कई पारंपरिक मान्यताओं के मुताबिक, प्रत्येक वास्तु का अपना ही ऊर्जा प्रकार होता है। जब एक बार कोई इंसान घर में रहना शुरू कर देता है, तो...
कई पारंपरिक मान्यताओं के मुताबिक, प्रत्येक वास्तु का अपना ही ऊर्जा प्रकार होता है। जब एक बार कोई इंसान घर में रहना शुरू कर देता है, तो वह एक प्रकार के विशिष्ट ऊर्जा से जुड़ जाता है, और ये ऊर्जा उन्हें प्रभावित करना शुरू कर देती हैं। लेकिन जो विश्वास करते हैं, उनके घरो के लिए सकारात्मक ऊर्जा बहुत महत्वपूर्ण है। भारतीय वास्तु विज्ञान में यह सुनिश्चित करने के लिए कई वास्तु उपाय है, जिसके चलते बिना किसी ( संरचनात्मक ) परिवर्तन के घर खुशियों से भर जाता है।
बढ़ती महंगाई व धन की कमी मकान बनाने वाले को सोचने पर मजबूर कर देती है। ऐसी हालत में यदि कोई मकान बनाता है तो बस यही सोचकर बनाता है कि हम अपने बनाए अशियाने में सुख से रह सकें। अशांति, अकस्मात दुर्घटना, बीमारी, मानसिक परेशानियों से बच सकें। धन-धान्य से पूर्ण घर में सुख-शांति रहे। आपसी तालमेल बना रहे आदि-आदि।
ऐसे में घर गलत तरीके से बन जाए तो जीना भी दूभर हो जाता है। कई बार वास्तुनुरूप घर होने पर भी सामान का अस्त-व्यस्त रखना, रंग-रोगन गलत होना, सोने का स्थान सही न होना आदि कई कारण होते हैं जिससे घर में बरकत नहीं रहती।
नया साल हो या कोई त्योहार, अधिकांश बधाई संदेशों में आपके चाहने वाले आपके जीवन में सुख शांति एवं समृद्धि की कामनाएं भेजते हैं। समृद्धि तो आपकी मेहनत पर निर्भर करती है, लेकिन सुख और शांति के लिए आप क्या कर सकते हैं। सुख और शांति के लिए जितना ज्यादा आपका व्यवहार मायने रखता है, उससे कहीं ज्यादा आपके घर का वास्तु।
वास्तु के टिप्स ( Tips For Vastu)
1. कोई भी जमीन कहीं भी हो तो चौकोर हो या आयताकार हो, गोल, तिकोनी, तिरछी, पूर्व से कटी, नैऋत्य में बड़ी या वायव्य में बड़ी हो तो अग्निकोण बड़ा हो, अगर ऐसी जमीन मुफ्त में भी मिले तो त्याज्य है।
2. ईशान यानी पूर्व-उत्तर दिशा वाला भाग बड़ा हो तो चलेगा।
3. जमीन का ढलान पूर्व-उत्तर में हो तो शुभ रहेगा।
4. दक्षिण-पश्चिम में ढलान नहीं होना चाहिए। मैंने कई ऐसे मकान देखे हैं, जो बड़े-बड़े वास्तुविदों ने बनाए, लेकिन उसमें रहने वाले तबाह हो गए हैं। थोड़े से लालच व अधिक से अधिक जगह घेरने की मंशा ही घर का वास्तु बिगाड़ देती है।
5. ईशान कोण में मुख्य दरवाजा ठीक नहीं रहता।
6. पढ़ाई का स्थान उत्तर-पूर्व में हो व पूर्व या उत्तर की तरफ मुंह कर बैठना शुभ रहेगा।
7. आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होने के लिए उत्तर में सेफ होना चाहिए।
8. उत्तर दिशा में पानी रखना शुभ होता है।
9. आग्नेय में पानी या बोरिंग नहीं होना चाहिए।
10. कोई भी कमरा तिरछा नहीं होना चाहिए।
अपने जीवन में वास्तु शास्त्र अपनाए
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