स्तन में दूध Breast Milk बच्चे के जन्म के बाद सबसे अधिक आवश्यक होता है। जन्म लेने के बाद सबसे पहले उसे माँ के दूध की जरुरत होती है। इ...

स्तन में दूध Breast Milk बच्चे के जन्म के बाद सबसे अधिक आवश्यक होता है। जन्म लेने के बाद सबसे पहले उसे माँ के दूध की जरुरत होती है। इसी से उसकी दुनिया से जुड़ाव की पहली शुरुआत होती है।
नए जन्म लिए बच्चे को माँ के स्तन से दूध पीना नहीं आता। उसे थोड़ा सिखाना पड़ता है। धीरज रखते हुए प्रयास करने से बच्चा दूध पीना सीख जाता है। बच्चे को घूंटी देने की प्रक्रिया बच्चे को दूध पीना सिखाने का ही तरीका होता है।
बच्चे को रुई के छोटे से टुकड़े से या साफ अंगुली से शहद चटाया जाता है। सिर्फ जीभ पर स्वाद मिल जाये इतना सा ही चटाना चाहिए , ज्यादा नहीं। इससे उसे चाटने , चूसने और निगलने का तरीका समझ आ जाता है। इसके बाद शिशु माँ के स्तन से दूध आसानी से पी लेता है।
माँ को स्तन से निकलने वाला पहला गाढ़ा और पीला दूध शिशु को जरूर पिलाना चाहिए। इस पहले दूध को कोलेस्ट्रम कहते है। इससे बच्चे में रोग प्रतिरोधक शक्ति का जबरदस्त विकास होता है। जिससे बच्चा स्वस्थ रहता है।
बच्चे को माँ का स्पर्श और साथ सोना उसे सुरक्षित महसूस कराता है क्योकि गर्भाशय में वह माँ के साथ का आदि हो जाता है। शिशु को बारी बारी से दोनों स्तन से दूध breast milk पिलाना चाहिये।
दूध पिलाते समय शिशु को साँस लेने में परेशानी ना हो इसका ध्यान रखना चाहिए। स्तन में दूध जरुरत से ज्यादा भर गया हो तो एक्स्ट्रा दूध निकाल देना चाहिये।
स्तन में दूध बढ़ाने के उपाय – How to increase breast milk
Stan ka doodh badhane ke tareeke
स्तन में दूध बढ़ाने के लिए माँ को पौष्टिक आहार लेना चाहिए। चिन्ता , शोक आदि से दूर रहना चाहिये। निश्चिंत और प्रसन्न रहकर शिशु के सिर पर लाड़ प्यार से हाथ फिराते हुए भावुकता के साथ स्तन पान कराने से स्तन में दूध बढ़ता है तथा शिशु को पर्याप्त मात्रा में दूध मिलता है।
ऐसा दूध पीकर शिशु भी तृप्त होता है। इसके अलावा इन उपायों को करने से लाभ होता है :
— चावल और थोड़ा सफेद जीरा दूध में डालकर खीर बनाएं। इस खीर को कुछ दिन रोज खाने से स्तन के दूध में वृद्धि होती है।
— एक गिलास दूध में शतावर का एक चम्मच चूर्ण मिलाकर रोज पीने से स्तन में दूध बढ़ता है।
— शाम के समय माँ यदि पेट भर के दूध दलिया खाती है तो शिशु को दूध की कमी नहीं रहती ।
— सुबह शाम एक गिलास दूध में एक चम्मच पिसा हुआ सफेद जीरा व एक चम्मच पिसी मिश्री मिलाकर पीने से स्तन दूध से भर जाते है।
— खून की कमी के कारण स्तन से दूध कम आता हो तो पका हुआ पपीता रोजाना खाना चाहिए। एक गिलास दूध में 10 -12 मुनक्का उबाल खाएं ऊपर से ये दूध पी लें। इन उपायों से खून की कमी भी दूर होती है और स्तन के दूध में वृद्धि होती है।
— एरण्ड के तेल की हल्के हाथ से स्तन की मालिश दिन में दो बार करने से स्तन में दूध बढ़ता है।
— खाने का गोंद ( पंसारी से लें ) घी में तल कर पीस लें। एक कप उबलते पानी में एक चम्मच ये पिसा हुआ गोंद , एक चम्मच चीनी और एक चुटकी पिसी इलायची मिलाकर सुबह शाम गुनगुना पीने से स्तन से खूब दूध आता है। इसे गोंद की रवी कहते है।स्तनपान कराने वाली जच्चा माँ का पानी
डिलीवरी के बाद पानी कैसा पीना चाहिए – Water after delivery
प्रसूता यानि नवजात शिशु की माँ को फ्रिज का ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए। उसे ठंडी चीजों के हाथ भी नहीं लगाना चाहिए। इससे माँ और बच्चे दोनों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। नवप्रसूता को पानी इस प्रकार तैयार करके देना चाहिए .
प्रसूता के लिए लौंग व सौंठ का पानी बनाने की विधि
दो लीटर पानी में एक चम्मच सौंठ और 5 -6 लौंग डालकर उबालें। इसे साफ छलनी से छान लें। ठंडा हो जाने पर ढक कर रखें। इस प्रकार रोजाना जरुरत के हिसाब से ताजा पानी बना लेना चाहिए। प्रसूता को दस दिन तक घूंट घूंट करके इसी प्रकार का पानी पीना चाहिए। गर्मी के मौसम में इसे छोटी मटकी या सुराही में भरकर रख सकते है।
दस दिन के बाद अगले एक महीने तक सादा पानी पी सकते है जो या तो उबाल कर ठंडा किया हुआ हो या RO मशीन द्वारा शुद्ध हो। लेकिन फ्रिज का ठंडा नहीं हो। सवा महीने बाद भी एकदम से ठंडा पानी शुरू करने के बजाय धीरे धीरे शुरू करना चाहिये।