अचार ख़राब होने और फफूंद लगने से बचाने के लिए अचार डालते समय और उसे भरते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। इसी के उपाय यहाँ बताये गए ह...
अचार ख़राब होने और फफूंद लगने से बचाने के लिए अचार डालते समय और उसे भरते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। इसी के उपाय यहाँ बताये गए है , इन्हे जानें और चटपटे अचार का आनंद लें।
अचार बनाने के बाद उसका सही तरीके से रख रखाव बहुत जरूरी है। छोटी छोटी सावधानियों से अचार को लम्बे समय तक खराब होने से बचाया जा सकता है।
अचार ख़राब होने के कारण
Reasons of pickle spoil
अचार ख़राब Achar kharab होने का मुख्य कारण फफूंद Fungus लगना होता है। अचार में डाली जाने वाली सामग्री में नमी रह जाने के कारण भी यह समस्या हो सकती है।
अचार के ऊपर की तेल की सतह अचार को ख़राब होने से बचाती है। अचार के ऊपर तेल पर्याप्त मात्रा में नहीं होने के कारण अचार ख़राब हो सकता है।
इसके अलावा अचार बनाने में काम में लिए जाने वाले बर्तन तथा चम्मच आदि पूरी तरह साफ नहीं हो तो यह अचार ख़राब होने का कारण बन सकता है।
अचार बनाने की सामग्री जैसे केरी , नींबू , आंवला आदि पर दाग धब्बे होने पर अचार ख़राब होने और फफूंद fungus लगने की संभावना होती है।
शुरू-शुरू में अचार को हिलाना होता है, इसमें कमी होने पर अचार ख़राब हो सकता है। हर मौसम में अलग अलग अचार बनते है।
अचार कैसे भरें – How to store pickle
— अचार जिस कंटेनर में भर कर रखना हो वह कांच या चीनी मिटटी का होना चाहिए। धातु Metal के बर्तन जैसे स्टील के बर्तन में अचार स्टोरेज के लिए काम में नहीं लेना चाहिए , इससे अचार बिगड़ सकता है।
— प्लास्टिक के जार में भी अचार खराब नहीं होता हैं लेकिन स्वास्थ्य की दृष्टि से अच्छा नहीं रहता अतः कोशिश करें की अचार भरने के लिए जार कांच का ही लें।
— अचार भरने से पहले कंटेनर को डिटर्जेंट व गर्म पानी से अच्छी तरह धोकर साफ करें व पूरी तरह सूखने के बाद ही उसमें अचार भरें ।
— एक कटोरी में थोड़ी सी हींग जलाएं , जब हींग जलने लगे तब साफ किया हुआ कंटेनर इस पर उल्टा रख दे इससे हींग का धुआँ उसमें भर जायेगा। दस मिनट इसी तरह रखने के बाद इसमें अचार भरें।
इससे कंटेनर में एक परत बन जाती है जो अचार को जल्दी खराब होने से बचाने का काम करती है। इस प्रक्रिया से हींग की बहुत अच्छी महक भी अचार में आएगी।
— अचार हमेशा साफ ,सूखे हाथ व चम्मच से निकालें इससे अचार खराब नहीं होगा।
— अचार भरे जाने वाले कंटेनर को धोकर सुखाने के बाद कपड़े के टुकड़े या रुई की सहायता से कंटेनर के अंदर चारो और सिरका लगाने के बाद अचार भरने से अचार खराब नहीं होता है ।
अचार का रख रखाव – How to protect pickle
— अचार बनाने के बाद दो तीन दिन अचार को मलमल के कपड़े से ढक कर धूप में रखे ताकि अचार की नमी निकल जाये और अचार लम्बे समय तक खराब नहीं हो।
— अचार के मसाले में नमी होने पर भी अचार जल्दी खराब हो सकते है इसीलिए मसालों को अचार बनाने से पहले थोड़ा भून लें या धूप में रखकर नमी निकाल दें।
— अचार कई तरह से बनाए जाते है जैसे तेल वाले अचार , बिना तेल वाले अचार , मीठे अचार। कुछ अचार एक महीने के लिए बनते हैं तो कुछ अचार पूरे साल काम में लिए जाते है।
— अचार में नमक प्रिजर्वेटिव का काम करता है। नमक की मात्रा कम होने पर भी अचार खराब हो सकते हैं।
— तेल वाले अचार में अचार का तेल में डूबा रहना जरूरी होता है , छोटे कंटेनर में भी । इससे फंगस से बचाव होता है।
— मीठा अचार बनाते समय अचार में पानी नही रहना चाहिए । यदि चाशनी वाला अचार बना रहे है तो चाशनी का एक तार जितना पकाना जरूरी होता है।
— रोजाना काम में लेने के लिए अचार को बड़े कंटेनर से कांच के किसी छोटे कंटेनर में निकाल ले इससे अचार जल्दी खराब नहीं होते और काम में लेने में भी सुविधा रहती है।
— अचार हमेशा तेल में डूबा रहना चाहिए। एक बार अचार निकलने के बाद बचे हुए अचार को वापस अच्छे से डुबो दें ताकि अचार के ऊपर तक तेल रहे और अचार तेल में डूबा रहे।
— अचार को दो महीने में एक बार धूप में रखने से अचार जल्दी खराब नहीं होते हैं ।
— अचार को खराब होने से बचाने के लिए इसमें सिरका मिला देने से जल्दी ख़राब नहीं होते लेकिन स्वाद थोड़ा बदल सकता है।
अचार का सामान कैसे तैयार करें -How to prepare pickle
— अचार बनाने के लिए मौसम में आने वाली सामग्री जैसे कैरी या सब्जिया आदि लेनी चाहिए।
— अचार बनाने वाली सब्जियों को थोड़ी देर पानी में भिगोकर रखें उसके बाद अच्छी तरह धोकर साफ कपड़े से पोंछ कर सुखा लें।
— कच्चे आम यानि केरी का अचार के लिए केरी में जाली विकसित होने के बाद इसका अचार बनाना चाहिए।
— आम के अचार के लिए केरी गूदेदार , सख्त और कम रेशे वाली होनी चाहिए।
— आँवले का अचार बनाने के लिए आंवले सख्त व ताजे होने चाहिए। अचार छोटे आँवलो से भी बनाया जा है लेकिन आंवला मुरब्बा बनाने के लिए आंवले बड़े सख्त , ताजे व बिना दाग वाले होने चाहिए।
— नींबू का अचार बनाने के लिए पतले छिलके के नींबू का उपयोग करना चाहिए। जिन्हे कागजी नींबू के नाम से जाना जाता है।
— कुछ अचार सब्जियों को उबालकर बनाये जाते है। इस प्रकार के अचार में सब्जियों को उबालने के बाद मलमल के कपड़े पर फैलाकर सारी नमी सूखा लें उसके बाद ही अचार डालें।
अचार के लिए कौनसा तेल
oil for pickle
अचार में कौनसा तेल काम में लेना चाहिए यह सवाल अक्सर सामने आता है । अचार बनाने के लिए अलग अलग प्रान्त में अलग अलग तेल काम मे लिए जाते है जैसे उत्तर भारत में सरसो के तेल और दक्षिण भारत में नारियल का तेल प्रयोग में लाया जाता है तो कुछ जगह मूंगफली का या तिल का तेल भी काम में लिया जाता है।
आपने बचपन से जिस तेल में बने अचार का आनंद लिया होता है ,आपको वही स्वाद पसंद आता है। सरसों के तेल और तिल के तेल में बने अचार शानदार स्वाद देते है। यदि आपको अपने बनाये अचार में तेल कम लगे तो एक्सट्रा तेल डालने से पहले तेल को पूरी तरह गर्म कर ले , फिर जब ठंडा हो जाए तब अचार में डालें ।
अचार बनाते समय ध्यान रखने योग्य बातें
Achar making tips
— साफ सफाई का पूरा ध्यान रखे।
— अचार बनाने वाली सब्जी व मसाले आदि किसी भी चीज में नमी न रहें।
— सब्जियाँ ताजी व बिना दाग धब्बे वाली हो।
— आचार में मसाले जैसे लालमिर्च व हल्दी आदि तेज गर्म तेल में डालने से जल सकते है और अचार काला पड़ सकता है अतः तेल के गुनगुने या ठंडे होने पर ही मसाले डालें।
— मीठा अचार बना रहे है तो चाशनी का पर्याप्त गाढ़ा होना बहुत जरूरी है।
— अचार में नमक की सही मात्रा होने पर भी अचार जल्दी खराब नहीं होता है।
— अचार में तेल , नमक , शक़्कर , हींग व सिरका आदि संरक्षण प्रिजर्वेशन का काम करते है।