डिप्रेशन Depression या अवसाद एक प्रकार की मानसिक अवस्था है जिसमें व्यक्ति बहुत उदास , दुःखी और निराश हो जाता है। किसी चीज में ख़ुशी नह...
डिप्रेशन Depression या अवसाद एक प्रकार की मानसिक अवस्था है जिसमें व्यक्ति बहुत उदास , दुःखी और निराश हो जाता है। किसी चीज में ख़ुशी नहीं मिलती, कभी शौक और उत्साह से किये काम में भी दिल नहीं लगता।
खुद को नाकाबिल समझना , कोशिश करने के बाद भी नकारात्मक विचार बंद नहीं होना , आत्मग्लानि होना , निर्णय नहीं ले पाना , बार बार भूल जाना , एकाग्रता भंग होना , भूख बंद और वजन गिरना या हमेशा भूख लगना और वजन बढ़ना डिप्रेशन के लक्षण हो सकते हैं
इसके अलावा सुबह बहुत जल्द नींद खुल जाना , नींद नहीं आना, सारे दिन सोये रहना , आत्महत्या के विचार आना या आत्महत्या का प्रयास करना जैसी गंभीर बातें भी सामने आ सकती हैं। इस प्रकार के लक्षण रोजाना लगातार दो सप्ताह या ज्यादा समय तक नजर आये तो इसे डिप्रेशन की बीमारी कहते है।
वैसे हर व्यक्ति कभी न कभी उदास और दुखी हो सकता है या अकेलापन महसूस कर सकता है , इसे डिप्रेशन नहीं कहेंगे।
लेकिन यदि ऐसा लगे की एक गहरे अँधेरे कुए जैसी स्थिति में फंस गए है जहाँ से निकलने का कोई रास्ता नहीं यानि आशा की कोई किरण नजर नहीं आती कि परिस्थिति कभी भी बदलेगी और ऐसा लंबे समय यानि हफ़्तों ,महीनो या सालों तक हो जिसका कोई विशेष कारण भी नजर ना आये तो यह डिप्रेशन हो सकता है।
महिलाओं को डिप्रेशन का अधिक सामना करना पड़ता है। लगभग 20 % महिलाये डिप्रेशन से ग्रस्त पाई जाती है।पिता के घर में भेदभाव , पति के घर में नया माहौल , माँ बनना या नहीं बन पाना , हार्मोन्स का बदलाव , माहवारी , गर्भावस्था आदि डिप्रेशन के कारण बन जाते है।
गर्भ निरोधक का उपयोग नहीं करने के बावजूद प्रेगनेंट नहीं हो पाना भी वजह बन सकती है। इसके अलावा बच्चा होने के बाद महिलाऐं अक्सर डिप्रेशन की शिकार हो जाती है। जिसे पोस्टपोर्टम डिप्रेशन कहते है।
महिलाएं अक्सर खाना , पीना , सोना सब भूलकर सिर्फ शिशु की देखभाल की चिंता करने लग जाती है। यह भी डिप्रेशन का कारण बन सकता है।
डिप्रेशन के कारण – Reasons of Depression
Depression hone ke karan
— बचपन में हुआ शारीरिक , मानसिक या यौन शोषण डिप्रेशन का कारण हो सकता है।
— यौन सम्बन्ध से संतुष्टि नहीं मिल पाना या किसी कारण से अस्थायी नपुंसकता , शीघ्रपतन आदि होना ।
— अनुवांशिक कारण से यानि परिवार में किसी दूसरे सदस्य को ये परेशानी हो।
— किसी अपने बहुत प्रिय की मृत्यु का दुःख और शोक।
— रूपये पैसों की समस्या।
— किसी लंबी बीमारी के कारण जो बार बार परेशान करती है जैसे डायबिटीज , थायरॉइड , दिल की बीमारी , एड्स , गठिया आदि।
— नई शुरुआत करने की घबराहट जैसे नौकरी या शादी आदि को लेकर चिंता।
— अलगाव जैसे तलाक , रिटायरमेंट या नौकरी छूटना।
— किसी बीमारी या किसी और कारण से परिवार या समाज से अलग थलग पड़ जाना।
— परिवार के लोगों से या दोस्तों से झगड़ा।
— परिवार में हुए किसी नुकसान के लिए खुद को दोषी मानना।
— हार्मोन्स का बदलाव
डिप्रेशन का उपचार – Depression Ka ilaj
हर प्रकार का डिप्रेशन इलाज से ठीक हो सकता है। आजकल डिप्रेशन के लिए कई प्रकार की आधुनिक दवाएँ मौजूद है। इन्हें सिर्फ नींद की गोली नहीं समझना चाहिए। इनकी आदत भी नहीं पड़ती।
दवाओं का उपयोग डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए। ये दवा थोड़े लंबे समय तक चलती है अतः धैर्य पूर्वक डॉक्टर के द्वारा दी गई दवाएं लेनी चाहिए।
इसके अलावा कई प्रकार की थेरेपी से डिप्रेशन का इलाज संभव है। एक्सपर्ट से सलाह मशविरा किया जा सकता है। एक्सपर्ट शांत और प्रसन्न रहना सिखा सकते है। नकारात्मक विचार को कैसे सकारात्मक विचार में बदले उनसे सीख सकते है। इससे गुस्सा , तोड़ फोड़ , सहयोग न करना जैसे भावनाएं भी कण्ट्रोल की जा सकती है।
इंटरनेट के माध्यम से कई प्रकार से लोगों से संपर्क करके हल निकाला जा सकता है। योगासन प्राणायाम आदि सीख कर इनके अभ्यास से बहुत लाभ हो सकता है।
लोगों से कट कर रहना डिप्रेशन को बढ़ाता है। अकेले बिल्कुल ना रहें। अतः अपने दोस्तों से और परिवार वालों से मिलें उनसे बात करें। आमने सामने किसी से बात करना बहुत अच्छा होता है। सामने वाले के पास भले ही आपकी समस्या का समाधान ना हो , सामने वाला सिर्फ आपकी बात सुन ले इतना ही काफी होता है।
शारीरिक गतिविधि से आराम मिलता है। पैदल घूमना , हल्की एक्सरसाइज करना या हल्के म्यूजिक पर डांस करने से अच्छा लगेगा। पैदल घूमने से मन प्रसन्न होता है।
कैफीन , अल्कोहल , शक्कर युक्त पेय नुकसान देह साबित होंगे ये ना लें। पोष्टिक आहार तथा फल , बादाम , अखरोट तथा ओमेगा 3 फैटी एसिड वाली चीजें खाएं।
बेकार ना बैठे ना लेटे अन्यथा नकारात्मक विचार शुरू हो सकते है। किसी ना किसी काम में अपने को व्यस्त रखने की कोशिश करें।
पेट ( पालतू कुत्ता आदि ) पसंद हो तो पेट के साथ खेलें। अपने पुराने शौक को शुरू करें , हो सकता है शुरू में आपको अच्छा ना लगे लेकिन धीरे धीरे आपको मजा आने लगेगा।
किसी ओर पर या अपने आप पर दोषारोपण ना करें। इससे किसी प्रकार का हल नहीं निकलता। खुद को समझाएं कि जो होना था हो चुका इससे सीख लेकर आगे बढ़ना चाहिए ताकि और नुकसान ना हो।
प्रार्थना , व्रत , पूजा आदि पर विश्वास रखें। आशावादी बने। हर बात के दो पहलू होते है। सकारात्मक पहलू पर भी जरूर गौर करें।