एक बार लगाएं। इससे रुसी मिट जाती है।
ह्रदय रोग
काली मिर्च के उपयोग से रक्त वाहिकाएं अवरुद्ध होने से बच जाती है। उनमे कोलेस्ट्रॉल नहीं जमता। इस प्रकार ह्रदय रोग और हार्ट अटैक से बचाव होता है। इसमें पाया जाने वाले पोटेशियम ब्लड प्रेशर को तथा दिल की धड़कन को नियमित और सामान्य बनाये रखने में मदद करता है। यह भी दिल के रोगों से बचाव का एक जरिया बनता है।
डिप्रेशन
रिसर्च द्वारा पाया गया है की काली मिर्च में पाया जाने वाला पिपरीन दिमाग की शक्ति और कार्यविधि को बढ़ाता है तथा डिप्रेशन अवसाद को दूर रखने में सहायक होता है। काली मिर्च के नियमित उपयोग से दिमाग क्रियाशील रहता है। यह आपको खुश रखने में मदद करता है। इसके अलावा स्मरण शक्ति भी बढ़ाता है।