अंकुरित आहार sprouts में शानदार पोषक तत्व होते है। बीज से पौधा या पेड़ बनने की शुरुआत अंकुरण से होती है जिसके लिए पोषक तत्वों का होना ज...

अंकुरित आहार sprouts में शानदार पोषक तत्व होते है। बीज से पौधा या पेड़ बनने की शुरुआत अंकुरण से होती है जिसके लिए पोषक तत्वों का होना जरुरी है। अंकुरित आहार से ये पोषक हमें मिल सकते हैं। आइये जानें विस्तार से।
अंकुरित होने का अर्थ होता है नवजीवन की शुरुआत। जब बीज को मिट्टी में बोया जाता है तो नमी पाकर बीज से अंकुर निकलता है और बीज एक पौधे के रूप में बड़ा होकर उपज देता है।
इस प्रक्रिया में बीज में पहले से मौजूद पोषक तत्व ही सहायक होते है। जब पौधा थोड़ा बड़ा होता है तो धूप और मिट्टी द्वारा पोषक तत्व प्राप्त करके उपज देता है।
अंकुरण की प्रक्रिया शुरू होने पर बीज में जैविक प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इसके कारण उसमे सभी प्रकार के पोषक तत्व जागृत और सजीव अवस्था में आ जाते हैं। जिस प्रकार हमारे शरीर में मेटाबोलिज्म यानि चयापचय की जैव प्रक्रिया सतत क्रियाशील रहती है ,उसी प्रकार अंकुरित बीज में भी जैव प्रक्रिया क्रियाशील रहती है।
इस अंकुरित बीज का आहार के रूप में उपयोग किया जा सकता है। इसे खाने से अंकुरण के कारण क्रियाशील हुए सभी पोषक तत्वों का लाभ मिल सकता है। खाने में उपयोग लाने के लिए इन्हे घर में ही अंकुरित किया जा सकता है।
किसे अंकुरित करके खा सकते हैं
अंकुरित करने के लिए अनाज , दलहन , तिलहन तथा मेवे आदि का उपयोग हो सकता है। इन्हे भिगोकर या अंकुरित करके खाया जा सकता है।
गेहूं , जौ ,बाजरा , मक्का , मूंग , चना , मोठ , उड़द , मूंगफली , मेथीदाना आदि अंकुरित करके खाने के लिए श्रेष्ठ माने जाते हैं।
बादाम अखरोट आदि भिगोकर खाने चाहिए। अंकुरित आहार को एक सुपर पावर फ़ूड कहा जाता है।
इसे अब तक के अनुसन्धान किये गए आहारों में सर्वश्रेष्ठ पाया गया है। अंकुरित खाद्य एक सजीव आहार होता है। गरम करने या उबालने पर अंकुरण की प्रक्रिया रुक जाती है।
अंकुरित आहार के पौष्टिक तत्व – Sprouts Nutrients
अंकुरित अनाज असल में पूर्व पचित आहार होता है जो सूखे अनाज की तुलना में अधिक ऊर्जा और शक्ति देता है। यह एक सस्ता और सर्व सुलभ पौष्टिक आहार है। यह विटामिन , एंजाइम तथा फीटो न्यूट्रिएंट्स से भरपूर होता है। अंकुरित अनाज कई प्रकार की शारीरिक तकलीफ को दूर करने में सहायक हो सकता है।
यह कुपोषण , मोटापा , हाई ब्लड प्रेशर , डायबिटीज , कब्ज , बवासीर , आदि बीमारियों में लाभदायक होता है। शरीर को पोषण प्रदान करके विजातीय तत्वों को शरीर से बाहर निकाल देता है।
अंकुरित आहार के पोषक तत्वों में कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट , विटामिन , मिनरल , तथा एंटीवायरल और एंटीबेक्टेरियल तत्व पाए जाते हैं। अंकुरण की प्रक्रिया शुरू होने के कारण ये उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन , कार्बोहाइड्रेट , एंजाइम तथा विटामिन से भर जाते हैं।
विटामिन तथा मिनरल आदि में कई गुना वृद्धि हो जाती है। इन्हे खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होती है। अंकुरित अनाज खाने से मेटाबोलिज्म की प्रक्रिया के दौरान एंजाइम सक्रियता उच्चतम स्तर की होती है। अतः अंकुरित अनाज हमेशा उपलब्ध रहने वाला श्रेष्ठ आहार है।
सूखे खाद्य पदार्थ में फाइटिक एसिड नामक एंटी-न्यूट्रिएंट्स तत्व मैग्नेशियम , ज़िंक , आयरन , कैल्शियम आदि को जकड़े रखता है। भिगोने से या अंकुरित करने से अनाज , बीज या नट्स के ये एंटी-न्यूट्रिएंट्स टूट जाते हैं और पोषक तत्व का अवशोषण आसान हो जाता है।
अंकुरित अन्न में विटामिन सी की उत्पत्ति होने के कारण आयरनतथा कैल्शियम का अवशोषण में मदद मिलती है। इनसे खून की कमी तथा हड्डी की कमजोरी दूर होती है।
अंकुरित होने पर अन्न में मौजूद प्रोटीन सुपाच्य प्रोटीन में परिवर्तित हो जाता है। बादाम , काजू , अखरोट आदि को भिगोकर खाने से पचने में आसान हो जाते हैं तथा इनके पोषक तत्व शरीर आसानी से ग्रहण कर लेता है।
अंकुरित बीज भारतीय संस्कृति में हमेशा से शामिल है। पूजा , अनुष्ठान , त्यौहार या शुभ कार्य में इसे अवश्य स्थान दिया जाता है। अमेरिका जैसे देशों में अंकुरित अनाज आदि पर रिसर्च की गई है और इनकी रोग निवारण क्षमता तथा स्वास्थ्य लाभ देने की शक्ति को स्वीकारा गया है।
भारत में भी नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ न्यूट्रिशन द्वारा अंकुरित अनाज के गुणों को वैज्ञानिक कसौटी पर परख कर सराहा गया है।
अंकुरित आहार को कैसे रखें – Sprouts Care
अंकुरित होने के बाद इन्हे फ्रिज में रखा जा सकता है। जैसे जैसे अंकुरण की पूँछ बढ़ती है पोषक तत्व भी बढ़ते जाते हैं। फ्रिज में रखने के बाद भी अंकुरित अनाज के पोषक तत्व नष्ट नहीं होते।
अंकुरित अनाज को अधिक तापमान पर या फ्रिज से बाहर ज्यादा देर रखने से पोषक तत्वों में कमी हो जाती है। अंकुरण के बाद जितना हो सके इन्हे जल्दी उपयोग में ले लेना चाहिए।
आजकल बाजार में भी तैयार स्प्राउट्स मिल जाते है। लेकिन इन्हे सावधानी के साथ उपयोग में लेना चाहिए। हो सके तो नींबू के पानी में 10 -15 मिनट रख कर तथा अच्छी तरह धोकर बाद काम में लें। बाजार से लाये गए स्प्राउट्स की अपेक्षा घर में अंकुरित किये गए स्प्राउट्स अधिक ताजा और हाइजनिक होते हैं ।
अंकुरित आहार के फायदे – Benefits of sprouts
अंकुरित आहार में कई प्रकार के पोषक तत्व होने तथा शरीर द्वारा इन्हे आसानी से ग्रहण किये जाने के कारण कई प्रकार से शारीरिक लाभ प्रदान करने में सक्षम होते है। अंकुरित आहार के लाभ Ankurit anaj ke fayde इस प्रकार हैं –
— इनमे प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है जो पाचन में सहायक होता है। यह आँतों को साफ करके पाचन की प्रक्रिया सुचारु बनाता है।
— अंकुरित अनाज खाने से आलस्य दूर होता है तथा चुस्ती फुर्ती आ जाती है।
— डिप्रेशन या दुखी मन होने पर स्प्राउट्स नियमित रूप से खाने पर लाभ होता है।
— स्प्राउट्स रक्त में शक्कर की मात्रा को नियंत्रित रखने में सहायक होते हैं ।
— कोलेस्ट्रॉल , ब्लड प्रेशर को सही स्तर पर बनाये रखने में मदद करते हैं ।
— वजन कम करने में सहायक हैं ।
— त्वचा और बाल के लिए फायदेमंद होते हैं।
— प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करते हैं । इनके नियमित उपयोग से सर्दी जुकाम आदि संक्रमण दूर रहते हैं।
— खून की कमी दूर करते हैं तथा रक्त को शुध्द करते हैं।
— हड्डीयों को मजबूत बनाते हैं।
— कैंसर से बचाते हैं। सल्फोराफेन नामक तत्व कैंसर को रोकने में मददगार साबित होता है।
— मांसपेशियों को ताकत देते हैं ।
— आँखों की रोशनी तेज बनाये रखते हैं।
— लिवर तथा पित्ताशय की कार्यविधि को सुधारते हैं ।
— डायबिटीज को रोकने में सहायक होते हैं।
अंकुरित आहार के नुकसान – Be Careful about sprouts
— अंकुरित अनाज अधिक मात्रा में नहीं खाना चाहिए अन्यथा पचने में मुश्किल हो सकती है। अपनी पाचन शक्ति के अनुसार ही इनका उपयोग करना चाहिए।’
— राजमा को कभी भी अंकुरित करके नहीं खाना चाहिए। अंकुरित राजमा विषैला हो सकता है। भिगोने के बाद पकाकर खाने में कोई समस्या नहीं है।
— यदि एलर्जी होती हो तो इनका उपयोग नहीं करना चाहिए।
— जिन लोगों को पेट में अल्सर या एसिडिटी आदि की समस्या हो उन्हें अंकुरित आहार से बचना चाहिए।
— अधिक मात्रा में स्प्राउट खाना नुकसानदेह हो सकता है।
— बाजार से खरीद कर खाने की बजाय ताजा घर पर बना कर खाने चाहिए।
— कभी कभी इनसे बैक्टीरिया से होने वाली परेशानी हो सकती है अतः इसके प्रति सावधान रहना चाहिए। साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। जिस कंटेनर में स्प्राउट किये जा रहे हों उसे भी नियमित रूप से साफ करना चाहिए। हाथ साफ होने चाहिए।
— यदि अंकुरित अनाज खाने से पेट दर्द या गैस आदि होते हों तो इन्हे लहसुन और टमाटर के साथ पीस का खाया जा सकता है।