हरीरा Harira हमारी प्राचीन परंपरा का एक हिस्सा है। बच्चे के जन्म के बाद नवजात शिशु की माता ( प्रसूता ) को दस दिन तक Harira खाने को द...

हरीरा Harira हमारी प्राचीन परंपरा का एक हिस्सा है। बच्चे के जन्म के बाद नवजात शिशु की माता ( प्रसूता ) को दस दिन तक Harira खाने को दिया जाता है। इससे शरीर को वापस अपनी सही अवस्था में आने में मदद मिलती है।
हरीरा खाने से गर्भाशय में संक्रमण आदि होने की सम्भावना बहुत कम हो जाती है। गर्भावस्था के कारण पाचन तंत्र पर जो असर पड़ता है वह हरीरा खाने से ठीक हो जाता है। आंतें साफ हो जाती है।
यह डिलीवरी के कारण आई हुई कमजोरी दूर करता है । हरीरा का मतलब होता है प्रसन्न करने वाला। यह प्रसूता और बच्चे की ख़ुशी में वृद्धि करता है। प्रसूता को मानसिक रूप से भी मजबूत बनाता है।
इसे खाने से प्रसूता के स्तन में दूध पर्याप्त मात्रा में बनता है। शिशु को भी पेट में किसी प्रकार की तकलीफ नहीं होती , गैस आदि नहीं बनती। शिशु को नींद अच्छी आती है।
हरीरा बनाने की सामग्री – Harira ki Samagri
अजवाइन पाउडर 2 चम्मच
सौंठ पाउडर 1 चम्मच
जीरा पाउडर 1 /2 चम्मच
हल्दी पाउडर 1 /4 चम्मच
पीपल पाउडर 1 चुटकी
जायफल पाउडर 1 चुटकी
बादाम 4 पीस
छुहारा (खारक ) 1 पीस
गोंद ( तलकर पिसा हुआ ) 1 चम्मच
गुड़ ( छोटे टुकड़े ) आधा कप
घी दो चम्मच
यह एक दिन का हरीरा बनाने की सामग्री है। अजवाइन , सोंठ , जीरा , पीपल व जायफल को दस दिन के हिसाब से अलग अलग पीस कर रख सकते है।
हरीरा बनाने की विधि – Harira ki Vidhi
— एक पैन में घी गरम करें। इसमें गोंद को तल कर फुला लें और बाहर निकाल कर पीस लें।
— बचे हुए घी में अजवायन , सौंठ , जीरा , हल्दी , जायफल और पीपल डालकर सेकें।
— यह सिक जाये और खुश्बू आने लगे तब इसमें गुड़ डाल दें और एक कप पानी डाल दें।
— जब पानी सूख जाये और गाढ़ा हो जाये तो गैस बंद कर दें।
— इसमें पिसा हुआ गोंद डालकर मिक्स कर दें।
— अब इसके ऊपर कटे हुए बादाम और छुहारा डाल दें।
— हरीरा तैयार है। इसे प्रसूता को खिलाएं।
हरीरा खाने के बाद एक गिलास गुनगुना दूध जरूर पीना चाहिए। क्योकि इसमें प्रयुक्त अधिकतर सामग्री की तासीर गर्म होती है।दूध पीने से Harira गर्मी नहीं करता।
कुछ जगह इसे पतला करके पेय की तरह लेते है। यदि यह तरल के रूप में पसंद हो तो पानी की मात्रा बढ़ा सकते हैं। पारिवारिक प्रथा के अनुसार ले सकते है।
इस प्रकार बनाया हुआ यह Harira प्रसूता को प्रतिदिन ताजा बनाकर दस दिन तक खाना चाहिए। हरीरा खाने के एक घंटे बाद तक पानी नहीं पीना चाहिए। दूध ले सकते है।
हरीरा खाने से पेट न भरे तो इसकी मात्रा थोड़ी बढ़ा सकते है। साथ ही गुनगुने दूध की मात्रा भी अधिक लेनी चाहिए। भोजन में दाल , चपाती , हरी सब्जी आदि हल्का भोजन ही लेना चाहिए। कुछ परिवार में अन्न की शुरुआत दस दिन बाद की जाती है।
ग्यारवें दिन से सुआदाना घी में भूनकर एक एक चम्मच सुबह शाम खाना चाहिए। बादाम पिस्ते वाला दूध ( दूध वाला हरीरा ) लेना चाहिए।
इसे कम से कम सवा महीने लेना चाहिए। हरीरा दस दिन तक खाने के बाद एक महीने तक सौंठ के लडडू तथा मखाने आदि भी खाये जाते है।