डकार आना Burping और पाद आना Farting शरीर से अनावश्यक गैस निकलने के माध्यम हैं। हम जो कुछ भी खाते पीते है वह पाचन तंत्र के लम्बे पाइप स...
डकार आना Burping और पाद आना Farting शरीर से अनावश्यक गैस निकलने के माध्यम हैं। हम जो कुछ भी खाते पीते है वह पाचन तंत्र के लम्बे पाइप से होता हुआ गुजरता है। इसमें से पोषक तत्वों का अवशोषण शरीर कर लेता है और अनावश्यक सामग्री गुदा मार्ग से बाहर निकल जाती है।
खाते पीते समय या अन्य कारण से कुछ मात्रा में हवा भी पेट में चली जाती है। इस हवा को पेट डकार के रूप में बाहर निकाल देता है। इस प्रक्रिया में आवाज भी होती है।
पाचन की प्रक्रिया में भी कुछ गैस उत्पन्न होती है जो मुँह या गुदा द्वार से बाहर निकलती है। गुदा से निकलने वाली गैस को सामान्य भाषा में पाद Fart कहा जाता है और मुँह से जब गैस बाहर निकलती है तो इसे डकार Burp कहते हैं।
सामान्य क्रिया होते हुए भी पाद आने को अशिष्ट व्यवहार समझा जाता है अतः कोशिश की जाती है कि यह काम चुपचाप हो जाये और किसी को पता न चले।
डकार आना भी एक सामान्य प्रक्रिया है और यह किसी प्रकार की बीमारी नहीं है। डकार आने से गैस निकल जाती है और पेट का फुलाव कम हो जाता है। लेकिन यदि बहुत ज्यादा डकारें आती या बार बार डकार आती रहती है सावधान हो जाना चाहिए।
यह किसी गड़बड़ी या पाचन सम्बन्धी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है जिसका इलाज होना चाहिए। जैसे पित्ताशय में पथरी या पेट में अल्सर आदि। इलाज नहीं होने के परिणाम गंभीर हो सकते हैं ।
दिन भर में बातें करते समय , खाना खाते समय या हँसते समय हम लगभग 2 लीटर हवा निगल लेते हैं। इसमें से लगभग आधी हवा डकार के माध्यम से बाहर निकल जाती है और बाकि हवा गुदा मार्ग से बाहर निकल जाती है।
छोटे बच्चे अनजाने में हवा निगल लेते हैं। माँ का दूध पीते समय नन्हे शिशु भी हवा निगल लेते हैं जिसे डकार के माध्यम से बाहर निकाल देते हैं।
डकार ज्यादा आने के कारण – Excess Burping Causes
डकार आना Burping एक स्वाभाविक शारीरिक प्रक्रिया है लेकिन पेट में ज्यादा हवा जाने से या भोजन नली , पेट , ड्यूडनम , पित्ताशय और आँतो की परेशानी होने से डकार ज्यादा आ सकती है । इसके अलावा लाइफ स्टाइल , भोजन का प्रकार और खाने पीने का तरीका भी अधिक डकार आने का कारण हो सकता है।
पेट में गैस अधिक जाने के कारण
— खाना खाते समय बातें करना
— जल्दबाजी में भोजन करना
— चूस कर खाने पीने की चीजों का उपयोग जैसे टॉफी आदि
— गर्म चाय , कॉफ़ी या सूप आदि सुड़क सुड़क कर पीना
— स्ट्रॉ की मदद से किसी पेय को पीना
— गर्दन ऊपर करके ऊपर से डालकर पानी पीना
— धूम्रपान यानि बीड़ी सिगरेट वगैरह पीना
— नकली बत्तीसी की फिटिंग सही नहीं होना या दाँतों के बीच अधिक जगह
— चिंता फ़िक्र अधिक करना
— च्युंगम चबाना
कुछ खाने पीने की चीजें अधिक डकार का कारण बन सकती हैं। मूली , पत्तागोभी , फूल गोभी , मटर , ग्वारफली , प्याज , केला , फ्रेंच बीन्स , बालोड़ , दालें , राजमा आदि खाने से डकार ज्यादा आती हैं।
इसके अलावा कोल्ड ड्रिंक या सोडा वाले ड्रिंक ज्यादा पीने या शराब पीने से गैस अधिक बनती है और डकार ज्यादा आती हैं। स्टार्च , शक्कर या अधिक फाइबर युक्त खाना खाने से भी ज्यादा डकारें आती हैं।
लेकिन ऐसा सोचना कि डकार आने के सिर्फ ये ही कारण होते है , गलत होता है। इसके बहुत से कारण पाचन तंत्र की गड़बड़ी से जुड़े हो सकते हैं जिन्हे गंभीरता से लेना चाहिए ।
पाचन की गड़बड़ी से अधिक डकार आने के कारण
एरोफैजिया – Aerophegia
अत्यधिक मात्रा में अक्सर हवा निगलना एक बीमारी है जिसे एरोफैजिया कहते हैं । इसके कारण पेट फूला हुआ रहता है और दिक्कत होती है। साथ ही डकारें ज्यादा आती है और पाद भी ज्यादा आते हैं।
हाइटस हर्निया – Hiatus hernia
इस समस्या में पेट का कुछ भाग डायफ्राम से ऊपर भोजन नली की तरफ निकल आता है। इससे पेट में खाना आसानी से नहीं जा पाता तथा पेट का एसिड भोजन नली में चला जाता है। इसके कारण डकार ज्यादा आ सकती हैं।
पेट में संक्रमण – Stomach infection
पेट में एच पायलोरी जैसे बैक्टीरिया का संक्रमण होने से पेट में ज्यादा गैस बनने लगती है और डकार ज्यादा आती हैं। इसके अलावा ऐसे संक्रमण पेट में एसिडिटी का कारण भी बन सकते हैं जिसके कारण भी अधिक डकारें आती हैं।
छोटी आंत में बैक्टीरिया का संक्रमण – Duodenum
पेट की तरह छोटी आंत में बैक्टीरिया का संक्रमण बढ़ने और इनकी संख्या में वृद्धि के कारण बार बार डकार आ सकती हैं।
पाचन – Digestion
खाने पीने के किसी सामान के सही ढंग से नहीं पच पाने के कारण अधिक डकारें आ सकती हैं। क्योंकि बिना पचे भोजन से पोषक तत्व प्राप्त करके बैक्टीरिया अधिक तेजी से वृद्धि करने लगते हैं। ये बैक्टीरिया गैस पैदा करते हैं।
इसमें दूध नहीं पचना , कार्बोहाइड्रेट जैसे फ्रुक्टोस और सोर्बिटोल आदि नहीं पचना इसके कारण बन सकते हैं। अधिक उम्र में पाचन शक्ति कमजोर होने के कारण डकार ज्यादा आती हैं।
पेन्क्रियास की गड़बड़ी – Pancreas
पाचन तंत्र का एक मुख्य अंग पेन्क्रियास पाचक रसों का स्राव करके खाना पचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अग्नाशय में संक्रमण आदि के कारण इस प्रक्रिया में अवरोध उत्पन्न होता है और भोजन का पाचन सही तरीके से नहीं हो पाता। यह बैक्टीरिया वृद्धि का कारण बन सकता है और डकारें ज्यादा आ सकती हैं।
पित्ताशय में पथरी – Gall bladder stone
पित्ताशय में लिवर द्वारा बनाया गया पित्त Bile इकठ्ठा होता है जो फैट के पाचन में महत्पूर्ण भूमिका निभाता है। पित्ताशय में पथरी होने पर पाचन में बाधा उत्पन्न होकर डकारें ज्यादा आ सकती हैं।
एसिडिटी – Acidity
एसिडिटी से ग्रस्त लोगों को डकारें ज्यादा आती हैं। जब पेट का एसिड भोजन नली में आता है तो अपने आप हवा निगलने में आती रहती है इससे आराम मिलता है। यह हवा फिर डकारों के माध्यम से बाहर निकलती है।
गैस्ट्रोपारेसिस – Gastroparesis
इस तरह की परेशानी में पेट की मांसपेशियाँ सामान्य से धीरे काम करती हैं जिसके कारण भोजन धीरे आगे बढ़ पाता है जिसके कारण पाचन प्रभावित होता है और डकारें आने लगती हैं। दवा लेने से इस समस्या से मुक्ति मिल सकती है।
पेट में अल्सर या सूजन – Ulcer
पेट की अंदरूनी सतह ( lining ) पर किसी कारण से अल्सर होने से या पेट में सूजन होने के कारण ज्यादा डकार आ सकती है।
यदि डकार ज्यादा आने के साथ में दर्द , जी घबराना , मल के साथ रक्त , बुखार , तेजी से वजन कम होना आदि परेशानी भी हों तो तुरंत किसी विशेषज्ञ से परामर्श कर लेना चाहिए।
अधिक डकार आने से बचने के उपाय
— खाना खाने में जल्दबाजी ना करें अच्छे से चबाकर धीरे धीरे निगल कर खायें ।
— खाना खाते समय बातें नहीं करें।
— चूसकर खाने पीने की चीजें कम कर दें या नहीं लें।
— कोल्ड ड्रिंक जैसे सोडा युक्त पेय और शराब आदि न लें।
— पीने के लिए स्ट्रा का उपयोग नहीं करें।
— धूम्रपान नहीं करें
— नकली बत्तीसी लगवाई हो तो उसे चेक करा लें। फिटिंग सही नहीं होने पर हवा पेट में जाती है फिर डकारें आती रहती हैं।
— तनाव कम करने की कोशिश करें। तनाव के कारण खाते समय हवा ज्यादा निगलने में आ जाती है।
— पाचन से सम्बंधित समस्या को पहचान कर दूर करें।
— जरुरत हो तो डाक्टर की सलाह के अनुसार पेट , पित्ताशय आदि की जाँच करवायें।
अगर डकारें अधिक आती हैं और पेट ज्यादा फूला हो तो करवट लेकर लेटने से आराम मिलता है। घुटनो को छाती के पास लाने से भी गैस निकल जाती है और आराम मिलता है।
किसी विशेष चीज को खाने या पीने के कारण यदि डकार ज्यादा आती हो तो उन्हें पहचानने की कोशिश करें हो सके तो एक डायरी में नोट करके रखें और चिकित्सक को बताएं। इसके अलावा किसी चिंता के कारण या किसी विशेष समय डकार आती हो तो वह चिकित्सक को बताना चाहिए। इससे उपचार में आसानी हो जाती है।