अरारोट Ararot रसोई में काम आने वाला सफ़ेद रंग का बारीक़ पाउडर है जो अक्सर आलू की टिकिया बनाते समय काम लिया जाता है। क्या आप जानते हैं कि...
अरारोट Ararot रसोई में काम आने वाला सफ़ेद रंग का बारीक़ पाउडर है जो अक्सर आलू की टिकिया बनाते समय काम लिया जाता है। क्या आप जानते हैं कि अरारोट फायदे नुकसान क्या हैं और यह कैसे बनता । आइये जानें।
अरारोट असल में एक जड़ का पाउडर होता है। इसका पौधा अंग्रेजी भाषा में एरोरूट Arrow root कहलाता है।आयुर्वेद में यह पौधा शिशुमूल के नाम से जाना जाता है।
आयुर्वेद के अनुसार अरारोट सुपाच्य , सौम्य तथा कब्ज नाशक होता है। यह आँतों तथा मूत्राशय सम्बन्धी रोग से आई कमजोरी दूर करता है। बीमार या बच्चों के लिए फायदेमंद होता है।
अरारोट को अरारूट , विलायती तीखुर के नाम से भी जाना जाता है। इसे गुजराती में तवखार Tavkhar , मराठी में आरा रूट, बंगला में तवक्षीर Tavkshir कहते हैं।
अरारोट के पौधे की जड़ में शकरकंद जैसी आकृति की जड़े बनती हैं। इन्हें खोदकर निकाला जाता है , फिर इसे धोकर उबाल लेते हैं। छिलका निकाल देते हैं और टुकड़े करके पीसा जाता है।
इसे धोने से स्टार्च ( मांड ) निकलता है , रेशेदार भाग को हटा दिया जाता है। स्टार्च या मांड को शुद्ध करके सुखा लिया जाता है। सूखने के बाद उसे बारीक़ पीस कर उसका पाउडर बना लिया जाता है। यही पाउडर अरारोट है जिसे हम रसोई मे काम लेते हैं।
आजकल इसकी जगह कॉर्न फ्लौर का उपयोग सस्ते विकल्प के रूप में होता है। लेकिन अरारूट में अधिक पोषक तत्व होते हैं। इसके अलावा जिन लोगों को कॉर्न से या गेहूं से एलर्जी होती है वे अरारूट काम में ले सकते हैं। क्योंकि इसमें ग्लूटेन नहीं होता है।
अरारोट में स्वाद नहीं होता है। अतः इसे किसी भी व्यंजन में मिलाया जा सकता है। अरारोट लगाकर आलू की फिंगर चिप्स या टिकिया तलने से कुरकुरी बनती है। ग्रेवी को गाढ़ा करने के लिए भी इसका उपयोग होता है।
अरारोट के पोषक तत्व – Arrowroot Nutrients
अरारोट में बहुत से पोषक तत्व होते हैं। इसमें प्रोटीन , कार्बोहाईड्रेट , विटामिन बी 9 , कैल्शियम , पोटेशियम , मैग्नीशियम , सोडियम , और फास्फोरस प्रचुर मात्रा में होता है। इसके अलावा कुछ मात्रा जिंक , आयरन , विटामिन बी B1 और बी 6 भी होता है।
अरारोट एक शुद्ध प्राकृतिक कार्बोहाईड्रेट है।
अरारोट के फायदे
पाचन तंत्र
अरारोट में भरपूर फाइबर होता है। फाइबर पाचन तंत्र के लिए जरुरी होता है। यह आतों की सफाई करता है और पोषक तत्वों के अवशोषण में मदद करता है। यह कब्ज दूर करता है। ब्लड में शक्कर का लेवल नियंत्रित करने में सहायक होता है तथा डायबिटीज को रोकने में सहायक होता है। फाइबर कोलेस्ट्रोल कम करने में भी मददगार होता है। अतः पाचन तंत्र के लिए अरारोट लाभदायक है।
ह्रदय
अरारोट में पाया जाने वाला पोटेशियम ह्रदय के लिए लाभदायक होता है। पोटेशियम से रक्त शिराएँ लचीली बनती हैं तथा यह नसों में कोलेस्ट्रोल जमने से रोकता है। इसके अलावा यह दिमाग में ऑक्सीजन युक्त रक्त के संचार में वृद्धि करता है।
गेहूं से एलर्जी और सेलिअक डिजीज
गेहूं से एलर्जी और सेलिअक डिजीज से ग्रस्त लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसके लिए ग्लूटेन फ्री डाईट की जरुरत होती है और अरारूट इसमें उपयुक्त साबित होता है। यह पेट की तकलीफ , ग्लूटेन के कारण होने वाली दिक्कत व दर्द आदि में आराम दिला सकता है।
अरारूट सम्बन्धी अन्य जानकारी
अरारूट अनाज से नही बनता इसलिए व्रत में खाया जा सकता है , परन्तु शुद्ध होना चाहिए।
यह किसी भी किराना स्टोर पर आसानी से मिल जाता है। इसे ऑनलाइन भी मंगाया जा सकता है।
अरारूट को फ्रिज में रखने की जरुरत नहीं होती है परन्तु सूखे और ठन्डे स्थान पर रखना चाहिए । सीधी धूप और नमी से बचाना चाहिए।
पुराने समय से इसे मकड़ी या बिच्छु जैसे जहरीले कीड़ों के काटने पर भी लगाया जाता है।
यह आसानी से पच जाता है अतः पाचन सम्बन्धी दिक्कत वाले लोग भी इसका उपयोग कर सकते हैं।
अरारोट का उपयोग व्यावसायिक स्तर पर जेली और पेस्ट्री आदि बनाने में किया जाता है। इसके अलावा कुछ कॉस्मेटिक प्रोडक्ट जैसे टेलकम पाउडर आदि बनाने में तथा ग्लू बनाने में भी इसका उपयोग होता है।