खून की कमी या एनीमिया Anemia का मतलब है रक्त में लाल कणों का या हीमोग्लोबिन का कम होना। पूरे शरीर में शिराओं और धमनियों में रक्त दौड़ता...
खून की कमी या एनीमिया Anemia का मतलब है रक्त में लाल कणों का या हीमोग्लोबिन का कम होना। पूरे शरीर में शिराओं और धमनियों में रक्त दौड़ता रहता है ताकि हर अंग सुचारू रूप से अपना काम कर सके।
हमारा शरीर कोशिकाओं से मिलकर बनता है। इन कोशिकाओं को जीवित रहने और काम करने के लिए पोषक तत्व तथा ऑक्सीजन की जरुरत होती है। कोशिकाओं को पोषक तत्व और ऑक्सीजन पहुँचाने का काम रक्त करता है।
रक्त में प्लाज्मा, लाल रक्त कण-RBC , सफ़ेद रक्त कण-WBC तथा प्लेटलेट होते है। ये सभी अलग तरह का काम करते है जैसे प्लाज्मा इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बनाये रखने में मदद करता है , प्लेटलेट्स चोट लगने पर खून का थक्का जमा कर रक्तस्राव रोकते है। WBC बाहरी संक्रमण को रोकते है।
लाल रक्त कण में हीमोग्लोबिन होता है जो लौह तत्व से बना होता है । लौह तत्व होने के कारण इसमें बहुत विशेष गुण होते है। इसी लोह तत्व के कारण हीमोग्लोबिन में ऑक्सीजन को लाने व ले जाने की क्षमता होती है।
यह फेफड़ों से ऑक्सीजन लेकर सभी अंगों तक पहुंचाता है। लाल रक्त कण या हीमोग्लोबिन की कमी होने से अंगों को ऑक्सीजन मिलनी कम हो जाती है। इससे उनकी कार्यक्षमता घट जाती है और कई प्रकार की शारीरिक समस्या सामने आने लगती है।
खून की कमी का पता लगाने के लिए सीबीसी तथा हीमोग्लोबिन की जाँच की जाती है ।
हीमोग्लोबिन कितना होना चाहिए
सामान्य तौर पर आरबीसी की मात्रा इस प्रकार होती है :
वयस्क पुरुष में — 46 – 60 लाख सेल / माइक्रोलीटर
महिला — 42 – 50 लाख सेल / माइक्रोलीटर
बच्चों में — 38 – 55 लाख सेल / माइक्रोलीटर
सामान्य तौर पर हीमोग्लोबिन की मात्रा यह होनी चाहिए :
पुरुष 13 – 18 g / DL
महिला 11 .5 -16 .5 g / DL
एनीमिया होने के कारण – Reasons
khoon ki kami hone ke karan
शरीर में लाल रक्त कण कम होने के कई कारण हो सकते है। कुछ कारण इस प्रकार है :
— रक्त में लौह तत्व का कम होना मुख्य कारण होता है। यह अधिकतर शरीर से खून बहने की स्थिति में होता है।
अधिक चोट लगने , नस कटने से , बच्चा पैदा होने के समय , आपरेशन के समय , माहवारी में अधिक रक्त स्राव , बवासीर , पेट या आँतों में अल्सर आदि होने के कारण शरीर से बहुत रक्त निकल सकता है इससे शरीर में खून की कमी हो जाती है।
— आयरन , फोलिक एसिड , विटामिन B12 तथा अन्य खनिज युक्त भोजन की कमी के कारण शरीर में पर्याप्त मात्रा में लाल रक्त कण नहीं बना पाते अतः पोष्टिक भोजन जिसमे ये सभी तत्व हों शरीर के लिए आवश्यक है।
— लाल रक्त कण का निर्माण हड्डियों में मौजूद बोन मेरो में होता है। इसी में सफेद कण और प्लेटलेट भी बनते है। विशेष प्रकार की बीमारी जैसे ल्यूकेमिया के कारण बोन मेरो प्रभावित होता है।
इससे सफेद कण अधिक बनने लगते है और लाल कण कम हो जाते है। कैंसर , डायबिटीज , एड्स , गुर्दे की खराबी , आदि के कारण लाल कण का बनना प्रभावित हो सकता है। किसी अनुवांशिक बीमारी के कारण भी एनीमिया हो सकता है।
— लाल कण का अधिक नष्ट होना – कुछ रोग के कारण शरीर के अंग अधिक मात्रा में लाल कण नष्ट करना शुरू कर देते है। जैसे यदि प्लीहा या तिल्ली की बीमारी से तिल्ली बढ़ने के कारण जरुरत से ज्यादा लाल कण मिटना शुरू हो जाते है।
लाल कण लगभग 4 महीने तक काम करने के लिए बने होते है। किसी बीमारी या दवा के कारण इनके जल्दी नष्ट होने पर इनकी कमी हो जाती है।
एनीमिया के लक्षण – Symptoms
Khoon Ki Kami Ke Lakshan
— सबसे मुख्य लक्षण थकान होती है। थोड़ा सा काम करने से ही थक जाते है। जीवन नीरस और बेजान लगने लग जाता है। चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है।
— त्वचा का रंग पीला पड़ने लगता है। नाख़ून , जीभ , आँखें , हथेली आदि पीले से दिखाई देने लगते है। जीभ के अंकुर नष्ट हो जाते है , स्वाद आना कम हो जाता है।
— दिल की धड़कन बढ़ जाती है या कम ज्यादा होती रहती है।
— साँस जल्दी भर जाती है। एक मंजिल सीढ़ी चढ़ने में भी हाँफ जाते है , पसीने छूट जाते है।
— सिरदर्द या सिर में भारीपन रहने लगता है – किसी किसी को खाना खाने के बाद या किसी किसी को यौन सम्बन्ध बनाने के बाद सिरदर्द की शिकायत हो सकती है।
— कभी कभी हाथ पैर ठंडे हो जाते है।
— भूख लगनी कम हो सकती है।
— खाने में मिर्च नहीं होते हुए भी मिर्च लगना , होठों के दोनों तरफ किनारों पर चीरे जैसे बन जाते है।
— हाथ पैरों में झनझनाहट सी महसूस होने लगती है या सुन्न हो जाते है।
— शुरू में लक्षण थोड़े कम तीव्रता के होते है लेकिन उपचार ना हो तो तीव्रता बढ़ जाती है।
— इनमे से कुछ लक्षण दिखने पर खून की जाँच जरूर करवा लेनी चाहिए तथा चिकित्सक से परामर्श कर लेना चाहिए।
खून की कमी दूर करने के उपाय व घरेलु नुस्खे
Khoon ki kami mitane ke upay
— हरी सब्जी खूब खाएँ। जैसे पालक, हरी मेथी , चौलाई , बथुआ आदि। इसके अतिरिक्त हरे धनिये की चटनी रोज खाये।
— अंगूर के मौसम में ताजे अंगूर नियमित खाने से खून की कमी दूर होकर चेहरे पर लाली आ जाती है। अंगूर में मौजूद आयरन तथा कई विटामिन खून की कमी दूर करने में सक्षम होते है।
— फालसा , अनार और केला आदि फलों में आयरन प्रचुर मात्रा में होता है। इन फलों का नियमित सेवन करने से रक्त की कमी दूर होती है।
— संतरा , पपीता , आम , आंवला , अंजीर , आदि फल रक्तवर्धक होते है। मौसम आने पर इनका सेवन जरूर करें।
— विटामिन C आयरन के अवशोषण के लिए आवश्यक होता है। अतः विटामिन C किसी भी रूप में अवश्य लें।
— सेब पर शहद लगा कर कुछ दिन खाने से खून की कमी दूर हो जाती है।
— चुकंदर के उपयोग से खून बढ़ता है। इसका रस पी सकते है , सब्जी या सलाद में ले सकते है। चुकंदर से मिलने वाले आयरन , एंटीऑक्सीडेंट तथा विटामिन B 12 शरीर में आसानी से अवशोषित होकर तुरंत असर दिखाते है।
— पालक का रस आधा गिलास और दो चम्मच शहद मिलाकर कुछ दिन लेने से रक्त में बढ़ोतरी होती है। पालक का रस एक कप दिन में दो बार नियमित कुछ दिन लेने से रक्त संबंधी विकार दूर होते है। शरीर में स्फूर्ति आती है। चेहरे पर लालिमा आ जाती है। उत्साह और उमंग जगते है।
— गन्ने का रस नियमित पीने से शरीर में आयरन बढ़ता है। भोजन के साथ एक छोटा टुकड़ा गुड़ का रोजाना लेना चाहिए। इससे खून की कमी नहीं होती तथा रक्त विकार दूर होते है।
— गाजर , टमाटर , पालक , चुकंदर , आंवला इन सबका रस निकाल कर पीने से खून की कमी दूर हो जाती है।
— प्याज का नियमित सेवन खून की कमी होने से रोकता है।
— टमाटर के रस में नीबू का रस और नमक मिलाकर पियें। रात को एक गिलास पानी में चार चम्मच किशमिश और एक नींबू का रस मिलाकर रख दें। सुबह किशमिश खा लें साथ में पानी भी पी लें। इससे रक्त की कमी दूर होती है।
— गेहूं के ज्वारे ( हरे अंकुर ) का रस नियमित पीने से खून बढ़ता है तथा सभी रक्त विकार दूर होते है।
— यदि इनसे लाभ ना हो तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य करना चाहिए ।