लौकी Loki , घिया Ghiya , दूधी Doodhi ये सब एक ही सब्जी के नाम है। गुणकारी , सुलभ और सस्ती होने के कारण लगभग हर घर में इसका उपयोग होता ...

लौकी Loki , घिया Ghiya , दूधी Doodhi ये सब एक ही सब्जी के नाम है। गुणकारी , सुलभ और सस्ती होने के कारण लगभग हर घर में इसका उपयोग होता है। इसकी प्रकृति ठंडी होती है और दिमाग की गर्मी को शांत करती है।
हरे रंग की यह लोकप्रिय सब्जी बेल पर लगती है । अंग्रेजी में इसे बॉटल गार्ड Bottle Gourd कहते हैं। बाहर से हरी और अंदर से सफ़ेद गूदे और बीज वाली इस सब्जी को देखने से ही ठंडक का अहसास होने लगता है।
लौकी में भरपूर मात्रा में फायबर और पानी होता है। यह विटामिनC , राइबोफ्लेविन , जिंक , थायमिन ,आयरन , मैग्नेशियम , सोडियम , पोटेशियम और मेगनीज का स्रोत है। इसमें कोलेस्ट्रॉल या फैट नहीं के बराबर होता है ।
इसमें घुलनशील और अघुलनशील दोनों प्रकार के फायबर प्रचुर मात्रा में होते है अतः कब्ज , बवासीर आदि में यह बहुत उपयोगी है। यह पचने में हल्की होती है। पानी की प्रचुर मात्रा के कारण गर्मियों में इसका उपयोग विशेष लाभदायक होता है।
यह थकान मिटाती है , शरीर को ठंडा और फ्रेश बनाये रखती है। पाचन की समस्या और बीमारी से उठे लोगों के लिए लोकी की सब्जी एक बहुत अच्छा विकल्प है। आसानी से पचने वाली होने के कारण लीवर की समस्या वाले लोग भी इसका उपयोग कर सकते है।
लौकी के फायदे – Benefits of Bottle gourd
Lauki Ghiya Dudhi Ke Fayde
जलन
शरीर में कई प्रकार की जलन आदि में लौकी फायदेमंद होती है। एक कप लौकी के रस में एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से शरीर की जलन , पेट की जलन , आँखों की जलन , फोड़े फुंसी , रक्तविकार , नकसीर आदि रोग में लाभ होता है ।
पैर के तलवों में जलन हो तो लौकी का गूदा तलवों पर लगाने से बहुत आराम मिलता है। शराब पीने से होने वाली पेट की जलन तथा पेशाब की जलन में लौकी के रस में चीनी मिलाकर पीने से आराम मिलता है।
ह्रदय रोग
लोकी का जूस नियमित पीने से तथा लोकी की बिना छोंक वाली सब्जी खाने से ह्रदय को शक्ति मिलती है। इससे रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा की मात्रा कम हो जाती है।
एक कप रस में एक कप पानी मिलाकर सुबह शाम लेना चाहिए। दोनों समय ताजा रस बनायें। छह महीने तक लगातार लेना चाहिए। इस प्रयोग से रक्त वाहिकाओं में जमा कोलेस्ट्रॉल कम हो सकता है।
मूत्र समस्या
लोकी का रस सेंधा नमक और नींबू का रस मिलाकर कुछ दिन सुबह खाली पेट पीने से मूत्र नली की सूजन , यूरिन इन्फेक्शन दूर होते है , पेशाब में जलन हो तो ठीक हो जाती है तथा मूत्र खुलकर आने लगता है।
अनिद्रा , सिरदर्द , मानसिक तनाव
नींद नहीं आती हो , टेंशन रहता हो , सिरदर्द होता हो तो लोकी का तेल बना कर सोते समय सिर में मालिश करने से लाभ मिलता है।
लोकी का तेल बनाने की विधि : Lauki Ka Tel
एक कप तिल या नारियल के तेल में तीन कप लोकी का बिना छना हुआ रस मिलाकर इतना उबालें की रस सारा जल जाये और सिर्फ तेल बचे। इसे ठंडा होने पर छान कर साफ शीशी में भर लें।
यह बहुत फायदेमंद तेल होता है। इस तेल की सिर में रात को सोते समय मालिश करने से खुश्की , जलन आदि मिटते है। मानसिक दुर्बलता दूर होती है। अनिद्रा दूर होकर नींद अच्छी आती है। शरीर में ताजगी रहती है। इसे दाद खुजली आदि पर भी लगाने से आराम मिलता है।
मोटापा
मोटापा घटाने के लिए लोकी का रस मददगार हो सकता है। सुबह एक गिलास रस लेने से फायबर के कारण पेट भरा हुआ महसूस होता है। भूख नहीं लगती। इस तरह आप अधिक खाने से बच जाते है। लोकी के रस में केलोरी भी बहुत कम होती है।
कब्ज
कब्ज में लोकी का उपयोग बहुत लाभदायक होता है। लोकी की उबली सब्जी खाने और लोकी का रस पीने से कब्ज में आराम मिलता है। लोकी की खिचड़ी बना कर खाने से भी कब्ज ठीक हो जाती है।
लोकी की खिचड़ी बनाने की विधि – Loki ki khichdi
सामग्री :
एक कटोरी चावल , दो चम्मच मूंग दाल , 500 ग्राम लोकी ( कददू कस की हुई ) , नमक , जीरा और घी।
विधि :
पानी में चावल , मूंग दाल , लोकी और नमक डालकर खिचड़ी बना लें। इसमें घी और जीरे का छोंका लगा दें। इसे गर्मा गर्म खाएं। सुबह शाम तीन चार दिन खाने से कब्ज ठीक हो जाती है। साधारण रूप से भी सप्ताह में एक बार यह खिचड़ी खाने से पेट ठीक रहता है।
दस्त
लौकि का रायता खाने से दस्त ठीक हो जाते है
लोकी का रायता बनाने की विधि : Loki ka rayta
लोकी को कददू कस कर लें। इसे पानी में उबाल लें। हल्का सा नीचो कर मथे हुए दही में मिला दें। इसमें सेंधा नमक , पिसा भुना जीरा और काली मिर्च मिलाकर खाएं। यह रायता दिन में तीन चार बार एक कटोरी खाने से दस्त बंद हो जाते है।
पीलिया
पीलिया होने पर लौकी को भून कर रस निकाल लें इसमें थोड़ी मिश्री मिलाकर दिन में चार बार आधा कप लें। इससे पीलिया में लाभ होता है।
लौकी का जूस बनाने की विधि – Lauki Ke Juice Ki Vidhi
Ghiya ka ras Dudhi ka ras kaise nikale
लौकी के दोनों सिरे काट दें। इसे गुनगुने पानी में आधा नीबू या एक चम्मच सिरका डालकर इस पानी में थोड़ी देर रख दें। फिर अच्छे से धो लें। इसका छोटा टुकड़ा खा कर चख लें। कड़वा स्वाद हो तो इसे काम में बिल्कुल नहीं लें।
इन्डियन कॉन्सिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च ( ICMR ) की ओर से कड़वी लोकी काम में नहीं लेने के विशेष अनुदेश दिए गए है। कड़वी लोकी में एक बहुत विषैला तत्व होता है जिसके कारण शरीर में बहुत से हानिकारक प्रभाव हो सकते है। जूस बनाने की विधि इस प्रकार है :-
— लौकी के टुकड़े करके ग्राइंडर में डालें।
— चार पांच पोधिने की पत्तियां और इतने ही तुलसी की पत्ती डालें।
— स्वाद के लिए नमक , काली मिर्च और नींबू का रस अपनी पसंद के हिसाब से डालें ।
— ग्राइंडर मे घुमा कर इसे बारीक पीस लें।
— स्टेनर या कपड़े से छान कर रस निकाल लें।
— एक कप रस में एक कप पानी मिला कर पियें।
— बिना छाने पी सके तो अधिक लाभदायक होगा। लौकी के रस में किसी दूसरी सब्जी का रस नहीं मिलाना चाहिए।
— इसकी तासीर ठंडी होने के कारण जिन्हें जुकाम जल्दी हो जाता हो उन्हें लोकी के रस का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसे लोग पिसी हुई सोंठ और काली मिर्च डालकर थोड़ी मात्रा में सेवन कर सकते है।
— पित्ती या खुजली आदि होने पर लोकी का रस लगाएं , लोकी की सब्जी खाएं लोकी का रस पिएं। इससे पित्ती ठीक होती है।
— सुबह नियमित लोकी का जूस पीने से बाल काले होते है।