पीपल का पेड़ Peepal tree सदियों से पूजनीय माना जाता है। शास्त्रों में पीपल की जड़ में ब्रह्मा , तने में विष्णु और शाखाओं में शिवजी का वा...

पीपल का पेड़ Peepal tree सदियों से पूजनीय माना जाता है। शास्त्रों में पीपल की जड़ में ब्रह्मा , तने में विष्णु और शाखाओं में शिवजी का वास बताया गया है। गीता में भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं को वृक्षों में पीपल का वृक्ष बताया है जो इस वृक्ष की महत्ता बयान करता है।
पीपल के पेड़ की पूजा करने से सभी देवताओं का आशीर्वाद मिलता है। भगवान बुध्द को इसी पेड़ के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। Pipal का महत्त्व जानकर ही इसे काटना धार्मिक रूप से निषेध किया गया है। अतः पीपल के पेड़ को काटना नहीं चाहिये।
पीपल का पेड़ बहुत ही खास तरह का पेड़ है। यह औषधि वाले गुणों से युक्त है। इसके सभी अंग दवा में काम आ सकने योग्य होते हैं। पीपल की एक अन्य विशेषता यह है कि यह रात के समय भी ऑक्सीजन दे सकता है।
सामान्य रूप से पेड़ पौधे रात के समय कार्बन डाईऑक्साइड छोड़ते है। इसी वजह से रात को पेड़ के नीचे सोने के लिए मना किया जाता है।
Pipal के फल और बीज बहुत छोटे आकार के होते हैं। इसका बीज राई के दाने से भी छोटा होता है लेकिन यह एक विशालकाय वृक्ष में परिवर्तित होने की क्षमता रखता है। Pipal का पेड़ लाख ( जिससे चूड़ी बनाई जाती है ) के उत्पादन के लिए उपयुक्त होता है। आसाम , मध्य प्रदेश , पंजाब आदि राज्य में Pipal के पेड़ पर लाख का उत्पादन किया जाता है।
पीपल की पूजा करने के लाभ
Pipal ki pooja ke fayde
— व्रतराज के अनुसार रोज Peepal के पेड़ को जल चढ़ाकर पूजा करने और परिक्रमा करने से आर्थिक समस्या व समस्त बाधाएँ दूर होती हैं तथा आयु बढ़ती है।
— शनिवार को Peepal के पेड़ की पूजा करने वाले पर लक्ष्मीऔर शनि की कृपा हमेशा बनी रहती है।
— शनिवार के दिन अमावस्या हो तो सरसों के तेल का दीपक जलाकर काले तिल से पीपल वृक्ष की पूजा करने से शनि दोष के कष्ट दूर होते हैं।
— पूर्णिमा और अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से विशेष लाभ होता है।
— पूर्णिमा के दिन लक्ष्मी जी इसका फेरा लगाती है। इस समय फल पुष्प आदि अर्पित करने से लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहती है।
— शनिवार की शाम Peepal की जड़ के पास सरसों के तेल का दीपक जलाने से घर में सुख समृद्धि और खुशहाली आती है तथा रुके हुए काम होने लगते हैं।
— पीपल के वृक्ष के नीचे मंत्र, जप और ध्यान तथा सभी प्रकार के संस्कारों को शुभ माना गया है।
— सोमवती अमावस्या के दिन पीपल की 108 परिक्रमा और व्रत करना बहुत लाभकारी होता है।
— शनिवार के दिन Peepal के पेड़ के नीचे हनुमान चालीसापढ़ने से हनुमान जी और शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है।
पीपल की पूजा करने का तरीका
Peepal ki pooja vidhi
सुबह नहा धोकर साफ शुद्ध कपड़े पहने। शुद्ध और पवित्र जगह पर स्थित Pipal के पेड़ की पूजा करें। सबसे पहले जड़ों में गाय का दूध , गंगाजल या शुद्ध जल चढ़ायें। चन्दन से टिका करें , अक्षत , मौली , जनेऊ , पुष्प आदि अर्पित करें। नैवेद्य के रूप में फल मिठाई आदि चढ़ायें।
दक्षिणा अर्पित करें। धूप और दीपक जलायें। हाथ जोड़कर ब्रह्मा विष्णु महेश से अपने परिवार की सुख समृद्धि के लिए प्रार्थना करें। इस मन्त्र का उच्चारण करें –
मूलतो ब्रह्मरूपाय मध्यतो विष्णुरूपिणे ।
अग्रत: शिवरूपाय वृक्षराजाय ते नम: ।।
आयु: प्रजां धनं धान्यं सौभाग्यं सर्वसम्पदम् ।
देहि देव महावृक्ष त्वामहं शरणं गत: ।।
इसके बाद ब्रह्मा विष्णु महेश की आरती करें। थोड़ा पूजा का जल घर पर लाकर घर में छिड़काव करें। यह जल सौभाग्य की वृद्धि करने वाला होता है।
पीपल की पूजा में क्या ध्यान रखना चाहिए
Peepal puja tips
रविवार के दिन Peepal की पूजा नहीं करनी चाहिए। इससे दरिद्रता आती है।
रात को आठ बजे के बाद पीपल के आगे दिया नहीं जलाना चाहिए। आठ बजे के बाद देवी लक्ष्मी की बहन दरिद्रता का वास माना जाता है।
पीपल घर से दूर होना चाहिए। इसकी छाया घर पर नहीं पड़नी चाहिये।
पीपल के पेड़ का औषधीय महत्त्व
Peepal tree as medicine
Pipal के पेड़ के सभी अंग औषधि के रूप में काम आ सकते है । आयुर्वेदिक दवाओं में इसके पत्ते , छाल , जड़ , फल आदि सभी अंग काम में लिए जाते हैं। इसका उपयोग कई प्रकार के संक्रमण , घाव भरने में, फर्टिलिटी बढ़ाने आदि में किया जाता है।
पीपल के पत्ते :
Peepal के पत्ते Pipal Leaves का उपयोग पीलिया तथा कब्ज ठीक करने में किया जाता है। यह हृदय को ताकत देने वाली होती है। बुखार और रक्तस्राव में लाभदायक होती हैं।
पीपल के पत्ते के रस की कुछ बूँद नाक में डालने से नकसीर बंद हो जाती है।
पीलिया में पीपल की 4 -5 कोमल पत्तियों का रस निकाल लें। इसे पानी में मिला लें थोड़ी मिश्री मिला लें। इसे सुबह शाम 4 -5 दिन लें।
पीपल की छाल :
पीपल की छाल का काढ़ा कई प्रकार से काम आता है। छाल का काढ़ा रक्तपित्त , घाव , योनि के रोग , पेशाब की परेशानी में काम आता है। यह त्वचा की बीमारी , जोड़ों के दर्द , अल्सर में भी लाभदायक होता है।
छाल को दूध में उबाल कर पीने से यौन शक्ति बढ़ती है। पीपल की छाल कई प्रकार की आयुर्वेदिक दवा बनाने के काम आती है। इसका बारीक़ पेस्ट लगाने से फोड़े फुंसी , कटने या जलने पर लगाने से लाभ होता है।
पीपल की छाल का काढ़ा मुंह के छाले , पित्ती , स्वप्नदोष आदि मिटाता है। छाल के काढ़े से गरारे करने से दांत के दर्द में आराम आता है। पीपल की दातुन करने से दांत और मसूड़े स्वस्थ रहते हैं।
पीपल का फल :
Peepal का फल पाचन के लिए अच्छा होता है। सूखे फल का पाउडर अस्थमा में लाभदायक होता है।