भिन्डी Bhindi को Okra या Ladyfinger के नाम से भी जाना जाता है। यह सभी को पसंद आती है खासकर बच्चों को। भिंडी में प्रोटीन फाइबर तथा कई प्र...
भिन्डी Bhindi को Okra या Ladyfinger के नाम से भी जाना जाता है। यह सभी को पसंद आती है खासकर बच्चों को। भिंडी में प्रोटीन फाइबर तथा कई प्रकार के खनिज और विटामिन होने के कारण यह बहुत लाभदायक सब्जी है।
दुनिया भर में भिन्डी का उपयोग कई प्रकार की डिश बनाने में किया जाता है। ताजा और छोटी नर्म भिन्डी सब्जी के लिए अच्छी रहती है जिसमे बीज भी नर्म और छोटे होते है।
बड़ी होने के बाद भिंडी में बीज बड़े हो जाते है और यह कड़क हो जाती है जिससे अच्छी सब्जी नहीं बनती। भिंडी को गुजराती में भिंडा , मराठी में भेंडी , तमिल में वेंदक्कई कहते है।
भिंण्डी के पोषक तत्व – Lady finger Nutrients
भिन्डी में फाइबर , विटामिन A , विटामिन B 1 ,विटामिन C , विटामिन K , कैल्शियम , मैग्नेशियम तथा फोलेट प्रचुर मात्रा में होते है। इसके अलावा इसमें प्रोटीन , विटामिन B 3 , विटामिन B 6 , मैगनीज , पोटेशियम , जिंक तथा फास्फोरस आदि होते हैं।
इसमें कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट भी होते है। इस प्रकार खनिज और विटामिन की भरपूर मात्रा होने के कारण यह शरीर के लिए फायदेमंद होती है।
भिंडी के फायदे :
भिन्डी से मिलने वाले पोषक तत्वों के कारण भिंडी से शरीर को कई प्रकार के लाभ मिल सकते है जिसमे से कुछ इस प्रकार हैं :
पाचन
भिंडी में घुलनशील तथा अघुलनशील दोनों प्रकार के फाइबर होते हैं। फायबर आँतों को साफ रखते हैं। आंतें साफ रहने के कारण पाचन प्रक्रिया सुधरती है। फायबर के कारण कब्ज से बचाव होता है।
कब्ज के कारण पाचन संबंधी अनेक परेशानियां हो सकती है। भिंडी के उपयोग से ये परेशानियां दूर रहती हैं। भिंडी का आंतों को साफ करने का गुण आँतों में होने वाले कैंसर से भी बचा सकता है। भिंडी पचने में भारी होती है , अतः एक बार में अधिक मात्रा में नहीं खानी चाहिए।
गर्भावस्था
प्रेग्नेंट होने के लिए तथा गर्भावस्था में भिंडी खाना लाभदायक होता है। भिन्डी से मिलने वाले पोषक तत्व जैसे कैल्शियम , फोलेट , विटामिन C , विटामिन K आदि भ्रूण के विकास में मददगार होते हैं तथा गर्भपात होने से बचाव कर सकते हैं। यह गर्भावस्था में खाये जा सकने वाले आहार में से एक है।
भिन्डी के नियमित उपयोग से कंसीव करने की संभावना बढ़ती है।
विटामिन K
भिन्डी से प्रचुर मात्रा में विटामिन K मिलता है। यह विटामिन हड्डियों को मजबूती देने में प्रभावी भूमिका निभाता है। इसके अलावा यह रक्त स्राव को रोकने के लिए आवश्यक होता है। इसकी कमी होने पर चोट आदि लगने पर रक्त बहना जल्दी बंद नहीं हो पाता।
विटामिन K फैट में घुलनशील होता है। भिन्डी से मिलने वाला विटामिन A भी फैट में घुलनशील होता है। अतः इनका पूरा लाभ लेने के लिए भिंडी की सब्जी में तेल की मात्रा थोड़ी ज्यादा रखनी चाहिए।
कोलेस्ट्रॉल
भिंडी में पाये जाने वाले फायबर LDL नामक हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक होता है। इसके फायबर पाचन की प्रक्रिया में कोलेस्ट्रॉल के साथ जुड़ कर इसेशरीर से बाहर निकाल देते हैं। भिंडी में मौजूद फीटो स्टेरोल भी कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मददगार होते हैं।
भिंडी से मिलने वाला विटामिन C कोलेस्ट्रॉल के ऑक्सिडेशन को कम करके नसों में जमने से रोकता है। इसके अलावा विटामिन C कोलेस्ट्रॉल को बाइल में परिवर्तित करके वसा के पाचन में सहायक होता है। अतः भिंडी ह्रदय के लिए बहुत लाभदायक सब्जी होती है।
त्वचा
भिंडी में विटामिन C भरपूर होता है जो त्वचा के लिए बहुत लाभदाय होता है। यह शरीर के टिशू को स्वस्थ बनाये रखने में सहायक होता है। इससे त्वचा जवां बनी रहती है। इसके अलावा भिंडी में मौजूद तत्व स्किन के पिगमेंटेशन को रोककर त्वचा को दाग धब्बे और झाइंयों से भी बचाते हैं।
बाल
भिंडी को काट कर पानी में उबाल कर इस पानी से बाल धोने से बाल स्वस्थ रहते है।इससे बाल घने , मुलायम और रेशमी बनते हैं। इस पानी में नींबू का रस मिलाकर बाल धोने से यह सिर की त्वचा में होने वाली डेंड्रफ से छुटकारा दिलाती है। भिंडी का पानी बालों में कंडीशनर की तरह काम करता है।
आँखें
भिंडी में पाया जाने वाला विटामिन A आखों के स्वास्थ्य के लिए जरुरी होता है। नियमित भिन्डी के उपयोग से विटामिन A की कमी नहीं होती और आँखें स्वस्थ रहती हैं।
एनीमिया
खून की कमी यानि एनीमिया होने पर फोलेट और विटामिन K से लाभ पहुंचता है। यह दोनों तत्व भिंडी से मिल सकते है। अतः खून की कमी हो तो भिन्डी के उपयोग से लाभ होता है।
भिन्डी को कैसे रखें – How to store Lady finger
भिन्डी को बाजार से लाकर बिना धोये रखना चाहिए। जब काम लेनी हो उसी वक्त धोनी चाहिए। भिन्डी को कागज की थैली में रखने से जल्दी ख़राब नहीं होती।ज्यादा ठन्डे वातावरण में भिन्डी जल्दी ख़राब हो जाती हैं। अतः फ्रिज में ऐसी जगह रखें जहाँ ठंडक कम हो।
भिंडी की सब्जी – Bhindi ki sabji
भिन्डी कई प्रकार से बनाई जाती है जैसे – भरवां भिन्डी , मसाला भिन्डी , कुरकुरी भिन्डी , दही वाली भिन्डी , आलू भिन्डी , शिमला मिर्च और प्याज वाली भिन्डी , ओकरा गम्बो , बेसन वाली भिन्डी आदि।
भिन्डी की सब्जी में लार
Bhindi ki sabji me lar
अक्सर देखा जाता है की भिंडी की सब्जी बनाते समय उसमे चिकनी लारें बन जाती है। इसके कारण यह सब्जी खाना और परोसना मुश्किल हो जाता है। कुछ आसान से उपाय अपनाने से भिंडी की सब्जी को चिकनी होने से बचाया जा सकता है। इसके लिए ये उपाय अपनाने चाहिए :
— साबुत भिंडी को अच्छे से पानी से धो ले। इसे सूखे कपड़े से पोंछ कर दस मिनट सूखने दें। इसके बाद इसके दोनों सिरे काट कर निकाल दें। अब जैसे काटनी हो गोल या लंबी काट कर सब्जी बनायें।
— भिंडी की सब्जी बनाने के लिए सब्जी को छोंकने के बाद दो मिनट तेज आंच पर हिलाते हुए पकाएं। इसके बाद ही ढ़क्कन लगायें। इससे सब्जी में चिकनाहट नहीं होगी।
— सब्जी बनाने से पहले भिंडी को तेल में थोड़ा तल लेने से भिन्डी में लारें नहीं पड़ती। या थोड़े ज्यादा तेल में बनाने से भिन्डी की सब्जी चिकनी नहीं होती।
— भिन्डी की सब्जी को लसलसी होने से बचाने के लिए नमक सब्जी पकने के बाद ही डालना चाहिए।
— भिंडी की सब्जी में दो चम्मच नींबू का रस या सिरका मिला देने से भिंडी की सब्जी में लार नहीं छूटती। इससे भिंडी की चिकनाहट दूर हो जाती है।
— यदि लगे की भिंडी की सब्जी में लार छूटने लगी हैं तो थोड़ा सा तेल गर्म करके सब्जी में मिला दें। इससे लारें ख़तम हो जाएँगी।