रक्तदान Blood donation को महादान कहा जाता है। एक बार रक्तदान से तीन लोगों की जान बच सकती है। इससे ख़ुशी के साथ स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त ह...
रक्तदान Blood donation को महादान कहा जाता है। एक बार रक्तदान से तीन लोगों की जान बच सकती है। इससे ख़ुशी के साथ स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होता है। जानिए आप भी इस महादान का आनंद कैसे उठा सकते हैं।
हमारे देश में रक्त की कमी है क्योकि रक्तदान से सम्बंधित जानकारी का अभाव है। जो लोग रक्त देने के लायक हैं उनमे से सिर्फ 3% लोग भी रक्त दें तो देश में रक्त की कमी नहीं रहेगी और कई जानें बचाई जा सकती हैं।
18 साल से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति महिला या पुरुष जिसका वजन 50 किलोग्राम से अधिक हो रक्तदान कर सकता है। यह रक्तदान एक साल में तीन या चार बार किया जा सकता है।
रक्तदान करने से शरीर को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है। दिया हुआ रक्त जल्दी ही वापस बन जाता है। एक स्वस्थ व्यक्ति बिना किसी संकोच के खून दे सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO ने 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस घोषित किया हुआ है। यह दिन कार्ल लैंडस्टेनर नामक वैज्ञानिक का जन्म दिन है जिसने ABO रक्त समूह प्रणाली की खोज की थी।
रक्तदान आवश्यक क्यों है
Why Blood donation is must
रक्त कृत्रिम रूप से लेब में नहीं बनाया जा सकता है। अतः जरुरत के समय किसी इंसान का रक्त ही जान बचा सकता है। इसका एकमात्र स्रोत ब्लड डोनेशन है। इसके द्वारा कई लोगों की जान बच सकती है। रक्त की जरुरत कभी भी किसी को भी पड़ सकती है।
रक्तदान के फायदे
Benefits of blood donation
रक्तदान करना शरीर के लिए लाभदायक होता है। डॉक्टर्स के अनुसार ब्लड डोनेशन से रक्त पतला होता है जो हार्ट के लिए फायदेमंद होता है। इससे हार्ट अटैक की सम्भावना कम हो जाती है।
इसके अलावा नया खून बनने के कारण उसमे विषैले तत्व कम होते है। इस वजह से कई प्रकार की बीमारी जैसे कैंसर आदि से बचाव हो सकता है। रक्तदान करने से जो ख़ुशी मिलती है उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है।
रक्त कैसे निकाला जाता है
How blood is taken
रक्त हाथ की नस में से लिया जाता है। इसे दायें या बाएं किसी भी हाथ से निकाल सकते है। किस हाथ से निकाला जाये यह आप भी उस समय कह सकते हैं। जिस जगह से रक्त लेते हैं उसे पहले एंटीसेप्टिक से साफ किया जाता है।
इसके बाद नई डिस्पोजेबल सुई Disposable Needle रक्त निकालने के लिए काम में ली जाती है। रक्त को एक प्लास्टिक की लचीली थैली में इकठ्ठा कर लिए जाता है। इस प्रक्रिया में 10 -15 मिनट का समय लगता है। थैली में ऐसे तत्व होते हैं जो खून को जमने से रोकते हैं।
रक्तदान के लिए क्या जरुरी है
Requirments for blood donation
रक्तदान के लिए कुछ जरुरी चीजें आवश्यक है , इन्हे पूरा करने पर ही ब्लड डोनेट किया जा सकता है।
— स्वास्थ्य सामान्य होना चाहिए
— रक्तदान के लिए उम्र 18 साल से 60 साल के बीच होनी चाहिए।
— ब्लड डोनेशन के लिए वजन 50 किलोग्राम या इससे अधिक होना चाहिए।
— हीमोग्लोबिन का स्तर 12 .5 gm/dl से अधिक होना चाहिए।
— दिल की धड़कन Heart beat – 50 से 100 के बीच होनी चाहिए जो नियमित हो।
— ब्लड प्रेशर सामान्य होना चाहिए।
— सर्दी , खांसी , बुखार आदि नहीं होना चाहिए।
— पिछली बार रक्तदान किये तीन महीने हो जाने चाहिए।
— कुछ विशेष प्रकार की बीमारी से पहले कभी या वर्तमान में ग्रस्त ना हों । इसकी जानकारी रक्तदान करते समय ली जाती है।
रक्तदान कौन नहीं कर सकता
Who can not donate blood
कुछ विशेष परिस्थिति में ब्लड डोनेट नहीं किया जा सकता जो इस प्रकार हैं –
— ऐसा व्यक्ति जो एच आई वी पॉजिटिव हो।
— ऐसा व्यक्ति जिसे दिल का दौरा पड़ चुका हो , उच्च रक्तचाप हो , किडनी से सम्बंधित रोग हो या डायबिटीज हो।
— पिछले छह महीने के दौरान कान छिदवाये हों , कहीं प्रिक किया गया हो या शरीर पर कहीं टैटू बनवाया हो।
— पिछले छह महीने के दौरान किसी बीमारी से बचने के लिए वेक्सीन लगवाया हो जैसे हेपेटाइटिस बी का वेक्सीन आदि या रेबीज़ का इलाज लिया हो।
— यदि कभी मिर्गी , टी बी , अस्थमा या एलर्जी आदि से ग्रस्त हो।
— ऐसी महिला जो गर्भवती हो या स्तनपान कराती हो।
— पिछले एक महीने के दौरान किसी प्रकार का ऑपरेशन हुआ हो या दांत का बड़ा इलाज करवाया हो।
— जिस महिला को पिछले छह महीने के दौरान गर्भपात हुआ हो।
— पिछले 24 घंटे के दौरान शराब का सेवन किया हो।
— अन्य कोई ऐसी परिस्थिति जो रक्तदान के लिए अनुचित हो।
— विशेष परिस्थतियों की जानकारी देकर सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि रक्तदान किया जा सकता है या नहीं।
रक्तदान के समय ध्यान रखने योग्य बातें
Blood donation care
— रक्तदान से पहले पूछे गए सभी प्रश्नों का सही जवाब देना चाहिए।
— खून देने से पहले तथा बाद में पानी खूब पीना चाहिए।
— रक्तदान के समय शांत रहना चाहिए। संगीत का आनंद ले सकते है। बातें कर सकते है। अख़बार या किताब आदि पढ़ सकते है।
— ब्लड डोनेशन से पहले अधिक वसा युक्त या तला हुआ भोजन , पिज़ा , बर्गर , आइसक्रीम आदि नहीं खाना चाहिए। क्योकि रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने पर रक्त की जाँच नहीं हो पाती और दिया हुआ खून व्यर्थ जा सकता है।
— रक्तदान के बाद उस दिन बहुत भारी सामान नहीं उठाना चाहिए। बहुत कड़ी कसरत नहीं करनी चाहिए। सामान्य कार्य कर सकते हैं।
— रक्त देने से पहले धूम्रपान नहीं करना चाहिए।
— रक्त दान करने से दो दिन पहले तक शराब नहीं पीनी चाहिए।
रक्तदान से सम्बंधित अन्य जानकारी
Blood donation other informations
भारत में कई सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थाएं रक्तदान के कार्य से जुड़ी हुई हैं। कुछ संस्थाएं पूरे भारत में सक्रिय हैं। ये रक्तदान शिविर का आयोजन करने के अलावा लोगों को रक्त देने के लिए जागरूक भी करती हैं।
इन संस्थाओं की वेबसाइट पर रक्त देने के इच्छुक लोग अपना विवरण देकर रजिस्टर करा सकते है। जब कैंप आयोजित होता है तो उसकी सूचना दे दी जाती है तब आप जाकर रक्तदान कर सकते हैं।
इनमे से कुछ मुख्य संस्थाएं है
कई हॉस्पिटल में खुद के ब्लड बैंक होते है। ये हॉस्पिटल रक्तदान की अच्छी व्यवस्था करते हैं जहाँ आसानी से रक्त दिया जा सकता है। ऐसे हॉस्पिटल से संपर्क करके जानकारी हासिल कर सकते हैं। इसके अलावा कई सामाजिक संस्थाएं समय समय पर रक्तदान शिविर का आयोजन करती रहती हैं। यहाँ संपर्क करके रक्त दे सकते हैं।
रक्तदान से सम्बंधित सामान्य गलतफहमियाँ
Myths of blood donation
कुछ लोगों को रक्तदान से सम्बंधित कुछ भ्रांतियां हो सकती है। इन्हे जानकर दूर कर लेना चाहिए –
भ्रान्ति – रक्त देते समय बहुत दर्द होता है।
असलियत – इसमें सुई चुभने जितना ही दर्द होता है। रक्त देने की ख़ुशी के सामने यह दर्द कुछ नहीं होता।
भ्रान्ति – रक्त देने से एचआईवी जैसे संक्रमण लग जाते हैं।
असलियत – रक्तदान के लिए हमेशा नई नीडल काम ली जाती जिसे काम लेने के बाद फेंक दिया जाता है। अतः संक्रमण की सम्भावना नहीं होती है।
भ्रान्ति – खून देने में बहुत अधिक समय लगता है।
असलियत – यह प्रक्रिया मात्र 10-15 मिनट की है। रजिस्ट्रेशन आदि की प्रक्रिया में थोड़ा समय लग सकता है।
भ्रान्ति – रक्तदान वाले दिन आराम करना पड़ता है।
असलियत – रक्तदान करने के बाद नाश्ता करके 10 -15 मिनट बाद ही सामान्य सभी काम किये जा सकते हैं।
भ्रान्ति – इससे कमजोरी आ जाती है , चक्कर आने लगते हैं।
असलियत – ब्लड डोनेट करने में जितना रक्त दिया जाता है उस मात्रा से किसी प्रकार की कमजोरी या चक्कर की समस्या नहीं होती। इतना रक्त महीने भर में ही वापस बन जाता है।
भ्रान्ति – ज्यादा वजन के लोगों में खून ज्यादा होता है अतः वे ज्यादा रक्तदान कर सकते हैं।
असलियत – ज्यादा वजन के लोग कम स्वस्थ होते हैं। उनमे अधिक खून नहीं होता।
भ्रान्ति – जरुरत के समय रक्त लेबोरेटरी में बनाया जा सकता है।
असलियत – खून बनाना संभव नहीं है। इसका एक मात्र स्रोत स्वस्थ इंसान ही है जिसके रक्तदान करने से जिंदगी बचती है। अतः ब्लड डोनेशन के लिए आगे आयें और एक समाजिक दायित्व के निर्वाह की ख़ुशी हासिल करें।