पीसीओडी PCOD होना इन दिनों में बहुत आम समस्या है। पीसीओडी ( Polycystic Ovarian disease ) प्रजनन की उम्र में स्त्रियों को होने वाली ओवरी ...
पीसीओडी PCOD होना इन दिनों में बहुत आम समस्या है। पीसीओडी ( Polycystic Ovarian disease ) प्रजनन की उम्र में स्त्रियों को होने वाली ओवरी से सम्बंधित समस्या होती है जिसमें ओवरी में गांठें हो जाती है।
लाइफ स्टाइल बिगड़ने के कारण ये समस्या इन दिनों बहुत बढ़ गई है। इसके कारण मासिक धर्म अनियमित हो जाता है। माँ बनना मुश्किल होता है। PCOD का समय पर इलाज ना लेने पर डायबिटीज और ह्रदय रोग होने की संभावना बढ़ जाती है।
पीसीओडी का कोई विशेष टेस्ट नहीं होता। अनियमित मासिक धर्म होना , बार बार गर्भपात होना , आदमियों जैसे बाल आ जाना , डिप्रेशन होना आदि कुछ लक्षण देखकर और ओवरी में सूजन आदि की स्थिति देखकर ही डॉक्टर पता करते है। सोनोग्राफी कराने से ओवरी में गांठे नजर आ सकती है ।
ओवरी में गांठ और गर्भाशय में गांठ अलग समस्या हैं।
गर्भाशय में गांठ पीसीओडी होने का कारण – Reason of PCOD
PCOD kyo hota he
सामान्य तौर पर हार्मोन्स के असंतुलन से या अनुवांशिकता के कारण ये समस्या होती है। जिन लड़कियों के परिवार में किसी को यह परेशानी हो तो उन्हें भी इसके होने की सम्भावना अधिक होती है।
एण्ड्रोजन नामक पुरुष हार्मोन स्त्रियों के शरीर में भी बनता है। इसके अधिक बनने पर ओवरी में अंडा अविकसित रह जाता है और वह ओवरी से बाहर नहीं निकल पाता। जिसके कारण गांठें बन जाती है।
इस हार्मोन के अधिक बनने का कारण इन्सुलिन का ज्यादा बनना भी हो सकता है। इन्सुलिन शक्कर और स्टार्च को ऊर्जा में बदलता है। इस प्रकार से ज्यादा शक्कर ओवरी की गांठों का कारण हो सकती है।
पीसीओडी के लक्षण – Symptom of PCOD
PCOD ke lakshan Pahchan
मासिक धर्म शुरू होने पर इसके लक्षण दिखने लगते है। PCOD के लक्षण सभी में अलग अलग प्रकार के और ज्यादा या कम हो सकते है।
अनियमित मासिक धर्म इसका आम लक्षण होता है। किसी को पीरियड कम होते है , किसी को होना बंद हो जाते है। किसी को हेवी ब्लीडिंग होती है।
इसके कारण स्त्रियों में कुछ विशेष पुरुषों वाले लक्षण दिख सकते है। जैसे चेहरे पर , छाती पर , पेट पर , हाथ या पैरों की अँगुलियों पर अधिक बाल आना। स्तन छोटे होना। आवाज भारी होना। सिर में गंजापन आना इत्यादि।
इसके अलावा चेहरे पर फुंसियाँ होना , वजन का बढ़ना , कोशिश करने पर भी वजन कम नहीं हो पाना , पेट के निचले हिस्से में दर्द होना , टेंशन या डिप्रेशन आदि होना तथा माँ नहीं बन सकना या बार बार गर्भपात होना भी पीसीओडी के लक्षण हो सकते है।
इसके कारण त्वचा पर मस्से जैसे उभार (Skin Tags ) आदि भी नजर आ सकते है । ऐसे लक्षण दिखने पर चेक अप जरूर करवा लेना चाहिए।
PCOD kyo hota he
सामान्य तौर पर हार्मोन्स के असंतुलन से या अनुवांशिकता के कारण ये समस्या होती है। जिन लड़कियों के परिवार में किसी को यह परेशानी हो तो उन्हें भी इसके होने की सम्भावना अधिक होती है।
एण्ड्रोजन नामक पुरुष हार्मोन स्त्रियों के शरीर में भी बनता है। इसके अधिक बनने पर ओवरी में अंडा अविकसित रह जाता है और वह ओवरी से बाहर नहीं निकल पाता। जिसके कारण गांठें बन जाती है।
इस हार्मोन के अधिक बनने का कारण इन्सुलिन का ज्यादा बनना भी हो सकता है। इन्सुलिन शक्कर और स्टार्च को ऊर्जा में बदलता है। इस प्रकार से ज्यादा शक्कर ओवरी की गांठों का कारण हो सकती है।
पीसीओडी के लक्षण – Symptom of PCOD
PCOD ke lakshan Pahchan
मासिक धर्म शुरू होने पर इसके लक्षण दिखने लगते है। PCOD के लक्षण सभी में अलग अलग प्रकार के और ज्यादा या कम हो सकते है।
अनियमित मासिक धर्म इसका आम लक्षण होता है। किसी को पीरियड कम होते है , किसी को होना बंद हो जाते है। किसी को हेवी ब्लीडिंग होती है।
इसके कारण स्त्रियों में कुछ विशेष पुरुषों वाले लक्षण दिख सकते है। जैसे चेहरे पर , छाती पर , पेट पर , हाथ या पैरों की अँगुलियों पर अधिक बाल आना। स्तन छोटे होना। आवाज भारी होना। सिर में गंजापन आना इत्यादि।
इसके अलावा चेहरे पर फुंसियाँ होना , वजन का बढ़ना , कोशिश करने पर भी वजन कम नहीं हो पाना , पेट के निचले हिस्से में दर्द होना , टेंशन या डिप्रेशन आदि होना तथा माँ नहीं बन सकना या बार बार गर्भपात होना भी पीसीओडी के लक्षण हो सकते है।
इसके कारण त्वचा पर मस्से जैसे उभार (Skin Tags ) आदि भी नजर आ सकते है । ऐसे लक्षण दिखने पर चेक अप जरूर करवा लेना चाहिए।
पीसीओडी का इलाज – PCOD Treatment
PCOD ka Ilaj
जिन महिलाओं का वजन अधिक होता है उन्हें शरीरिक गतिविधि बढ़ाने की सलाह दी जाती है। तेज चलने वाली एक्सरसाइज ( Brisk walk ) करने , जोगिंग करने या योगासन आदि करने से वजन कम होकर इसमें आराम मिलता है। इसके अलावा खाने पीने में सावधानी रखने की सलाह दी जाती है।
फल , बीन्स , बादाम ,अखरोट आदि नट्स , हरी सब्जी , चोकर युक्त आटा आदि फाइबर वाला खाना फायदेमंद साबित होता है। तेज मिर्च मसाले वाला , तला हुआ , अधिक चिकनाई वाला खाना नहीं खाना चाहिए। इस प्रकार मोटापा कम करने के प्रयास करना चाहिए ।
5 किलो भी वजन कम होता है तो पीसीओडी से होने वाली परेशानी कम हो जाती है। इससे रक्त में ग्लूकोस की मात्रा कम होकर डायबिटीज कंट्रोल होती है , ब्लड प्रेशर सही रहता है , कोलेस्ट्रॉल कम होता है और मासिक धर्म भी नियमित होता है।
जिन्हें माँ नहीं बनना उन्हें पिल्स दी जाती है। पिल्स से पुरुष हार्मोन कम होता है। फुंसियां ठीक होती है। माहवारी नियमित होती है। जिन्हें माँ बनना हो उन्हें ओव्यूलेशन बढ़ाने वाली दवा दी जाती है।
यदि चेहरे पर बाल अधिक हो तो पुरुष हार्मोन एंड्रोजन कम करने की दवा दी जाती है।
जरूरत के मुताबिक छोटा आपरेशन भी किया जा सकता है।
स्मोकिंग से पुरुष हार्मोन एंड्रोजन बढ़ता है अतः स्मोकिंग नहीं करनी चाहिए।
PCOD ka Ilaj
जिन महिलाओं का वजन अधिक होता है उन्हें शरीरिक गतिविधि बढ़ाने की सलाह दी जाती है। तेज चलने वाली एक्सरसाइज ( Brisk walk ) करने , जोगिंग करने या योगासन आदि करने से वजन कम होकर इसमें आराम मिलता है। इसके अलावा खाने पीने में सावधानी रखने की सलाह दी जाती है।
फल , बीन्स , बादाम ,अखरोट आदि नट्स , हरी सब्जी , चोकर युक्त आटा आदि फाइबर वाला खाना फायदेमंद साबित होता है। तेज मिर्च मसाले वाला , तला हुआ , अधिक चिकनाई वाला खाना नहीं खाना चाहिए। इस प्रकार मोटापा कम करने के प्रयास करना चाहिए ।
5 किलो भी वजन कम होता है तो पीसीओडी से होने वाली परेशानी कम हो जाती है। इससे रक्त में ग्लूकोस की मात्रा कम होकर डायबिटीज कंट्रोल होती है , ब्लड प्रेशर सही रहता है , कोलेस्ट्रॉल कम होता है और मासिक धर्म भी नियमित होता है।
जिन्हें माँ नहीं बनना उन्हें पिल्स दी जाती है। पिल्स से पुरुष हार्मोन कम होता है। फुंसियां ठीक होती है। माहवारी नियमित होती है। जिन्हें माँ बनना हो उन्हें ओव्यूलेशन बढ़ाने वाली दवा दी जाती है।
यदि चेहरे पर बाल अधिक हो तो पुरुष हार्मोन एंड्रोजन कम करने की दवा दी जाती है।
जरूरत के मुताबिक छोटा आपरेशन भी किया जा सकता है।
स्मोकिंग से पुरुष हार्मोन एंड्रोजन बढ़ता है अतः स्मोकिंग नहीं करनी चाहिए।