हल्दी का अचार Haldi Ka Achar एक अलग पहचान रखता है। अचार तो आपने कई खाये होंगे लेकिन कच्ची हल्दी का अचार एक फायदेमंद अचार है। यहाँ हल्...
हल्दी का अचार Haldi Ka Achar एक अलग पहचान रखता है। अचार तो आपने कई खाये होंगे लेकिन कच्ची हल्दी का अचार एक फायदेमंद अचार है। यहाँ हल्दी का अचार बनाने की बहुत आसान विधि बताई गई है।
जो लोग खटाई के कारण दूसरा अचार नहीं खा सकते वे भी इस अचार का उपयोग कर सकते है।
सर्दी के मौसम में कच्ची हल्दी ताजा और अच्छी मिलती है। सूखी पिसी हुई हल्दी का उपयोग रोजाना सब्जी बनाने में तो होता ही है परंतु सर्दी के मौसम में कच्ची हल्दी अचार के रूप में , सलाद के रूप में तथा कच्ची हल्दी की सब्जी बनाकर खाई जा सकती है।
कच्ची हल्दी की राजस्थानी सब्जी एक शाही सब्जी है। इसे एक बार जरूर बनाकर देखें।
कच्ची हल्दी बहुत फायदेमंद होती है। हल्दी में कई प्रकार के खनिज तथा विटामिन पाए जाते है । साथ ही इसमें ताकतवतर एंटीऑक्सीडेंट भी होते है जो शरीर और दिमाग दोनों के लिए बहुत लाभदायक होते है।
कच्ची हल्दी का अचार बनाने की विधि इस प्रकार है :
हल्दी का अचार बनाने की सामग्री
कच्ची हल्दी 200 ग्राम
मेथीदाना 2 चम्मच
सौंफ 2 चम्मच
राई 3 चम्मच
कलौंजी 1 /2 चम्मच
लालमिर्च पाउडर 3 चम्मच
हींग 1 /4 चम्मच
नमक स्वादानुसार
तेल 250 ग्राम
हल्दी का अचार बनाने की विधि
— कच्ची हल्दी को छीलें व धोकर पोछ लें।
— हल्दी का पानी सूख जाने के बाद पतला व लम्बा काटकर मलमल के कपड़ेपर थोड़ी देर फैला दें ताकि बचा हुआ पानी भी सूख जाए ।
— मेथी , राई व सौंफ को थोड़ा भून ले व ठंडा होने पर दरदरा पीस ले।
— एक कढाई में तेल गर्म करे ( धुँआ उठने तक ) और गैस बन्द कर दे।
— जब तेल थोड़ा ठंडा होकर गुनगुना हो जाये तब उसमें हींग, पिसे मसाले व कलौंजी डालकर हिला लें ।
— पॉँच मिनिट बाद नमक, कटी हुई हल्दी तथा लाल मिर्च पाउडर डालकर मिला लें।
— ठंडा होने पर हिलाकर कांच की बरनी में भर ले।
— 5 -6 दिन धूप में रखें ।
— स्वादिष्ट व गुणकारी हल्दी का अचार तैयार है।
हल्दी का अचार टिप्स – Tips
— कच्ची हल्दी सर्दी के मौसम में ताजा मिल जाती है। अतः इस मौसम में बनाया गया अचार ज्यादा अच्छा बनता है।
— अचार भरने से पहले काँच की बरनी को अच्छी तरह सुखा लें।
— अचार भरने के बाद बरनी का मुंह किसी सफेद मलमल के कपड़े से बांधकर धूप में रख दें। इससे अचार में धूप व हवा लगती रहेगी तथा अतिरिक्त नमी निकल जाएगी।
— अचार का स्वाद पूरी तरह उभरने में चार -पाँच दिन लग जाते हैं।
— यह अचार गठिया व रक्त विकार के रोगियों के लिए भी फायदेमंद होता है।
— यह अचार की खटाई न खा सकने वाले लोग भी खा सकते हैं।
— यह अचार कम मात्रा में ही खाएं क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है।
— अचार पूरी तरह तेल में डूबा हुआ रहने पर ख़राब नहीं होता है।
— अचार निकालते समय साफ चम्मच का ही उपयोग करें।