डायबिटीज के बारे में गलतफहमी होना आम बात है। इस बीमारी की पूरी जानकारी होने पर इसे कण्ट्रोल करने में आसानी होती है। डायबिटीज बहुत आम स...
डायबिटीज के बारे में गलतफहमी होना आम बात है। इस बीमारी की पूरी जानकारी होने पर इसे कण्ट्रोल करने में आसानी होती है। डायबिटीज बहुत आम समस्या हो गई है। इसके बहुत से कारण होते हैं।
डायबिटीज होने से शरीर में कई प्रकार की परेशानी होने लगती है। डायबिटीज के कारण , लक्षण , यह कितने प्रकार की होती है तथा लीवर , पेन्क्रियास और इन्सुलिन से यह किस प्रकार प्रभावित होती है
डायबिटीज के बारे में कई प्रकार की गलत धारणाएं प्रचलित है। इनके बारे में जानकर ग़लतफ़हमी दूर कर लेनी चाहिए ताकि खुद को और घर वालों को परेशानी नहीं उठानी पड़े और इस बीमारी को कंट्रोल कर सकें। यहाँ कुछ गलतफहमी और वास्तविकता बताई गई हैं।
जिनको डायबिटीज हो उन्हें एक्सरसाइज़ नहीं करनी चाहिए :
ये सही नहीं है। एक्सरसाइज़ करने से , ह्रदय मजबूत होता है , मानसिक तनाव दूर होता है , इन सबसे रक्त में शर्करा की मात्रा कम होती है। अतः एक्सरसाइज़ करना लाभदायक है। परंतु एक बार चिकित्सक की सलाह अवश्य ले लेनी चाहिए।
सिर्फ मोटे लोगों को डायबिटीज होती है :
यह जरुरी नहीं है। पतले लोगों को भी डायबिटीज हो सकती है। बहुत से लोग ऐसे भी है जिनका वजन ज्यादा है फिर भी उन्हें डायबिटीज नहीं है। वजन अधिक होने पर डायबिटीज होने का खतरा जरूर बना रहता है।
डायबिटीज के कारण परेशानी जरूर होती है लेकिन यह घातक नही है :
यह सही नहीं है। डायबिटीज के कारण बहुत से लोग हार्टअटैकऔर ह्रदय रोग के कारण असमय काल के ग्रास में समा जाते है। अतः इसे गंभीरता से लेने की जरूरत होती है।
बच्चों की डायबिटीज बड़े होने पर ठीक हो जाती है :
यह गलफहमी है। ज्यादातर बच्चों में टाइप 1 डायबिटीज पाई जाती है। जो पैंक्रियास में बीटा सेल के नष्ट होने के कारण होती है। ये सेल दुबारा नहीं बन पाते। टाइप 1 डायबिटीज वाले बच्चों को हमेशा इन्सुलिन लेना पड़ता है।
ज्यादा मीठा खाने के कारण डायबिटीज होती है :
यह सही नहीं है। टाइप 1 डायबिटीज का कारण इन्सुलिन बनाने वाले बीटा सेल का नष्ट होना होता है न की खाना पीना। लेकिन ज्यादा मीठा खाने से वजन बढ़ जाता है और टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा पैदा हो जाता है। विशेष कर जिनके परिवार में किसी को डायबिटीज हो।
रक्त में शुगर के बढ़ने का पता अपने आप चल जाता है :
रक्त में बहुत ज्यादा सुगर होने पर या बहुत कम होने पर ही कुछ लक्षण प्रकट होते है। जैसे कमजोरी , थकान या तेज प्यास आदि। सही पता लगाने के लिए नियमित रूप से जाँच होना जरुरी है। रक्त में ग्लुकोज़ का लेवल थोड़ा भी अधिक होने पर यह धमनियों को नुकसान पहुंच कर ह्रदय रोग पैदा कर सकता है।
डायबिटीज एक से दूसरे को लग सकती है :
यह सही नहीं है। साथ रहने से डायबिटीस एक से दूसरे को नहीं होती। सिर्फ अनुवांशिक तौर पर जीन्स के द्वारा घर के बड़े बुजुर्ग को होने की वजह से आपको हो सकती है।
टाइप 2 डायबिटीज़ सिर्फ बड़ी उम्र में ही होती है :
पहले ऐसा होता था। लेकिन बच्चों में मोटापा बहुत बढ़ने के कारण , पोष्टिक भोजन के बजाय फ़ास्ट फ़ूड , चिप्स , मैदा के बिस्किट , पेटीज , कोल्ड ड्रिंक्स आदि का उपयोग तथा शारीरिक गतिविधि कम होने के कारण टाइप 2 डायबिटीज बच्चों में तेजी से बढ़ रही है।
जिन्हें डायबिटीज हो वे चॉकलेट या मीठा बिलकुल नहीं खा सकते :
यदि आप एक्सरसाइज़ पर्याप्त मात्रा में डॉक्टर के बताये अनुसार कर रहे है और थोड़ा सा मीठा आपके डाइट प्लान को ख़राब नहीं कर रहा तथा इसे आप मैनेज कर सकते है तो थोड़ी बहुत मात्रा में चॉकलेट या मीठा नुकसान नहीं करता।
डायबिटीज के रोगियों को सर्दी जुकाम और अन्य बीमारी ज्यादा होती ही है :
डायबिटीज से ग्रस्त व्यक्ति यदि पूरा कंट्रोल के साथ रहता है और रक्त में ग्लूकोस बढ़ने नहीं देता है तो उसे सामान्य लोगों की तरह ही बीमारी होगी ना की ज्यादा। लेकिन सर्दी जुकाम होने पर डायबिटीज पर कंट्रोल थोड़ा मुश्किल हो जाता है जिससे परेशानी बढ़ सकती है।