इंद्रजाल वशीकरण मंत्र

इंद्रजाल वशीकरण मंत्र वशीकरण के विभिन्न उपायों में तंत्र, मंत्र, यंत्र और टोटके का विशेष महत्व है, जिनका गहरा संबंध इंद्रजाल वशीकरण मंत्र से...

इंद्रजाल वशीकरण मंत्र

वशीकरण के विभिन्न उपायों में तंत्र, मंत्र, यंत्र और टोटके का विशेष महत्व है, जिनका गहरा संबंध इंद्रजाल वशीकरण मंत्र से भी है। इस बारे में कई मान्यताएं और नामाकरण हैं। कोई इसे काला जादू, मायाजाल या तिलस्मी कहता है, तो कोई इसके वशीकरण के अटूट टोटके और उपायों वाला मानता है। वैसे इसमें मायावी या क्षणभर में भ्रमित कर देने वाली अदभुत विद्या का भंडार है, जिसकी बदौलत वशीकरण और सम्मोहन के अतिरिक्त रोजमर्रे की जिंदगी में आने वाली अज्ञात बधाओं को भी दूर किया जा सकता है। इसका असर और सच इसके प्रति अटूट विश्वास पर निर्भर करता है, जो अति प्राचीन काल से किया जाता रहा है।
ऐसी मान्यता है कि इ्रद्रजाल वशीकरण की कल्पना, वर्णन और व्यवहारिक उपयोग भगवान दत्तात्रेय द्वारा की गई थी, जिसका वर्णन चाणक्य के अर्थशास्त्र, ओडिशा के राजा प्रताप रूद्रदेव की बहुर्चित ग्रंथ कौतुक चिंतामणी और सोमेश्वर के मानसोल्लास में भी किया गया है। इसमें तरह-तरह के अचंभित कर देने वाले प्रयोगों को बताया गया है, जिसके लिए घोर साधना, अनुष्ठान और अभियान की आवश्यकता होती है। इसका रहस्य आज की अत्याधुनिकता और विज्ञान प्रदत्त सुविधाओं के बावजूद अनबूझ बना हुआ है। इस विद्या को आत्मसात करना और सहजता के साथ उपयोग में लाना सबके वश की बात नहीं है। यही वजह है कि कोई इसे भ्रमजाल कहता है, तो किसी के लिए महज तिलस्म के सिवाय और कुछ नहीं।

इंद्रजाल वशीकरण
ऐसी जनश्रुति है कि इसके इस्तेमाल से आंख, मन और मस्तिष्क पलक झपकते ही धोखा खा जाते हं। इस विद्या यानि इंद्रजाल के जानकार और उपयोग करने वाले ऐंद्रजालिक कहे जाते हैं। वे इसमें समाहित संपूर्ण तंत्र, मंत्र और यंत्र के विद्वान होते हैं, जिनका उपयोग समस्याओं के सामाधान और हित के लिए करते हैं। उनकी मंशा किसी के अहित करने की नहीं होती है। वैसे उनकी नजर मं यह बौद्धिकता से भरी एक करामाती प्रयोग से असरकारी बनता है, जिनसे सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह की स्थितियां पैदा की जा सकती हैं। यहां दोनों तरह के प्रभाव व्यक्ति विशेष की जरूरतों पर निर्भर करता है। यानि कि जो बातें किसे के लिए बहुपयोगी होती हैं, वही दूसरे के लिए निरर्थक या नुकसानदायक हो सकती हैं। परंतु इसका प्रयोग अगर मानवीयता के विरूद्ध किया जाए तो उसे किसी भी दृष्टिकोण से स्वीकारा नहीं जा सकता है।
इंद्रजाल को समझना सरल नहीं है, क्योंकि इसमें वर्णित सारी बातें प्रतीकों, मुहाबरों और संकेतों के जरिए कही गई हैं। हालांकि इनमें वैदिक मंत्र, अभिमंत्रित यंत्र या फिर इस्लामिक टोटके और सीधा वार करने वाले शाबर मंत्रों का अद्भुत संग्रह है। इसमें संकलित भगवान शिव को समर्पित तंत्र – मंत्र – यंत्र के बारे में इसके जनक दत्तात्रेय का कहना है:-
ब्रह्मण काम क्रोध वश रहेऊ,
त्याहिकरण सब कीलित भयऊ,
कहौ नाथ बिन कीलेमंत्रा,
औरहु सिद्ध होय जिमितंत्रा।
इनमें शिव-दत्तात्रेय वार्तालाप के क्रम में भगवान शिव द्वारा बताए गए तांत्रिक प्रयोग हैं, जिससे षटकर्मों (शांति कर्म, वशीकरण, स्तंभन, विद्वेषण, उच्चाटन और मारण) में किए जाने वाले तांत्रिक प्रयोगों का संपूर्णता के साथ विवरण दिया गया है। रोग, कृत्य और ग्रह आदि का निवारण शांतिकरण है तथा अधिसंख्य लोगों या बड़ी संख्या में मनुष्यों को वश में कर लेना वशीकरण है। चलते हुए को रोकना स्तंभन और परस्पर मित्रता या मधुर संबंधों की प्रगाढ़ता में दुश्मनी उत्पन्न करन विद्वेश एवं स्वदेश से निकलकर दूसरे देश में जा वसना उच्चाटन कहलाता है। इनके अतिरिक्त जीवधारियों के प्राण लेना मारण कहा गया है। इसके अतिरिक्त इसमें रसायन विज्ञान, औषधि विज्ञान आदि के बारे मं चर्चा की गई है।
इंद्रजाल वशीकरण में यौन-दोष संबंधी स्तंभन, प्रेत-पिशाच, डाकिनी आदि के निवारण संबंधी उच्चाटन और दुश्मन को खत्म करने के मारण जैसे उपाय तक बताए गए हैं। इनसे संबंधित सटीक मंत्र और तंत्र का प्रयोग करने वाले तांत्रिक की अपनी खास विशिष्टता होती है। वैसे इस आधार पर भ्रमित करने वाले अधकचरी जानकारी वाले तांत्रिक की वजह से ही इसे काला जादू कहा गया है, जो अर्थहीन और अहितकारी होता है। रहस्मयी इंद्रजाल के बारे में चाणक्य के अनुयायी कामंदक ने कहा है कि इसके जरिए किसी शासक या राजनेता द्वारा लोगों को सामूहिक तौर पर वशीभूत किया जा सकता है। जबकि यदि उनको अपनी बातें मनवाना असान नहीं है, क्योंकि वे तर्क-वितर्क करते हैं या फिर आक्रमण कर सकते हैं।
इंद्रजाल वशीकरण की साधना सरल इसलिए नहीं है, क्योंकि इसमें तीन तरह की साधनाओं को संपूर्ण विधि-विधान के साथ एकसूत्र में पिरोया जाता है। वे यक्षिणी, अप्सरा और देव की साधनाएं हैं। इसे अभ्यास के साथ-साथ समर्पण से सीखा जा सकता है। इंद्रजाल के संदर्भ में एक और भ्रांति यह है कि यह एक समुद्री पौधे की है, जिसमें पत्तियां नहीं होती हैं। हालांकि यह कुछ पहाड़ी स्थलों पर भी मिलता है, जो मकड़ी के जाल की तरह होता है। इसे दुर्लभ और अमूल्य बताया गया है। इसकी महिमा का जिक्र डामरतंत्र, रावणसंहित और विश्वसार आदि ग्रंथों में पूजा स्थल में रखी जाने वाली वस्तु के रूप में की गई है। मान्यता के मुताबिक इसके विधि-विधान के साथ साफ कपड़े में लपेटकर पूजाघर में रखने से कई तरह के लाभ होते हैं। इसके प्रभाव से घर को भूत-प्रेत, जादू-टोना, बुरी नजर से बचाया जा सकता है। कुछ तांत्रिक इसकी लकड़ी को गले में पहनने की सलाह देते हैं, जिससे आकस्मिक आने वाली या बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
इंद्रजाल तंत्र मंत्र में वर्णित कुछ बातें अजूबा इसलिए लगती हैं, क्यांकि ये चमत्कार जैसे होते हैं।  जैसे- नींबू से खून निकलना। छलनी में पानी जमा हो जाना। अंडे का स्वतः उछल-कूद करना, घंटेभर में पौधे का बड़ा हो जाना, आग में कपड़े का नहीं जलना, देखते ही देखते साफ आकाश में बादल छा जाना इत्यादी। इन सबके पीछे विज्ञान की विविधा शाखाएं काम करती हैं, जिसे सामान्य व्यक्ति नहीं समझ पाते हैं और यह उनको भ्रमित कर देती है। इंद्रजाल पढ़ने या इसके इस्तेमाल संबंधित कुछ तथ्य पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए जो हिदायतें भी हो सकती हैं। वे इस प्रकार हैंः-
  • इंद्रजाल के मंत्रों का प्रयोग सावधानी से करना चाहिए, क्योंकि इस मंत्र से जल को फूंककर किसी को पिलाया जाए तो वह व्यक्ति विक्षिप्त हो सकता है। इसका प्रयोग बगैर किसी मुहूर्त के कभी भी किया जा सकता है। इस बारे में एक दोह है- व्रत तिथिवासर नियम नहीं, हवन नक्षत्तर नहीं, तंत्र मंत्र साधन करैं, शीघ्र सिद्धि हव्ैजाहिं।
  • इंद्रजाल की पुस्तक को लाल कपड़े में लपेटकर रखना चाहिए। शीघ्र भावना में बह जाने वाले या किसी आत्मा के प्रभाव में आए हुए व्यक्ति को इसका मंत्र नहीं पढ़ना चाहिए। इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
  • इंद्रजाल की पुस्तक को बंद कमरे में पढ़ना चाहिए। खुले आकाश के में पढ़ने से नकारात्मक शक्तियां हावि हो सकती हैं। हालांकि इसके मंत्र को अकेल में पढ़ने का भी नुकसान हो सकता है। मनोभावना कलुषित हो जाती है।
इसके कुछ चर्चित मंत्र इस प्रकार हैं:- 
  1. पुरुष वशीकरणः ओम नमो माहयक्षिणी पतिं मे वश्यं कुरु कुरु स्वाह। जाप सिद्धि संख्या– 108
  2. राजा-प्रजा मोहिनीः ओम नमो अरुंठनी असव स्थनी महाराज छनी फट् स्वाहा राजा प्रजा के लोग सारे मोहें।
  3. सत्ता प्राप्तिः ओम नमो भास्कराय त्रिलोकात्मने अमुकं मही पतिं में वश्यं कुरु कुरु स्वाहा।
  4. रोग नाशकः ओम नमो हिरहराय रसायनसिद्धिं कुरु कुरु स्वाहा।
इंद्रजाल वशीकरण मंत्र का प्रयोग से बहुत से कार्य सिद्ध किये जा सकते है | इंद्रजाल वशीकरण टोटके एंव तंत्र मंत्र साधन के किये संपर्क कर सकते है |
नाम

10th,2,12th,3,12th result,1,अक्षरब्रह्मयोग ~ अध्याय आठ ~ AksharBrahmaYog ~ Bhagwat Geeta Chapter 8,1,अम्बे जी की आरती,1,अर्जुनविषादयोग ~ भगवत गीता ~ अध्याय एक - Bhagwat Geeta Chapter 1,1,अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम्,1,आज के इतिहास (History Today),366,आत्मसंयमयोग ~ अध्याय छः ~ AtmSanyamYog Bhagwat Geeta Chapter 6,1,आरती कुंज बिहारी की,1,आरती चालीसा,50,ईसाई धर्म,1,ऑनलाइन इनकम,14,करियर,10,कर्मयोग~ भगवत गीता ~ अध्याय तीन - Karmyog Bhagwat Geeta Chapter 3,1,कर्मसंन्यासयोग ~ अध्याय पाँच ~ KarmSanyasYog Bhagwat,1,कहानियाँ,5,कानून,2,कीर्ति खरबंदा,1,क्षेत्र-क्षेत्रज्ञविभागयोग ~ अध्याय तेरह ~ Ksetra-Ksetrajnay Vibhag Yog ~ Bhagwat Geeta Chapter 13,1,खान-पान,231,गणेश पञ्चरत्नं,1,गीता,19,गुणत्रयविभागयोग ~ अध्याय चौदह ~ GunTrayVibhagYog ~ Bhagwat Geeta Chapter 14,1,गुरुनानक गुरुजी के द्वारा हमे दी गयी शिक्षाएं,1,चुनाव,3,जगदीश जी की आरती,1,जीवन बीमा प्रश्नोत्तरी,2,जीवनी,2,ज्ञानकर्मसंन्यासयोग ~ अध्याय चार ~ GyanKarmSanyasYog Bhagwat Geeta Chapter 4,1,ज्ञानविज्ञानयोग ~ अध्याय सात ~ GnyanVignyanYog ~ Bhagwat Geeta Chapter 7,1,झांवी कॉमिक्स,12,टेक ज्ञान,1,त्योहार,1,देश,2,देश-विदेश,3,दैवासुरसम्पद्विभागयोग ~ अध्याय सोलह ~ DaiwaSurSampdwiBhagYog ~ Bhagwat Geeta Chapter 16,1,धर्म,2,नौकरी,15,न्यूज़,2,पढ़ाई,4,पुरुषो के लिए,1,पुरुषोत्तमयोग ~ अध्याय पंद्रह ~ PurushottamYog ~ Bhagwat Geeta Chapter 15,1,पूर्णिमा व्रत कथा,1,पौधे रोपण-खेतीबाड़ी,19,प्रश्नोत्तरी,12,फैशन,52,बच्चो के लिए,2,बच्चों के लिए,28,बागवानी,19,बिज़नस,1,बिजनेस फाइनेंस,21,बुद्ध धर्म,1,बैंक,1,बॉलीवुड,264,ब्लॉग,227,भक्तियोग ~ अध्याय बारह ~ BhaktiYog ~ Bhagwat Geeta Chapter 12,1,भगवत गीता,19,भगवत भगवान की आरती,1,भजन कीर्तन,44,भारतीय लोकतंत्र,2,भैरव जी की आरती,1,मज़ाक,1,मुस्लिम धर्म,3,मोक्षसंन्यासयोग ~ अध्याय अट्ठारह ~ MokshSanyasYog~ Bhagwat Geeta Chapter 18,1,योग,1,राजविद्याराजगुह्ययोग ~ अध्याय नौ ~ RajVidyaRajGuhyaYog ~ Bhagwat Geeta Chapter 9,1,रामायण,1,राशि उपाय,57,राशिफल 2017,1,लव लाइफ,3,लव स्टोरी,1,लिङ्गाष्टकम् स्तोत्रम्,1,लेखांकन,1,वास्तु शास्र,6,विडियो,1,विभूतियोग ~ अध्याय दस ~ VibhutiYog ~ Bhagwat Geeta Chapter 10,1,विश्वरूपदर्शनयोग ~ अध्याय ग्यारह ~ Vishwa Roop Darshan Yog ~ Bhagwat Geeta Chapter 11,1,वीडियो,4,वैज्ञानिक,1,व्यंजन रेसिपी,130,व्रत कथा,8,व्रत विधि व आरती,2,शाकम्भरी माता चालीसा,1,शिरडी साई बाबा चालीसा,1,शिरडी साई बाबा धूप आरती,1,शिव चालीसा,1,शिव जी की आरती,1,शेयर बाजार,1,श्रद्धात्रयविभागयोग ~ अध्याय सत्रह ~ Shraddha Tray Vibhag Yog ~ Bhagwat Geeta Chapter 17,1,श्री अन्नपूर्णा चालीसा,1,श्री अन्नपूर्णा माता की आरती,1,श्री काली माता की आरती,1,श्री काली माता चालीसा,1,श्री कृष्ण चालीसा,1,श्री गंगा चालीसा,1,श्री गंगा माता आरती,1,श्री गणेश चालीसा,1,श्री गणेश जी की आरती,1,श्री गायत्री चालीसा,1,श्री गायत्री माता की आरती,1,श्री चिंतपूर्णी देवी की आरती,1,श्री जीण चालीसा,1,श्री जीण माता की आरती,1,श्री दुर्गा चालीसा,1,श्री नवग्रह आरती,1,श्री नवग्रह चालीसा,1,श्री परशुराम चालीसा,1,श्री भैरव चालीसा,1,श्री मंगलवार व्रत कथा व्रत विधि व आरती,1,श्री रघुवर जी की आरती,1,श्री रविवार व्रत कथा,1,श्री राधाकृष्ण की आरती,1,श्री राम चालीसा,1,श्री रामचन्द्र जी की आरती,1,श्री लक्ष्मी माता की आरती,1,श्री लक्ष्मी माता चालीसा,1,श्री ललिता माता की आरती,1,श्री ललिता माता चालीसा,1,श्री विश्वकर्मा जी की आरती,1,श्री विश्वकर्मा जी चालीसा,1,श्री विष्णुशतनामस्तोत्रम्,1,श्री वीरभद्र चालीसा,1,श्री शनि देव चालीसा,1,श्री शनि देव जी की आरती,1,श्री सत्य नारायण व्रत कथा,1,श्री सन्तोषी माता की आरती,1,श्री सन्तोषी माता चालीसा,1,श्री सरस्वती चालीसा,1,श्री सरस्वती माता की आरती,1,श्री सोमवार व्रत कथा,1,श्री सोलह सोमवार व्रत कथा,1,श्रीराम रक्षा स्तोत्रम्,1,श्रीविष्णुसहस्रनामस्तोत्रम्‌,1,संकटनाशक गणेश स्तोत्र : प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुत्र विनायकम्,1,संस्कृत,1,सन्तान सप्तमी व्रत कथा,1,समाचार,36,समाचार चैनल LIVE,6,सांख्ययोग ~ भगवत गीता ~ द्वितीय दो - Bhagwat Geeta Chapter 2,1,साई बाबा की आरती,1,सामान्य ज्ञान,3,सालासर बालाजी की आरती,1,सिख धर्म,4,सोम प्रदोष व्रत कथा,1,स्तोत्र,7,हनुमान जी की आरती व चालीसा,1,हिन्दी सीखें,32,हिन्दू धर्म,70,हेल्थकेयर,10,हैल्थकेयर,363,Adjustment (समायोजन),21,Advance Tech (हिंदी में),5,age in banking,1,Armpits,1,Bank Reconciliation Statement (बैंक समाधान विवरण),11,banking for general class,1,Bhajan Kirtan,44,Bills of Exchange (विनिमय विपत्र),11,Business Studies (व्यवसाय),14,career,1,career development,1,Cash Book (रोकड़ बही),8,Company (कम्पनी),2,Depreciation (ह्रास),8,Diana Penty,1,Diana Penty bollywood,1,Diana Penty Desi Beuty,1,Diana Penty- desi daru,1,education,1,education in india,1,education standards,1,Entrepreneurship (उद्यमिता),26,Entrepreneurship (उद्यमिता),4,exam,1,exams.in.net,1,fail,1,Final Account (अंतिम लेखा लेखांकन),28,Finance (वित्त),2,general,1,Government Exam Practice Papers,2,GOVERNMENT EXAM PRACTICE PAPERS ANSWERS,1,govt jobs,1,indian god bhajans,44,Journal (रोजनामचा),16,Ketika Sharma Bollywood,1,Ledger (बही-खाता),11,Links,11,Management (प्रबन्ध),15,Offers,1,padai,1,poor education,1,Practice Test of IRDA (ic33 & ic 38),2,Quran,1,Rakul preet,9,Rakul Preet Beautiful Pics,1,Rectification of Errors (अशुद्धियों के सुधार),4,Rhea Chakarborty,1,sexy rakul preet,1,student life,1,Top Bhajans of all time,44,Trial Balance (संतुलन परीक्षण),9,
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इंद्रजाल वशीकरण मंत्र
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