पीलिया Piliya यानि Jaundice अपने आप में कोई बीमारी नहीं है बल्कि ये शरीर में होने वाली गलत हलचल का एक संकेत है। इसे पांडू रोग , कामला ...
पीलिया Piliya यानि Jaundice अपने आप में कोई बीमारी नहीं है बल्कि ये शरीर में होने वाली गलत हलचल का एक संकेत है। इसे पांडू रोग , कामला रोग Kamala या कमड़ो भी कहा जाता है। यह रोग सूक्ष्म वायरस मुख्यतः वायरल हेपेटाइटिस ए , बी व सी के कारण होता है।
शुरू में जब ये रोग मामूली होता है तो पता नहीं चलता। जब ये उग्र रूप धारण कर लेता है तब इस रोग का शरीर पर प्रत्यक्ष प्रभाव नजर आने लगता है। हेपेटाइटिस बी के प्रभाव सबसे अधिक घातक हो सकते है।
पीलिया होने पर त्वचा का रंग पीला हो जाता है। आँखें पीली दिखती है। नाखून पीले नजर आते है। पेशाब गहरा पीला आता है। इसी से इसकी पहली पहचान हो जाती है। इन सब लक्षणों का कारण खून में बिलरुबिन की मात्रा का बढ़ जाना होता है।
लाल रक्त कणो के टूटने से बिलरुबिन बनता है जिसका निस्तारण लिवर द्वारा और मल व पेशाब द्वारा होता रहता है। पीलिया होने पर बिलरुबिन का निस्तारण सही तरीके से नहीं हो पाता तो खून में इसकी मात्रा बढ़ जाती है इसलिए शरीर में पीलापन दिखाई देता है। खून की जाँच कराने से पता चल जाता है।
नवजात शिशुओं को जन्म के तुरंत बाद अक्सर पीलिया हो जाता है। ऐसे में डॉक्टर को सूचित करें और उनकी सलाह अनुसार बच्चे को बहुत हलकी धूप दिखाएँ।
पीलिया के कारण – Piliya Hone Ke Karan
यह रोग गन्दगी के कारण फैलता है। मल के निस्तारण की पर्याप्त व्यवस्था ना होने वाली जगहों पर पर अधिक फैलता है। मक्खीइसे फैलाने में मदद करती है। खुले में बिकने वाले सामान पर मक्खियां बैठती है तो उनके साथ इस रोग के वायरस खाने पीने के सामान पर फैल जाते है।
ऐसे सामान को खाने पर पीलिया हो जाता है। अगस्त , सितम्बर महीने में इसीलिये ये रोग अधिक होता है। पीलिया ग्रस्त रोगी के झूठे भोजन , पानी आदि के कारण भी ये हो सकता है।
रोग ग्रस्त व्यक्ति का रक्त दूसरे व्यक्ति को चढ़ जाने से हेपेटाइटिस बी नामक पीलिया हो जाता है। रोगग्रस्त व्यक्ति को लगी सीरिंज , ब्लेड या ऐसे व्यक्ति के साथ यौन क्रिया करने से भी ये हो सकता है।
हो सकता है की रोगी पीलिया ग्रस्त हो लेकिन लक्षण दिखाई ना देते हो। लेकिन ऐसा व्यक्ति इस रोग से दूसरे व्यक्ति को ग्रसित कर सकता है। ये वायरस लगने के महीने – डेड महीने बाद लक्षण प्रकट होते है।
पीलिया के लक्षण – Piliya Ke Lakshan
— भूख बंद हो जाना
— खाना देखने से उल्टी का सा मन होना
— पेशाब गहरे पीले रंग का आना
— आँखें पीली दिखना
— नींद बहुत आना
— दाईं तरफ पेट में दर्द
— कमजोरी , बदन में दर्द , थकान
— जोड़ों में दर्द
— बुखार
पीलिया में परहेज – Piliya me Parhej
पीलिया होने पर क्या नहीं खाएं
चिकनाई ( घी , तेल ) , तेज मिर्च मसाले , उड़द व चने की दाल , बेसन , तिल , हींग , राई , मैदा से बने सामान, तली वस्तु आदि। अशुद्ध व बासी खाना , मांस , शराब , चाय कॉफी भी न लें। तेज गर्मी से और अधिक शारीरिक मेहनत से बचना चाहिए।
पीलिया होने पर क्या खाएं
साफ सुथरा गन्ने का रस , नारियल पानी , नारंगी या संतरे का रस , मीठे अनार का रस ,फालसे का जूस , फलों में चीकू , पपीता , खरबूजा , आलूबुखारा , पतली छाछ ।
चपाती बिना घी लगी खा सकते है। दलिया , जौ की चपाती या सत्तू , मूंग की दाल का पानी थोड़ा सा काला नमक व काली मिर्चडालकर ले सकते है। सब्जी में लौकी तोरई , टिण्डे , करेला , परवल , पालक आदि ले सकते है।
पीलिया के घरेलु नुस्खे – Peeliya Ka Gharelu Upchar
1 . पीपल के कोमल पत्ते पीलिया में बहुत फायदेमंद साबित होते है।
चार पांच पीपल के नए पत्ते ( कोंपल ) एक चम्मच मिश्री या शक्कर के साथ बारीक पीस लें इसे एक गिलास पानी में डालकर हिला लें। बारीक चलनी से छान ले।
ये शरबत सुबह और शाम को दो बार पिएं। चार पांच दिन पीने से जरूर फायदा नजर आएगा। सात दिन तक पी सकते है।
2 . मूली का वो हिस्सा जहाँ से पत्ते शुरू होते है यानि टहनी और पत्ते दोनों को पीसकर रस निकाल लें। आधा कप इस रस में एक चम्मच मिश्री मिलाकर सुबह खाली पेट पांच सात दिन पीने से पीलिया ठीक हो जाता है।
3 . संतरे का रस सुबह खाली पेट रोज पीने से पीलिया में आराम मिलता है।
4 . एक गिलास गन्ने के रस में चौथाई कप आंवले का रस मिलाकर पीने से पीलिया ठीक होता है।
5 . थोड़ा सा खाने का चूना ( चने बराबर ) पके हुए केले के साथ सुबह खाली पेट चार पांच दिन खाने से ठीक होता है।
6 . तीन चम्मच प्याज के रस में दो चम्मच शहद मिलाकर सुबह खाली पेट लेने से आराम मिलता है।
7 . लौकी को भून ले। इसमें पिसी हुई मिश्री मिलाकर खाएँ। साथ ही लौकी का रस आधा कप मिश्री मिलाकर पीएं। दिन में तीन बार पांच सात दिन लेने से Piliya ठीक हो जाता है।
8 . रोज सात दिनों तक जौ का सत्तू खाकर ऊपर से गन्ने का रस पीने से Piliya ठीक हो जाता है।
9 . दही में हल्दी मिलाकर खाने से पीलिया में आराम मिलता है।
पीलिया से बचने के उपाय – Piliya Se Kaise Bache
— बाजार में मिलने वाले खुले में रखे सामान जैसी चाट , काट कर रखे हुए फल , बिना ढ़की मिठाई ,आदि ना खाएँ।
— खाना बनाने या खाने से पहले हाथों को साबुन से अच्छी प्रकार धोएँ।
— दूध या पानी आदि शुद्ध हो या उबाल कर ठंडा करके काम में लें।
— घर पर खाने पीने का सामान ढ़क्कन लगा कर रखें।
— इंजेक्शन के लिए डिस्पोजेबल सिरिंज का उपयोग करें।
— रक्त अधिकृत जगहों से लिया हुआ ही चढ़ाएं। जो की हर प्रकार से चेक किया हुआ हो।
— बच्चे को पीलिया होने पर स्कूल न भेजें।