स्तन से दूध निकलना गर्भावस्था या शिशु के जन्म के बाद सामान्य होता है लेकिन इन स्थितियों के अलावा यह चिंता का विषय बन जाता है। लगभग 20 ...
स्तन से दूध निकलना गर्भावस्था या शिशु के जन्म के बाद सामान्य होता है लेकिन इन स्थितियों के अलावा यह चिंता का विषय बन जाता है। लगभग 20 -25 % महिलाओं को यह परेशानी होती है। ना प्रेगनेंसी हो ना डिलीवरी हुई हो तो भी स्तन से दूध निकलता है तो यह असामान्य होता है।
यह बीमारी नहीं है लेकिन किसी समस्या का संकेत जरूर हो सकता है। यह मेनोपॉज के बाद भी हो सकता है। इस परेशानी से पुरुष या नवजात शिशु भी ग्रस्त हो सकते हैं। चिकित्सा की भाषा में इस प्रकार बिना कारण निपल से दूध का रिसना गेलेक्टोरिआ Galactorrhea कहलाता है।
गेलेक्टोरिआ के लक्षण – Galactorrhea symptoms
stan se risav lakshan
गेलेक्टोरिआ का मुख्य लक्षण एक या दोनों स्तनों से बिना वजह दूध आना होता है।
इसके अलावा अन्य लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं –
— स्तन के टिशू का बढ़ जाना
— अनियमित माहवारी होना या देरी से होना
— कामेच्छा में कमी होना
— जी घबराना
— मुँहासे होना
— असामान्य रूप से बाल बढ़ना
— सिरदर्द
— दिखने में परेशानी होना
गेलेक्टोरिआ के कारण – Galactorrhea reasons
Nipple se doodh nikalne ke karan
इस प्रकार निपल से दूध निकलने के कई कारण हो सकते हैं। प्रेग्नेंट या डिलीवरी नहीं होने पर भी दूध का आना हार्मोन की गड़बड़ी ,किसी दवा का साइड इफ़ेक्ट या अन्य शारीरिक परेशानी के कारण हो सकता है।
स्तन में दूध बनने का कारण प्रोलेक्टिन नामक हार्मोन होता है। इस हार्मोन की गड़बड़ी का कारण कोई दवा , ट्यूमर , निपल के साथ अधिक छेड़छाड़ या कुछ अन्य चिकित्सीय समस्या हो सकते हैं।
चिकित्सीय कारण ये हो सकते हैं –
— थाइरॉइड
— किडनी या लिवर की समस्या ,
— पुराना तनाव ,
— हाइपोथेलेमस की बीमारी ,
— ट्यूमर ,
— स्तन के टिशू को क्षति ,
— ऐस्ट्रोजन हार्मोन का अधिक स्तर ,
— स्तन या निपल से छेड़छाड़
खुद के स्तन की गलत तरीके से अधिक जाँच करना या ऐसे कपड़े जिनसे स्तन या निपल पर रगड़ लगती हो इसके कारण बन सकता हैं। इसके अलावा योन संबंधों में स्तन या निपल के साथ अधिक प्रयोग भी इसका कारण बन सकता है।
गेलेक्टोरिआ का टेस्ट – Galactorrhea test
इसका सही कारण जानने के लिए कुछ टेस्ट करवाने पड़ सकते हैं जिनमे सामान्य तौर पर ये टेस्ट होते है –
— हार्मोन की जाँच
— प्रेगनेंसी टेस्ट
— स्तन के टिशू की जाँच के लिए मेमोग्राम या सोनोग्राफी
— दिमाग की जाँच के लिए एम आर आई
कारण का सही से पता चलने के बाद ही इलाज सफलता पूर्वक किया जा सकता है।
खुद को टाइट कपड़े और छेड़छाड़ से बचाव करना चाहिए।
बीमारी का कारण हार्मोन की अधिकता हो तो उसकी दवा लेने से फायदा हो जाता है।
किसी दवा के साइड इफ़ेक्ट के कारण ऐसा हो रहा हो तो दवा बदलवा लेनी चाहिए। कुछ समय बाद इस परेशानी से मुक्ति मिल जाती है।
सिर से सम्बंधित समस्या हो तो उसके अनुसार इलाज करवाना चाहिए।
गेलेक्टोरिआ से कैसे बचें – Galactorrhea prevention
stan se doodh risne se kaise bache
हार्मोन की गड़बड़ी , ट्यूमर या कोई बीमारी से बचना हमारे वश से बाहर हो सकता है। लेकिन कुछ बचाव खुद के द्वारा जरूर किये जा सकते हैं। इनमे कुछ ये हैं –
— ऐसे कपड़े या ब्रा जिसके कारण निपल पर रगड़ लगती हो न पहने।
— स्तन या निपल से छेड़छाड़ ना हो , इसका ध्यान रखें।
— तनाव के समाधान का तरीका निकाले
यह अपने आप या उपचार लेने से ठीक हो जाता है। लेकिन यदि निपल से निकलने वाला पदार्थ दूधिया नहीं हो बल्कि पीलापन लिए , रक्त मिश्रित या साफ हो तो यह गंभीर हो सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।