खालसा पन्थ की स्थापना करने वाले सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह एक महान योद्धा, कवि, भक्त एवं आध्यात्मिक गुरु थे। उन्होंने गुरु ...
खालसा पन्थ की स्थापना करने वाले सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह एक महान योद्धा, कवि, भक्त एवं आध्यात्मिक गुरु थे। उन्होंने गुरु ग्रन्थ साहिब को पूर्ण कर उन्हें गुरु के रूप में सुशोभित किया है।
उनकी कही ये पंक्तियाँ आज भी लोगो में जोश और उर्जा का संचार करती हैं।
"सवा लाख से एक लड़ाऊं,
चिड़ियन ते मैं बाज तुड़ाऊं,
तबै गुरु गोबिंद सिंह नाम कहाऊं "
गुरु गोबिंद सिंह के अनमोल विचार
Quote 1: अगर आप केवल भविष्य के बारे में सोचते रहेंगे तो वर्तमान भी खो देंगे.
गुरु गोबिंद सिंह
Quote 2: जब आप अपने अन्दर से अहंकार मिटा देंगे तभी आपको वास्तविक शांति प्राप्त होगी.
गुरु गोबिंद सिंह
Quote 3: मैं उन लोगों को पसंद करता हूँ जो सच्चाई के मार्ग पर चलते हैं.
गुरु गोबिंद सिंह
Quote 4: ईश्वर ने हमें जन्म दिया है ताकि हम संसार में अच्छे काम करें और बुराई को दूर करें.
गुरु गोबिंद सिंह
Quote 5: इंसान से प्रेम ही ईश्वर की सच्ची भक्ति है.
गुरु गोबिंद सिंह
Quote 6: अच्छे कर्मों से ही आप ईश्वर को पा सकते हैं. अच्छे कर्म करने वालों की ही ईश्वर मदद करता है.
गुरु गोबिंद सिंह
Quote 7: जो कोई भी मुझे भगवान कहे, वो नरक में चला जाए.
गुरु गोबिंद सिंह
Quote 8: मुझे उसका सेवक मानो. और इसमें कोई संदेह मत रखो.
गुरु गोबिंद सिंह
Quote 9: जब बाकी सभी तरीके विफल हो जाएं, तो हाथ में तलवार उठाना सही है.
गुरु गोबिंद सिंह
Quote 10: असहायों पर अपनी तलवार चलाने के लिए उतावले मत हो, अन्यथा विधाता तुम्हारा खून बहायेगा.
गुरु गोबिंद सिंह
Quote 11: उसने हेमशा अपने अनुयायियों को आराम दिया है और हर समय उनकी मदद की है.
गुरु गोबिंद सिंह
Quote 12: हे ईश्वर मुझे आशीर्वाद दें कि मैं कभी अच्छे कर्म करने में संकोच ना करूँ.
गुरु गोबिंद सिंह
Quote 13: ये मित्र संगठित हैं, और फिर से अलग नहीं होंगे, उन्हें स्वयम सृजनकर्ता भगवान् ने एक किया है.
गुरु गोबिंद सिंह
Quote 14: सबसे महान सुख और स्थायी शांति तब प्राप्त होती है जब कोई अपने भीतर से स्वार्थ को समाप्त कर देता है.
गुरु गोबिंद सिंह
Quote 15: दिन-रात, हमेशा ईश्वर का ध्यान करो.
गुरु गोबिंद सिंह
Quote 16: हर कोई उस सच्चे गुरु की जयजयकार और प्रशंसा करे जो हमें भगवान की भक्ति के खजाने तक ले गया है.
गुरु गोबिंद सिंह
Quote 17: भगवान के नाम के अलावा कोई मित्र नहीं है, भगवान के विनम्र सेवक इसी का चिंतन करते और इसी को देखते हैं.
गुरु गोबिंद सिंह
Quote 18: आपने ब्रह्माण्ड की रचना की, आप ही सुख-दुःख के दाता हैं.
गुरु गोबिंद सिंह
Quote 19: आप स्वयं ही स्वयं हैं, अपने स्वयं ही सृष्टि का सृजन किया है.
गुरु गोबिंद सिंह
Quote 20: सत्कर्म कर्म के द्वारा, तुम्हे सच्चा गुरु मिलेगा, और उसके बाद प्रिय भगवान मिलेंगे, उनकी मधुर इच्छा से, तुम्हे उनकी दया का आशीर्वाद प्राप्त होगा.
गुरु गोबिंद सिंह
Quote 21: सच्चे गुरु की सेवा करते हए स्थायी शांति प्राप्त होगी, जन्म और मृत्यु के कष्ट मिट जायेंगे.
गुरु गोबिंद सिंह
Quote 22: अज्ञानी व्यक्ति पूरी तरह से अंधा है, वह मूल्यवान चीजों की कद्र नहीं करता है.
गुरु गोबिंद सिंह
Quote 23: ईश्वर स्वयं क्षमाकर्ता है.
गुरु गोबिंद सिंह
Quote 24: बिना गुरु के किसी को भगवान का नाम नहीं मिला है.
गुरु गोबिंद सिंह
Quote 25: बिना नाम के कोई शांति नहीं है.
गुरु गोबिंद सिंह
Quote 26: मृत्यु के शहर में, उन्हें बाँध कर पीटा जाता है, और कोई उनकी प्रार्थना नहीं सुनता है.
गुरु गोबिंद सिंह
Quote 27: जो लोग भगवान के नाम पर ध्यान करते हैं, वे सभी शांति और सुख प्राप्त करते हैं.
गुरु गोबिंद सिंह
Quote 28: मैं उस गुरु के लिए न्योछावर हूँ, जो भगवान के उपदेशों का पाठ करता है.
गुरु गोबिंद सिंह
Quote 29: सेवक नानक भगवान के दास हैं, अपनी कृपा से, भगवान उनका सम्मान सुरक्षित रखते हैं.
गुरु गोबिंद सिंह
Quote 30: स्वार्थ ही अशुभ संकल्पों को जन्म देता है.
गुरु गोबिंद सिंह
उनके कुछ प्रमुख उपदेश निम्नलिखित हैं
1-ईश्वर सर्वत्र विद्यमान है ,हम सबका “पिता” वही है इसलिए सबके साथ प्रेम पूर्वक रहना चाहिए |
2-अपने हाथों से मेहनत कर, लोभ को त्याग कर एवं न्यायोचित साधनों से धन का अर्जन करना चाहिए |एक साहूकार, मलिक भागो की रोटी से रक्त एवं एक गरीब, भाई लालो की मेहनत से कमाई रोटी से दूध निकलता दिखा कर उन्होंने इस शिक्षा को जनमानस तक पहुंचाया था |
3-कभी भी , किसी का हक, नहीं छीनना चाहिए |
4-यदि किसी को धन की अथवा कोई अन्य मदद चाहिए तो हमें कदापि पीछे नहीं हटना चाहिए |
5-अपनी कमाई का ‘दसवंद’ (1/10)परोकार के लिए एवं अपने समय का 1/10 प्रभु-सिमरन अथवा ईश्वर के लिए लगाना चाहिए |
6-माया (धन) को जेब में ही स्थान देना चाहिए, अपने हृदय में नहीं |
7-स्त्री-जाति का आदर करना चाहिए |
8-चिंता-मुक्त रहकर अपने कर्म करने चाहिए |उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा है –“नानक चिंता मत करो ,चिंता तिसहि हे|”
9-संसार को जीतने से पहले स्वयं अपने विकारों पर विजय पाना अत्यावश्यक है |
10-अहंकार मनुष्य को मनुष्य नहीं रहने देता अतः अहंकार कभी नहीं करना चाहिए | विनम्र हो सेवाभाव से जीवन गुजारना चाहिए |
गुरु साहिब तो ज्ञान हैं, आलोक हैं, मार्गदर्शन हैं, ज्ञानचक्षु हैं, माता-पिता हैं,परमेश्वर हैं और आज भी “श्री गुरु ग्रन्थसाहिब” के रूप में हरपल, हरक्षण हमारे समीप हैं |ऐसे सद्गुरु को कोटि-कोटि प्रणाम |