खुद के भविष्य को जाने (11 Ways to know your future)

वर्तमान सुधारो तो भविष्य सुधर जाएगा।  हर व्यक्ति खुद का या दूसरा को भविष्य जानने को बहुत उत्सुक रहता है तभी को देश में लाखों ज्योतिष और...


वर्तमान सुधारो तो भविष्य सुधर जाएगा। हर व्यक्ति खुद का या दूसरा को भविष्य जानने को बहुत उत्सुक रहता है तभी को देश में लाखों ज्योतिष और बाबा मौजूद है। 

भविष्य में झांकने के 11 सबसे सटीक, सरल और सही तरीके।



पहला तरीका

ज्योतिष विद्या : बहुत से लोग इस विद्या पर विश्वास करते हैं इसलिए पहले हम इस विद्या के बारे में ही बात करते हैं। भारत में लगभग 150 से ज्यादा ज्योतिष विद्या प्रचलित है। कुंडली ज्योतिष, लाल किताब की विद्या, अंक ज्योतिष, नंदी नाड़ी ज्योतिष, पंच पक्षी सिद्धान्त, हस्तरेखा ज्योतिष, नक्षत्र ज्योतिष, अंगूठा शास्त्र, सामुद्रिक विद्या, चीनी ज्योतिष, वैदिक ज्योतिष, टेरो कार्ड आदि।

बहुत से विद्वान मानते हैं कि यदि आप लाल किताब, सामुद्रिक शास्त्र, हस्तरेखा ज्योतिष, नक्षत्र ज्योतिष और अंगुठा शास्त्र का गहराई से अध्ययन कर लें तो आपको अपना भविष्य नजर आने लग जाएगा। ज्योतिष विद्या भारत की प्राचीन विद्या है और व्यक्ति का भविष्‍य बताने में सक्षम है। यह अलग बात हैं कि इस विद्या के जानकार आजकल मिलते नहीं है।


दूसरा तरीका

सपनों से जाने भविष्य : स्वप्न शात्र का भी भारत में प्रचलन है। हालांकि स्वप्न फल अति विस्तृत विषय है और आवश्यक नहीं कि प्रत्येक स्वप्न का फल विशेष हो अथवा भविष्य से संबंध रखता हो। स्वप्नों का हिन्दू धर्म में बहुत महत्व माना गया है। यह आपकी जिंदगी का संपूर्ण हाल बयां कर देता है और भविष्य की गति भी बता देता है।

हालांकि कई स्वप्न हमारी पाचन प्रणाली से संबंधित होते हैं जो प्राय: रात्रि 2 बजे से पहले आते हैं क्योंकि उस समय तक रात्रि का भोजन अभी आमाशय में पचा नहीं होता तथा वात प्रवृत्ति का होता है। इस समय आकाश में घूमने, काले रंग, आंधी, गंदे जल आदि के स्वप्न दिखाई देते हैं।

जो व्यक्ति स्वप्न में सिंह-घोड़ा-हाथी-बैल, घोड़ों से जुड़े रथ देखता है, वह नि:संदेह अल्पकाल में उन्नति पद, प्रतिष्ठा प्राप्त करता है। स्वप्न में फल, फूल खाते, सूंघते देखने वाला व्यक्ति धनवान होता है। देव मूर्त, देव दर्शन, आलौकिक प्रकाश अति शुभ एवं भाग्योन्नति का सूचक होता है। इसी तरह अन्य सपनों के अन्य फल या भविष्य होते हैं।


तीसरा तरीका

विचारों से बनता भविष्य : भगवान कृष्ण और बुद्ध कहते हैं कि आज आप जो भी हैं, वह आपके पिछले विचारों का परिणाम है। विचार ही वस्तु बन जाते हैं। इसका सीधा-सा मतलब यह है कि हम जैसा सोचते हैं, वैसा ही भविष्य का निर्माण करते हैं। अब आप अपनी सोच पर ध्यान देकर जान सकते हैं कि आप किस ओर जा रहे हैं। यदि आपकी सोच में नकारात्मकता ज्यादा है तो भविष्य भी नकारात्मक ही निकलेगा। आकर्षण का नियम कहता है कि आप जिस चीज़ पर फोकस करते हैं वह सक्रिय हो जाती है।

वैज्ञानिक कहते हैं कि मानव मस्तिष्क में 24 घंटे में लगभग 60 हजार विचार आते हैं। उनमें से ज्यादातर नकारात्मक होते हैं। नकारात्मक विचारों का पलड़ा भारी है तो फिर भविष्य भी वैसा ही होगा और यदि ‍मिश्रित विचार हैं तो मिश्रित भविष्य होगा। अधिकतर लोग नकारात्मक फिल्में, सीरियल और गाने देखते रहते हैं इससे उनका मन और मस्तिष्क वैसा ही निर्मित हो जाता है। वे गंदे या जासूसी उपन्यास पढ़कर भी वैसा ही सोचने लगते हैं। आजकल तो इंटरनेट हैं, जहां हर तरह की नकारात्मक चीजें ढूंढी जा सकती हैं। न्यूज चैनल दिनभर नकारात्मक खबरें ही दिखाते रहते हैं जिन्हें देखकर सामूहिक रूप से समाज का मन और मस्तिष्क खराब होता रहता है।


चौथा तरीका

टेलीपैथी से जानें भविष्य : टेलीपैथी को हिन्दी में दूरानुभूति कहते हैं। 'टेली' शब्द से ही टेलीफोन, टेलीविजन आदि शब्द बने हैं। ये सभी दूर के संदेश और चित्र को पकड़ने वाले यंत्र हैं। आदमी के मस्तिष्क में भी इस तरह की क्षमता होती है। कोई व्यक्ति जब किसी के मन की बात जान ले या दूर घट रही घटना को पकड़कर उसका वर्णन कर दे तो उसे पारेंद्रिय ज्ञान से संपन्न व्यक्ति कहा जाता है। महाभारतकाल में संजय के पास यह क्षमता थी। उन्होंने दूर चल रहे युद्ध का वर्णन धृतराष्ट्र को कह सुनाया था।

भविष्य का आभास कर लेना भी टेलीपैथिक विद्या के अंतर्गत ही आता है। किसी को देखकर उसके मन की बात भांप लेने की शक्ति हासिल करना तो बहुत ही आसान है। इस शक्ति को योग में मन:शक्ति योग कहते हैं। ज्ञान की स्थिति में संयम होने पर दूसरे के चित्त का ज्ञान होता है। यदि चित्त शांत है तो दूसरे के मन का हाल जानने की शक्ति हासिल हो जाएगी।

ज्ञान की स्थिति में संयम का अर्थ है कि जो भी सोचा या समझा जा रहा है उसमें साक्षी रहने की स्थिति। ध्यान से देखने और सुनने की क्षमता बढ़ाएंगे तो सामने वाले के मन की आवाज भी सुनाई देगी। इसके लिए नियमित अभ्यास की आवश्यकता है।


पांचवां तरीका

सम्मोहन विद्या : सम्मोहन विद्या भारतवर्ष की प्राचीनतम और सर्वश्रेष्ठ विद्या है। सम्मोहन विद्या को ही प्राचीन समय से 'प्राण विद्या' या 'त्रिकालविद्या' के नाम से पुकारा जाता रहा है। अंग्रेजी में इसे हिप्नोटिज्म कहते हैं। सम्मोहन का अर्थ वशीकरण नहीं है।

वर्तमान में इस विद्या के माध्यम से व्यक्ति की मानसिक चिकित्सा ही नहीं की जाती बल्कि उसके व्यक्तित्व को भी निखारा जाता है। लेकिन इस विद्या द्वारा आप अपना और दूसरों का भविष्य भी जान सकते हैं। द्वितीय विश्वयुद्ध में इसी विद्या द्वारा जापानी सेनाओं की पोजिशन जानी जा सकी थी। यह एक चमत्कारिक विद्या है। इस पर रशिया, जर्मन और अमेरिका में पहले भी बहुत रिसर्च हुए हैं।


छठा तरीका

परा और अपरा विद्या : हिन्दू धर्मग्रंथों में 2 तरह की विद्याओं का उल्लेख किया गया है- परा और अपरा। यह परा और अपरा ही लौकिक और पारलौकिक कहलाती है।

दुनिया में ऐसे कई संत या जादूगर हैं, जो इन विद्याओं को किसी न किसी रूप में जानते हैं। वे इन विद्याओं के बल पर ही भूत, भविष्य का वर्णन कर देते हैं और इसके बल पर ही वे जादू और टोना करने की शक्ति भी प्राप्त कर लेते हैं।

यह परा और अपरा शक्ति 4 तरह से प्राप्त होती है- देवताओं द्वारा, योग साधना द्वारा, तंत्र-मंत्र द्वारा और किसी चमत्कारिक औषधि या वस्तुओं द्वारा। परा विद्या के पूर्व अपरा विद्या का ज्ञान होना जरूरी है।


सातवां तरीका


पेंडुलम डाउजिंग : हमारे अवचेतन मन में वह शक्ति होती है कि हम एक ही पल में इस ब्रह्मांड में कहीं भी मौजूद किसी भी तरंग से संपर्क कर सकते हैं। सारा ब्रह्मांड तरंगों के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है। उन तरंगों के माध्यम से हम जो जानना चाहते हैं या हमारे जो भी सवाल होते हैं, जैसे जमीन के अंदर पानी खोजना, खोई हुई चीजों को तलाशना या भविष्य में होने वाली घटना को जानना उसे हम 'डाउजिंग' कहते हैं।

डाउजिंग किसी भी छुपी हुई बात को खोजने वाली विद्या है। इसके लिए हम पेंडुलम या डाउजिंग रॉड का उपयोग करते हैं। इनमें से कोई यंत्र को हाथों से पकड़कर जब हम कोई सवाल करते हैं तो यह पेंडुलम अपने आप गति करने लगता है। जिसे हम निर्देश दे सकते हैं कि यदि जवाब सकारात्मक है तो सीधे हाथ की ओर गति करना है और जवाब यदि नकारात्मक है तो उलटे हाथ की ओर गति करना है।


आठवां तरीका

जैसी मति वैसी गति : तीन अवस्थाएं हैं- जाग्रत, स्वप्न और सुषुप्ति। जगत तीन स्तरों वाला है- एक स्थूल जगत जिसकी अनुभूति जाग्रत अवस्था में होती है। दूसरा, सूक्ष्म जगत जिसका स्वप्न में अनुभव करते हैं तथा तीसरा, कारण जगत जिसकी अनुभूति सुषुप्ति में होती है।

उक्त तीनों अवस्थाओं में विचार और भाव निरंतर चलते रहते हैं। जो विचार धीरे-धीरे जाने-अनजाने दृढ़ होने लगते हैं वे धारणा का रूप धर लेते हैं। हमारी यह धारणा ही भविष्य का निर्माण करती है। अत: अपनी दृढ़ हो गई धारणा को समझें। वह आपका डर भी हो सकता, आशंका भी और आपकी कल्पनाएं भी। धारणा बन गए विचार ही आपके स्वप्न का हिस्सा बन जाते हैं। धारणा कई तरह की होती है। हर धर्म आपको एक अलग तरह की धारणा से ग्रसित कर देता है।

वैज्ञानिकों ने आपके मस्तिष्क की सोच, कल्पना और आपके स्वप्न पर कई तरह के प्रयोग करके जाना है कि आप हजारों तरह की झूठी धारणाओं, भय, आशंकाओं आदि से ग्रसित रहते हैं, जो कि आपके जीवन के लिए जहर की तरह कार्य करते हैं। वैज्ञानिक कहते हैं कि भय के कारण नकारात्मक विचार बहुत तेजी से मस्तिष्क में घर बना लेते हैं और फिर इनको निकालना बहुत ही मुश्किल होता है। यह धारणाएं ही आपके भविष्य का निर्माण करती है।


नौवां तरीका

संकेतों से जाने भविष्य : संकेतों के अंतर्गत तिल विचार, अंग फड़कना और आसपास की प्रकृति और वातावरण को समझना आदि आते हैं। तिष के एक ग्रन्थ समुद्र शास्त्र में शरीर के अंगों के फड़कने के अर्थों का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है।

उदाहरणार्थ किसी भी घटना के घटने से पहले हमारे शरीर के कुछ अंगों में कंपन आदि संकेत शुरू हो जाते हैं जैसा कि रामायण में भी आता है कि जैसे ही भगवान राम जब रावण से युद्ध करने के लिए निकले तभी से सीता माता को शुभ संकेत मिलने शुरू हो गए थे और रावण को सभी अशुभ संकेत आने लगे।

अंग फड़कना विचार:-

* पुरुष के शरीर का अगर बायां भाग फड़कता है तो भविष्य में उसे कोई दुखद घटना झेलनी पड़ सकती है। वहीं अगर उसके शरीर के दाएं भाग में हलचल रहती है तो उसे जल्द ही कोई बड़ी खुशखबरी सुनने को मिल सकती है। जबकि महिलाओं के मामले में यह उलटा है।

* किसी व्यक्ति के माथे पर अगर हलचल होती है तो भौतिक सुख
* कनपटी के पास फड़कन पर धन लाभ होता है।

* मस्तक फड़के तो भू-लाभ मिलता है।
* ललाट का फड़कना स्नान लाभ दिलाता है।

* नेत्र का फड़कना धन लाभ दिलाता है।
* यदि दाईं आंख फड़कती है तो सारी इच्छाएं पूरी होने वाली हैं

* बाईं आंख में हलचल रहती है तो अच्छी खबर मिल सकती है।
* अगर दाईं आंख बहुत देर या दिनों तक फड़कती है तो यह लंबी बीमारी।

* यदि कंधे फड़के तो भोग-विलास में वृद्धि होती है।
* दोनों भौंहों के मध्य फड़कन सुख देने वाली होती है।

* कपोल फड़के तो शुभ कार्य होते हैं।
* नेत्रकोण फड़के तो आर्थिक उन्नति होती है।

* आंखों के पास फड़कन हो तो प्रिय का मिलन होता है।
* होंठ फड़क रहे हैं तो वन में नया दोस्त आने वाला है।

* हाथों का फड़कना उत्तम कार्य से धन मिलने का सूचक है।
* वक्षःस्थल का फड़कना विजय दिलाने वाला होता है।

* हृदय फड़के तो इष्टसिद्धी दिलाती है।
* नाभि का फड़कना स्त्री को हानि पहुँचाता है।

* उदर का फड़कना कोषवृद्धि होती है,
* गुदा का फड़कना वाहन सुख देता है।

* कण्ठ के फड़कने से ऐश्वर्यलाभ होता है।
* ऐसे ही मुख के फड़कने से मित्र लाभ होता है और होठों का फड़कना प्रिय वस्तु की प्राप्ति का संकेत देता है।


पक्षियों व जानवरों का व्यावहार बदलना:-

*चींटी जब अपने अंडे ऊंचाई पर ले जाने लगे तो बारिश जरूर आती है।

*कौवा के छत पर कांव कांव करने से किसी के आने का आभास होता है।
*किसी भी घर या दुकान के मेन दरवाजे पर मकड़ी का जाला, वाहां ताला लगने का आभास कराता है।

*किसी भी अधिक बीमार को सफेद पक्षी देखना, मृत्यु का आभास है।
*यदि चलते हुए व्यक्ति पर चिड़िया बीट कर दे तो उसे राह में पड़ा हुआ धन मिलता है।

*छिपकली का किसी पर गिरना अधिकतर शुभ माना गया है।
*कबूतर को अशुभ माना गया है।

*तोते का दर्शन शुभ माना गया है।
*बिल्ली को अशुभ माना गया है।

*बकरी-बकरा शुभ माना गया है।
*मुर्गा शुभ माना गया है।
*हाथी दर्शन अति शुभ माना गया है।

*सूअर भी शुभ माना गया है।
*सांप के दर्शन दुखदाई है।
*चमगादड़ को देखना दुख, धोका, जादूटोना आदि।

*मधुमखी को अति शुभ माना गया है।
*घोड़ा भी शुभ माना गया है। भूतादि घोड़े से दूर रहते हैं।

•चील अशुभ है। चील जिस पेड़ पर आती है वो पेड़ सूख जाता है।
*चूहा यदि बिना कारण के मकान को छोड़ दे तो मकान गिर जाता है।


दसवां तरीका

पूर्वाभास : भविष्य में होने वाली घटना का पहले से संकेत मिलना ही पूर्वाभास है। कुछ लोगों में यह अतीन्द्रिय ज्ञान काफी विकसित होता है और कुछ लोगों में कम। पशुओं और पक्षियों में यह अ‍तीन्द्रिय ज्ञान सामान्य तौर पर पाया जाता है। कुत्ते, बिल्ली, कौवे और अन्य पक्षियों में यह ज्ञान अति विकसित होता है। वैज्ञानिक इसे छठी इंद्रिय का ज्ञान कहते हैं।

विल्हेम वॉन लिवनीज नामक वैज्ञानिक का कहना है- 'हर व्यक्ति में यह संभावना छिपी पड़ी है कि वह अपनी अन्तर्प्रज्ञा को जगाकर भविष्य काल को वर्तमान की तरह दर्पण में देख ले।' केम्ब्रिज विश्वविद्यालय के एक भौतिकी विद्वान एड्रियन डॉन्स ने फरमाया था, 'भविष्य में घटने वाली हलचलें वर्तमान में मानव मस्तिष्क में एक प्रकार की तरंगें पैदा करती हैं, जिन्हें साइट्रॉनिक वेवफ्रंट कहा जा सकता है। इन तरंगों की स्फुरणाओं को मानव मस्तिष्क के स्नायुकोष (न्यूरान्स) पकड़ लेते हैं। इस प्रकार व्यक्ति भविष्य-कथन में सफल होता है।

डरहम विश्वविद्यालय इंग्लैंड के गणितज्ञ एवं भौतिकीविद् डॉ. गेरहार्ट डीटरीख वांसरमैन का कथन है, 'मनुष्य को भविष्य का आभास इसलिए होता रहता है कि विभिन्न घटनाक्रम टाइमलेस (समय-सीमा से परे) मेंटल पैटर्न (चिंतन क्षेत्र) के निर्धारणों के रूप में विद्यमान रहते हैं। ब्रह्मांड का हर घटक इन घटनाक्रमों से जुड़ा होता है, चाहे वह जड़ हो अथवा चेतन।' 

यदि लगातार ध्यान किया जाए और अपनी भाविनाओं या आभासों और संकेतों की ओर ध्यान दिया जाए तो भविष्य में होने वाली घटनाओं को जानकर टाला जा सकता है। अत: खुद के व्यवहार, शरीर और मन के संकेतों को समझे। पूर्वाभास के लिए चित्त का शान्त होना अति आवश्यक है। अपनी अंतर आत्मा कि आवाज सुनना जरूरी है।


ग्यारहवाँ तरीका
सच्चे सपने आए-यह पाया जा रहा है कि जब आपके रात के सपने सच हो और आपको अपने सामान्य जीवन की दिनचर्या में यह एहसास हुआ कि आपके आस-पास होने वाली चीजें वैसी ही हैं जैसा कि आप सपने में देखते हैं . यह एक बुरा संकेत है, यह इंगित करता है कि खुद के साथ य निकट और प्रिय के लिए कुछ बुरा हो रहा है.
नाम

10th,2,12th,3,12th result,1,अक्षरब्रह्मयोग ~ अध्याय आठ ~ AksharBrahmaYog ~ Bhagwat Geeta Chapter 8,1,अम्बे जी की आरती,1,अर्जुनविषादयोग ~ भगवत गीता ~ अध्याय एक - Bhagwat Geeta Chapter 1,1,अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम्,1,आज के इतिहास (History Today),366,आत्मसंयमयोग ~ अध्याय छः ~ AtmSanyamYog Bhagwat Geeta Chapter 6,1,आरती कुंज बिहारी की,1,आरती चालीसा,50,ईसाई धर्म,1,ऑनलाइन इनकम,14,करियर,10,कर्मयोग~ भगवत गीता ~ अध्याय तीन - Karmyog Bhagwat Geeta Chapter 3,1,कर्मसंन्यासयोग ~ अध्याय पाँच ~ KarmSanyasYog Bhagwat,1,कहानियाँ,5,कानून,2,कीर्ति खरबंदा,1,क्षेत्र-क्षेत्रज्ञविभागयोग ~ अध्याय तेरह ~ Ksetra-Ksetrajnay Vibhag Yog ~ Bhagwat Geeta Chapter 13,1,खान-पान,231,गणेश पञ्चरत्नं,1,गीता,19,गुणत्रयविभागयोग ~ अध्याय चौदह ~ GunTrayVibhagYog ~ Bhagwat Geeta Chapter 14,1,गुरुनानक गुरुजी के द्वारा हमे दी गयी शिक्षाएं,1,चुनाव,3,जगदीश जी की आरती,1,जीवन बीमा प्रश्नोत्तरी,2,जीवनी,2,ज्ञानकर्मसंन्यासयोग ~ अध्याय चार ~ GyanKarmSanyasYog Bhagwat Geeta Chapter 4,1,ज्ञानविज्ञानयोग ~ अध्याय सात ~ GnyanVignyanYog ~ Bhagwat Geeta Chapter 7,1,झांवी कॉमिक्स,12,टेक ज्ञान,1,त्योहार,1,देश,2,देश-विदेश,3,दैवासुरसम्पद्विभागयोग ~ अध्याय सोलह ~ DaiwaSurSampdwiBhagYog ~ Bhagwat Geeta Chapter 16,1,धर्म,2,नौकरी,15,न्यूज़,2,पढ़ाई,4,पुरुषो के लिए,1,पुरुषोत्तमयोग ~ अध्याय पंद्रह ~ PurushottamYog ~ Bhagwat Geeta Chapter 15,1,पूर्णिमा व्रत कथा,1,पौधे रोपण-खेतीबाड़ी,19,प्रश्नोत्तरी,12,फैशन,52,बच्चो के लिए,2,बच्चों के लिए,28,बागवानी,19,बिज़नस,1,बिजनेस फाइनेंस,21,बुद्ध धर्म,1,बैंक,1,बॉलीवुड,262,ब्लॉग,226,भक्तियोग ~ अध्याय बारह ~ BhaktiYog ~ Bhagwat Geeta Chapter 12,1,भगवत गीता,19,भगवत भगवान की आरती,1,भजन कीर्तन,44,भारतीय लोकतंत्र,2,भैरव जी की आरती,1,मज़ाक,1,मुस्लिम धर्म,3,मोक्षसंन्यासयोग ~ अध्याय अट्ठारह ~ MokshSanyasYog~ Bhagwat Geeta Chapter 18,1,योग,1,राजविद्याराजगुह्ययोग ~ अध्याय नौ ~ RajVidyaRajGuhyaYog ~ Bhagwat Geeta Chapter 9,1,रामायण,1,राशि उपाय,57,राशिफल 2017,1,लव लाइफ,3,लव स्टोरी,1,लिङ्गाष्टकम् स्तोत्रम्,1,लेखांकन,1,वास्तु शास्र,6,विडियो,1,विभूतियोग ~ अध्याय दस ~ VibhutiYog ~ Bhagwat Geeta Chapter 10,1,विश्वरूपदर्शनयोग ~ अध्याय ग्यारह ~ Vishwa Roop Darshan Yog ~ Bhagwat Geeta Chapter 11,1,वीडियो,4,वैज्ञानिक,1,व्यंजन रेसिपी,130,व्रत कथा,8,व्रत विधि व आरती,2,शाकम्भरी माता चालीसा,1,शिरडी साई बाबा चालीसा,1,शिरडी साई बाबा धूप आरती,1,शिव चालीसा,1,शिव जी की आरती,1,शेयर बाजार,1,श्रद्धात्रयविभागयोग ~ अध्याय सत्रह ~ Shraddha Tray Vibhag Yog ~ Bhagwat Geeta Chapter 17,1,श्री अन्नपूर्णा चालीसा,1,श्री अन्नपूर्णा माता की आरती,1,श्री काली माता की आरती,1,श्री काली माता चालीसा,1,श्री कृष्ण चालीसा,1,श्री गंगा चालीसा,1,श्री गंगा माता आरती,1,श्री गणेश चालीसा,1,श्री गणेश जी की आरती,1,श्री गायत्री चालीसा,1,श्री गायत्री माता की आरती,1,श्री चिंतपूर्णी देवी की आरती,1,श्री जीण चालीसा,1,श्री जीण माता की आरती,1,श्री दुर्गा चालीसा,1,श्री नवग्रह आरती,1,श्री नवग्रह चालीसा,1,श्री परशुराम चालीसा,1,श्री भैरव चालीसा,1,श्री मंगलवार व्रत कथा व्रत विधि व आरती,1,श्री रघुवर जी की आरती,1,श्री रविवार व्रत कथा,1,श्री राधाकृष्ण की आरती,1,श्री राम चालीसा,1,श्री रामचन्द्र जी की आरती,1,श्री लक्ष्मी माता की आरती,1,श्री लक्ष्मी माता चालीसा,1,श्री ललिता माता की आरती,1,श्री ललिता माता चालीसा,1,श्री विश्वकर्मा जी की आरती,1,श्री विश्वकर्मा जी चालीसा,1,श्री विष्णुशतनामस्तोत्रम्,1,श्री वीरभद्र चालीसा,1,श्री शनि देव चालीसा,1,श्री शनि देव जी की आरती,1,श्री सत्य नारायण व्रत कथा,1,श्री सन्तोषी माता की आरती,1,श्री सन्तोषी माता चालीसा,1,श्री सरस्वती चालीसा,1,श्री सरस्वती माता की आरती,1,श्री सोमवार व्रत कथा,1,श्री सोलह सोमवार व्रत कथा,1,श्रीराम रक्षा स्तोत्रम्,1,श्रीविष्णुसहस्रनामस्तोत्रम्‌,1,संकटनाशक गणेश स्तोत्र : प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुत्र विनायकम्,1,संस्कृत,1,सन्तान सप्तमी व्रत कथा,1,समाचार,36,समाचार चैनल LIVE,6,सांख्ययोग ~ भगवत गीता ~ द्वितीय दो - Bhagwat Geeta Chapter 2,1,साई बाबा की आरती,1,सामान्य ज्ञान,3,सालासर बालाजी की आरती,1,सिख धर्म,4,सोम प्रदोष व्रत कथा,1,स्तोत्र,7,हनुमान जी की आरती व चालीसा,1,हिन्दी सीखें,32,हिन्दू धर्म,70,हेल्थकेयर,10,हैल्थकेयर,363,Adjustment (समायोजन),21,Advance Tech (हिंदी में),5,age in banking,1,Armpits,1,Bank Reconciliation Statement (बैंक समाधान विवरण),11,banking for general class,1,Bhajan Kirtan,44,Bills of Exchange (विनिमय विपत्र),11,Business Studies (व्यवसाय),14,career,1,career development,1,Cash Book (रोकड़ बही),8,Company (कम्पनी),2,Depreciation (ह्रास),8,Diana Penty,1,Diana Penty bollywood,1,Diana Penty Desi Beuty,1,Diana Penty- desi daru,1,education,1,education in india,1,education standards,1,Entrepreneurship (उद्यमिता),26,Entrepreneurship (उद्यमिता),4,exam,1,exams.in.net,1,fail,1,Final Account (अंतिम लेखा लेखांकन),28,Finance (वित्त),2,general,1,Government Exam Practice Papers,2,GOVERNMENT EXAM PRACTICE PAPERS ANSWERS,1,govt jobs,1,indian god bhajans,44,Journal (रोजनामचा),16,Ketika Sharma Bollywood,1,Ledger (बही-खाता),11,Links,11,Management (प्रबन्ध),15,Offers,1,padai,1,poor education,1,Practice Test of IRDA (ic33 & ic 38),2,Quran,1,Rakul preet,9,Rakul Preet Beautiful Pics,1,Rectification of Errors (अशुद्धियों के सुधार),4,Rhea Chakarborty,1,sexy rakul preet,1,student life,1,Top Bhajans of all time,44,Trial Balance (संतुलन परीक्षण),9,
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खुद के भविष्य को जाने (11 Ways to know your future)
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