कांटेक्ट लेंस Contact Lens चश्मे का बहुत अच्छा विकल्प है। यदि चश्मा नहीं लगाना चाहते तो कांटेक्ट लेंस लगाए जा सकते हैं। यहाँ कांटेक्ट ...
कांटेक्ट लेंस Contact Lens चश्मे का बहुत अच्छा विकल्प है। यदि चश्मा नहीं लगाना चाहते तो कांटेक्ट लेंस लगाए जा सकते हैं। यहाँ कांटेक्ट लेंस सम्बन्धी जानकारी दी गई है जिससे आपको मदद मिल सकती है।
शुरू में कोन्टेक्ट लेंस लगाने की प्रक्रिया हैरत भरी लग सकती है। लेकिन एक बार इनका उपयोग करना सीख लिया तो सारी झिझक ख़त्म हो जाती है और ये लाइफ का आसान हिस्सा बन जाते है।
कांटेक्ट लेंस लगाना पहले कभी तकलीफदेह होता था। बड़ी मुश्किल से सेट हो पाते थे। आँख में इन्फेक्शन होने का भी डर होता था। लेकिन अब उच्च तकनीक वाले लेंस उपलब्ध हैं जो आसानी से एक दो दिन में ही सेट हो जाते हैं ।
इन लेंसों में ऑक्सीजन प्रवाहित होती रहती है जिसके कारण आँख को नुकसान होने की संभावना भी कम हो जाती है। इनकी कीमत भी पहले से कम हो चुकी है। चश्मा लगाना चाहिए या लेंस यह आप अपनी पसंद से चुनाव कर सकते हैं।
कांटेक्ट लेंस के फायदे
Contact lens ke fayde
— चश्मे में आँख और चश्मे के लेंस के बीच की दूरी कभी कभी परेशानी पैदा कर सकती है। लेकिन कांटेक्ट लेंस आँख से सटे होने के कारण प्राकृतिक दृष्टि जैसा ही दृश्य पैदा करते हैं।
— चश्मे में कांच जितने साइज का होता है उतना ही साफ दिखता से बाकि जगह साफ नहीं दिखता जबकि कांटेक्ट लेंस में से पूरा दृश्य साफ़ दिखता है। यह खूबी खेलते समय या गाड़ी चलते समय बहुत सहायक होती है।
— चश्मे से चेहरे और कान पर हमेशा एक वजन सा रहता है। जबकि कांटेक्ट लेंस में ऐसा नहीं होता।
— तापमान के बदलने से जैसे AC वाली कार से बाहर आने पर चश्मे का ग्लास धुंधला हो जाता है। कांटेक्ट लेंस में ऐसा नहीं होता है।
— चश्मा पहना है तो फैशन के हिसाब से गोगल्स नहीं पहन सकते। कांटेक्ट लेंस के साथ गोगल्स पहन सकते हैं।
कुछ लोग लेंस लगाने से बहुत डरते हैं। लेकिन एक बार प्रेक्टिस होने के बाद कांटेक्ट लेंस लगाना चश्मा लगाने जितना ही आसान हो जाता है।
10 -12 साल के बच्चे भी इन्हे आसानी से लगा पाते हैं। लेंस की केयर करना भी बहुत आसान हो गया है। कुछ लोग आँख की पुतली का रंग बदलने के लिए कांटेक्ट लेंस का उपयोग करते हैं। कांटेक्ट लेंस को लेकर कुछ गलतफहमियां लोगों के मन में हो सकती है , अतः ये जान लें कि –
— यदि पास और दूर का दोनों तरह के नंबर हों तो इसके लिए एक ही लेंस बनवाया जा सकता है। जैसे चश्मे में प्रोग्रेसिव लेंस बनता है।
— आँख की बनावट के कारण कांटेक्ट लेंस आँख के अंदर जाकर गुम नहीं हो सकता।
— कांटेक्ट लेंस लगाने की प्रैक्टिस होने के बाद बिल्कुल महसूस नहीं होता कि लेंस लगाये हुए हैं। किसी भी प्रकार की दिक्कत हो तो कारण जानकर उसे दूर किया जा सकता है।
— अब काम लेने के बाद रोजाना फेंक देने वाले लेंस भी उपलब्ध है।
— कांटेक्ट लेंस को कितनी देर पहनें और कितने समय बाद बदल लें इसका सही तरीके से ध्यान रखने से कांटेक्ट लेंस आँख को नुकसान नहीं पहुंचाते।
— कांटेक्ट लेंस उच्च तकनीक से बने होने के कारण अपने आप आँख से निकल कर गिर जाने की संभावना नहीं होती है।
— कांटेक्ट लेंस अब कम कीमत पर उपलब्ध हैं।
— अधिक उम्र वाले लोगों के लिए भी कांटेक्ट लेंस उब्लब्ध है जो आसानी से लगाए जा सकते हैं।
कांटेक्ट लेंस सम्बन्धी अन्य जानकारी
— लेंस लगाने से पहले हाथ साबुन से अच्छे से धो लेने चाहिए ताकि मिट्टी या कीटाणु हाथ के माध्यम से आँख में ना जाएँ। हाथ धोने के लिए ग्लिसरीन या अधिक तेल युक्त साबुन काम में नहीं लेने चाहिये। हो सके तो लिंट फ्री कपड़े से हाथ पोंछें। इस प्रकार के कपड़े से हाथ पोंछने से इलेक्ट्रिक चार्ज पैदा नहीं होता है।
— लेंस को निकालने के बाद हमेशा लेंस होल्डर में ही रखना चाहिए। लेंस होल्डर में सोल्यूशन कम नहीं होना चाहिए। सोल्युशन से लेंस की सफाई हो जाती है। सफाई के निर्देश लेंस के साथ मिल जाते हैं उसके अनुसार सफाई करनी चाहिए।
— लम्बे समय तक फेंके नहीं जाने वाले लेंस पर आँख के प्रोटीन जमा हो सकते है इनको साफ करने के लिए अलग सोल्यूशन होता है उसी सोल्यूशन से सफाई करनी चाहिए।
— कुछ लोगों को किसी विशेष सोल्युशन से एलर्जी हो सकती है। इससे आँख में जलन या सूखापन महसूस होने लगता है। ऐसा महसूस होने पर एक्सपर्ट की सलाह लेकर सोल्यूशन बदल लेना चाहिए।
— लेंस को पानी में स्टोर करके नहीं रखना चाहिए।
— लेंस की सफाई करने तथा लेंस रखने के लिए मल्टी पर्पस सोल्यूशन आते है। इसका उपयोग जरूर करना चाहिए।
— सोने से पहले लेंस निकल देने चाहिए।
— लेंस की डिब्बी में सोल्यूशन कभी सूखना या ख़तम नहीं होना चाहिए। लेंस रखते समय उसमे सोल्यूशन जरूर होना चाहिए।
— तैरते समय Swimming या नहाते समय कांटेक्ट लेंस निकाल देने चाहिए।
— लेंस की तय अवधि के अनुसार उन्हें बदल लेना चाहिये।
कांटेक्ट लेंस सम्बन्धी सावधानी – Be Careful
लेंस लगाने से यदि इनमे से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो लेंस निकाल देने चाहिये। यदि लक्षण कुछ घंटों के बाद भी सामान्य नहीं हो और बढ़ जाये तो तुरंत आई स्पेशलिस्ट से सलाह लेनी चाहिए।
— आँख में तेज जलन होने लगे और आँख लाल हो जाये।
— आँख में या आँख के आस पास तेज दर्द हो।
— रोशनी से परेशानी हो रही हो।
— अचानक से धुंधला दिखाई देने लगे।
— आँख में से असामान्य रूप से पानी या कोई अन्य डिस्चार्ज निकल रहा हो।
अन्य किसी प्रकार के संशय या परेशानी के लिए आई स्पेशलिस्ट से सलाह करनी चाहिए।