आलू Potato सभी जगह आसानी से और सस्ता उपलब्ध हो जाता है। शायद इसलिए इसके महत्त्व को कम आंका जाता है । लेकिन आलू के जबरदस्त फायदों को ज...
आलू Potato सभी जगह आसानी से और सस्ता उपलब्ध हो जाता है। शायद इसलिए इसके महत्त्व को कम आंका जाता है । लेकिन आलू के जबरदस्त फायदों को जानकर आप इसे कमतर नहीं समझेंगे।
आलू दुनिया में चौथी सबसे ज्यादा खाने के लिए उगाई जाने वाली फसल है। मक्का , गेहूँ और चावल के बाद आलू ही है जिसका उत्पादन सर्वाधिक होता है।
यह दुनिया में सबसे ज्यादा उगाई जाने वाली सब्जी है। इसका कारण इसके फायदे और स्वाद है। पूरी दुनिया में आलू बड़े चाव से खाया जाता है।
आलू जड़ है या तना – Potato is root or stem
आलू को ज्यादातर लोग जड़ समझते है जबकि आलू पौधे की जड़ ना होकर तना होता है। लेकिन यह अलग प्रकार का जमीन के अंदर का तना होता है है जिसे स्टेम ट्यूबर कहते हैं , यह स्टार्च से भरे होते हैं।
आलू के फायदेमंद पोषक तत्व – Potato Nutrition
यह ऊर्जा और पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत है। आलू में प्रोटीन , कार्बोहाइड्रेट , कई प्रकार के विटामिन , खनिज तथा ऑर्गेनिक कंपाउंड पाए जाते हैं।
आलू में पोटेशियम की मात्रा केले से भी ज्यादा होती है। जो की आलू के छिलके में तथा उसके ज्यादा होती है। अतः आलू छिलके सहित खाना ज्यादा लाभदायक होता है। इसके अलावा कैल्शियम , आयरन , जिंक तथा फास्फोरस का भी अच्छा स्रोत है।
आलू में विटामिन C , विटामिन A तथा विटामिन B6 प्रचुर मात्रा में होते हैं। आलू में 70-80% मात्रा पानी की होती है।
आलू से हमें कार्बोहाईड्रेट स्टार्च के रूप में मिलता है जिसका कुछ हिस्सा फाइबर की तरह काम करता है। इसलिए यह आंतो के कैंसर से बचाता है। ये कोलेस्ट्रॉल को जमने से रोकता है। आलू के कार्बोहाईड्रेट और प्रोटीन , ग्लूकोज़ और एमिनो एसिड में बदल कर शरीर को तुरंत शक्ति देते है।
आलू खाने से संतृप्ति मिलती है। इसके अलावा आलू में कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते है जो फ्री रेडिकल से होने वाले नुकसान से बचाते है। आलू के तत्व हड्डी को मजबूत बनाते है।
भुना हुआ आलू खाने से पेट भर जाता है और आप दूसरी ज्यादा कैलोरी वाली चीजें खाने से बच जाते है। इस तरह ये वजन कम करने में सहायक है। इसके फाइबर भी वजन बढ़ने से रोकते है।
आलू कैसे खाना चाहिये – How to eat Potato
आलू के गुण कच्चा होने पर , पकने पर और पकने के बाद ठण्डे होने पर अलग अलग होते है। आलू को तल कर , उबाल कर और सब्जी बना कर खाने के अलग अलग फायदे और नुकसान होते है। तले हुए आलू मोटापा बढ़ा सकते है।
आलू को तल कर जैसे फ्रेंच फ्राई या चिप्स के रूप में खाना सबसे ज्यादा नुकसान देह होता है। ये पचने में भारी होते है। इनसे गैस , पेटदर्द , कब्ज हो सकते है। इसलिए तला हुआ आलू ना खायें।
आलू को उबाल कर या भून कर खाने से ही आलू के सभी फायदेमंद पोषक तत्व मिलते है ।
भून कर या सब्जी बना कर खाने से ये वजन कम करता है और ब्लड प्रेशर को कम रखता है।
आलू के छिलके वाली सब्जी खाने से छिलकों में पाये जाने वाले तत्वों का भी लाभ मिल जाता है। इस तरह खाने से अधिक मात्रा में आलू से फाइबर मिलता है। अतः आलू की छिलके वाली सब्जी खाएँ। अन्यथा आलू उबाल कर या भून कर खाएँ। ये पचने में भी हल्का होता है।
आलू में हरा रंग – Green color in Potato
आलू पर हरा रंग धूप के कारण उभर आता है जो हानिकारक होता है। ये हरा रंग सोलेनिन नामक विषैले तत्व के कारण होता है। इस विषैले तत्व की वजह से साँस की तकलीफ , दस्त और मांसपेशी में दर्द भी हो सकता है। इससे सिर दर्द या पेटदर्द की शिकायत भी हो सकती है।
इसलिए हरे रंग वाले आलू नहीं लेने चाहिये या आलू पर पर हरा रंग दिखे तो उसे काट कर अलग कर देना चाहिये।
आलू किस तरह रखना चाहिये – How to store potato
आलू को ठण्डी और अँधेरी जगह में रखना चाहिए। ये जगह सूखी और हवादार होनी चाहिये। । आलू को हवादार टोकरी में रखना चाहिए। टोकरी में कोई ख़राब पीस दिखे तो उसे हटा देना चाहिए वरना ये दूसरे आलू को भी ख़राब कर सकता है।
आलू को प्याज के साथ नहीं रखना चाहिये। प्याज से निकलने वाली गैस आलू को ख़राब कर देती है।
आलू को कभी भी एयर टाइट डब्बे या थैली में नहीं रखने चाहिये , ख़राब हो जाते है। आलू को चार पांच दिन के अंदर काम ले लेना चाहिए।
आलू को ज्यादा दिन कमरे के तापमान पर रखने से उनमे से अंकुर फूट आते है। ये अंकुरित हिस्सा नुकसान देह होता है इसको काटकर निकाल देना चाहिये। ।
यदि आलू को 7°C – 10°C के तापमान पर सूखी , हवादार , अँधेरी जगह में रखा जाये तो महीनो तक ख़राब नहीं होते। धूप से आलू को बचाना चाहिये। धूप में रखे आलू का स्वाद ख़राब हो जाता है खाने पर नुकसान करता है।
आलू काटने पर काले पड़ जाते है। अतः काटने के बाद तुरंत काम ले लेने चाहिये। काटने के बाद नींबू मिले पानी में रखने से काले नहीं पड़ते।
आलू को लोहे या अलुमिनियम के बर्तन में नहीं पकाना चाहिए।