दाँत पीले होने से मुस्कराहट छिन जाती है। आपको खिलखिला कर हँसने में झिझक और शर्म होने लगती है। विचार आता है कि पहले तो दाँत कितने सफ़ेद ...
दाँत पीले होने से मुस्कराहट छिन जाती है। आपको खिलखिला कर हँसने में झिझक और शर्म होने लगती है। विचार आता है कि पहले तो दाँत कितने सफ़ेद थे लेकिन अब पीले क्यों हो गये है। जबकि ब्रश तो रोजाना अच्छे से करते हैं। आइये जानते ही दाँत पीले होने के क्या कारण होते हैं और पीले दाँतों को सफ़ेद कैसे करें।
दाँत का रंग और दाँत की बनावट
Anatomy and Colour of teeth
दाँतों का रंग असल में दाँत की बनावट के अनुसार होता है। दाँत पर सबसे बाहरी परत इनेमल Enamel की होती है। इनेमल का रंग नीली आभा लिए सफ़ेद रंग का होता है। एनेमल के नीचे की परत जिसे डेंटिन कहते हैं गहरे पीले रंग का होता है। एनेमल थोड़ा पारदर्शी होता है जिसमे से अंदर मौजूद डेंटिन के रंग की झलक दिखाई देती है।
अगर एनेमल की मोटाई अधिक है तो नीचे का डेंटिन झलक नहीं मारता और दाँत एकदम सफ़ेद नजर आते हैं लेकिन यदि एनेमल की मोटाई कम है तो अंदर के डेंटिन के कारण दांत पीले दिखाई पड़ते हैं।
एनेमल की मोटाई सभी लोगों में अलग अलग होती है। जितना एनेमल पतला होगा उतने ही दाँत ज्यादा पीले नजर आएंगे। कुछ लोगों का इनेमल किसी कारण से घिस जाता है या उस पर दूसरा रंग चढ़ जाता है तो दाँत सफ़ेद नहीं रहते पीले या गंदले दिखाई पड़ सकते हैं।
दाँतों की ज्यादा घिस कर सफाई करने से , सुपारी , गुटका आदि कड़क वस्तुएँ चबाने से एनेमल नष्ट हो सकता है। इससे दाँत कमजोर हो सकते हैं। कुछ लोगों के पीले दाँत , चमकते सफ़ेद दाँतों से कहीं अधिक मजबूत होते हैं , बशर्ते की उनकी सफाई अच्छे से की गई हो।
दाँत पीले हो जाने के कारण
Cause of yellow teeth
यदि आपके दाँत पहले सफ़ेद थे लेकिन अब ये आपको पीले नजर आते हैं तो इसके कुछ सामान्य कारण इस प्रकार हो सकते हैं –
गुटका , पान मसाले और धूम्रपान
पान , गुटका और बीड़ी सिगरेट दाँत को बदरंग कर देते हैं। पान या पान मसाले में मौजूद कत्था दाँत पर स्थायी रूप से एक रंगीन परत चढ़ा देता है जो जीवन भर आपका साथ देती है। बाद में जितनी भी इसे हटाने की कोशिश की जाये यह नहीं हटती।
सिगरेट बीड़ी की धुंआ में टार , निकोटिन तथा अन्य कई प्रकार के रसायन होते हैं। ये दाँतों के एनेमल में प्रवेश करके सफ़ेद एनेमल को पीला या धब्बे युक्त बना सकते हैं।
गुटका खाने वाले और धूम्रपान करने वाले अधिकतर लोगों के दाँत पीले नजर आते हैं। इनसे दाँतों का रंग तो ख़राब होता ही है साथ में मसूड़े भी कमजोर हो जाते है जिसके कारण संक्रमण होकर भी दाँत ख़राब हो सकते हैं।
दाँतों के गलत देखभाल
दाँतों पर पीले रंग की खुरदरी परत जमी हुई नजर आये तो यह प्लाक या टार्टर हो सकता है।
दांतों की सफाई नहीं होने से बैक्टीरिया के कारण दाँत पर प्लाक जमा हो जाता है जो धीरे धीरे सख्त होकर टार्टर में बदल जाता है। टार्टर खुद से साफ नहीं हो पाता इसे डेंटिस्ट के पास जाकर ही साफ करवाना पड़ता है।
खान पान
सिर्फ गुटका और पान ही दाँत पीले नहीं करते। खाने पीने की कई चीजें जिनमे रंग होता है दाँतों को बदरंग कर सकते हैं। जिनमे मुख्य रूप से चाय और कॉफी , टोमेटो सॉस , सोया सॉस , रेड वाइन आदि शामिल हैं। कुछ रंगीन टॉफी या आइस केंडी आदि नियमित खाने से उनका रंग दातों पर चढ़ सकता है।
कुछ कार्बोनेटेड ड्रिंक , कोला आदि पेय में एसिड होता है जिनके नियमित उपयोग से एनेमल नष्ट हो जाता है। इससे दातों का रंग पीला पड़ सकता है।
किसी किसी स्थान पर कुए या हैंड पम्प के पानी का उपयोग किया जाता है। इस पानी में अत्यधिक मात्रा में फ्लोराइड हो सकता है। ऐसा पानी नियमित पीने से दाँतों और हड्डियों को नुकसान पहुंचता है। इससे फ्लूरोसिस नामक समस्या हो सकती है जिसमे दाँतों का रंग बदरंग हो जाता है। ऐसा पानी ट्रीटमेंट के बाद ही पीना चाहिये।
उम्र
उम्र बढ़ने के साथ दाँत के एनेमल की परत घिस कर पतली हो जाती है जिसके कारण अंदर की सतह का पीला रंग अधिक दिखाई देता है।
इसके अलावा वक्त के साथ एनेमल पर कई तरह के रंग चढ़ जाते हैं। हो सकता है कि बुजुर्ग के पीले दाँत आपके सफ़ेद दाँत से ज्यादा मजबूत हों।
अनुवांशिकता
कुछ चीजें वंशानुगत होती है जिसमें एनेमल की मोटाई भी शामिल है। यदि आपके माता पिता या परिवार में किसी के दाँत पीले दिखते हों तो हो सकता है कि इसी वजह से आपका इनेमल पतला हो और आपके दाँत पीले दिखते हों ।
दवा या बीमारी
कुछ अंग्रेजी दवायें दाँत का रंग बदरंग कर सकती है विशेषकर बच्चों के दाँतों पर दवा का असर ज्यादा हो सकता है। यदि ऐसा लगे तो तुरंत डॉक्टर से कहकर दवा बदलवा लेनी चाहिए।
कुछ बीमारी ऐसी होती हैं जिसमे दाँतों का रंग ख़राब हो सकता है जैसे लिवर से सम्बंधित कोई बीमारी। पीलिया रोग होने पर दाँत पीले पड़ सकते हैं। किसी इलाज के दौरान जैसे कीमियो थेरेपी या रेडिएशन ट्रीटमेंट आदि से भी दातों का रंग पीला हो सकता है।
लार कम बनना
कुछ लोगों को लार कम बनने की समस्या होती है जिसके कारण मुँह सूखा सूखा रहता है। साथ ही लार नहीं होने के कारण संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है। इस वजह से दाँत पीले हो सकते हैं।
दाँत पीले होने से बचने के उपाय
Prevention from yellow teeth
पीले दाँतो को सफ़ेद बनाने के लिए ये प्रयास किये जा सकते हैं –
दाँतों में ब्रश
नियमित रूप से दाँतों को ब्रश से अच्छी तरफ साफ करें। दाँतों को बाहर की तरफ से , अंदर की तरफ से और चबाने वाली सतह पर ब्रश से सफाई करनी चाहिए। सुबह उठने के बाद और रात को सोने से पहले ब्रश जरूर करना चाहिये।
एक बार में तीन चार मिनट में सफाई हो जाती है। अधिक कड़क ब्रिसल वाला ब्रश काम में नहीं लेना चाहिए। दाँतों को बहुत अधिक देर तक नहीं घिसना चाहिए अन्यथा एनेमल घिस जाता है और दाँत सफ़ेद होने की बजाय पीले हो सकते हैं ।खाने पीने के तुरंत बाद ब्रश नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे एनेमल को नुकसान होता है।
ब्रश करने के लिए फ्लोराइड वाला टूथ पेस्ट काम में लें। इससे एनेमल मजबूत होता है। इसके अलावा कुछ खायें पियें तो सादा पानी से कुल्ला करके मुँह साफ कर लेना चाहिए। छः महिने में एक बार डेंटिस्ट से दाँत चेक करवा लेने चाहिए। ताकि टार्टर जमा हो या अन्य कोई समस्या हो तो जल्दी उपचार हो सके।
बेकिंग सोडा और हाइड्रोजन पराक्साइड
बेकिंग सोडा और हाइड्रोजन पराक्साइड से बना पेस्ट प्लाक और बैक्टीरिया की सफाई कर सकता है तथा दाँतों से दाग धब्बे भी मिटा सकता है। इसके लिए एक चम्मच बेकिंग सोडा में 2 चम्मच हाइड्रोजन पराक्साइड मिला कर पेस्ट बना लें। हाइड्रोजन पराक्साइड मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध हो जाता है।
इस पेस्ट से ब्रश करने के बाद अच्छे से कुल्ला कर लेना चाहिए। इसमें अधिक पानी मिलाकर इस घोल से कुल्ला भी किया जा सकता है। डेढ़ से दो महीने नियमित रूप से इस प्रयोग से अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।
एप्पल सिडार सिरका
एक गिलास पानी में दो चम्मच एप्पल सिडार सिरका मिलाकर कुल्ले कर लें फिर सादा पानी से कुल्ला कर लें। इससे पीले पड़े दाँत सफ़ेद हो सकते हैं। यह प्रयोग लम्बे समय तक नहीं करना चाहिए।
संतरा और नीबू के छिलके
संतरे या नींबू के छिलके को दाँतों पर घिसने से दाँतों का पीलापन कम होता है। इनमे पाया जाने वाला डी लिमोनिन नामक तत्व दाँत सफ़ेद करने में मददगार होता है। इसके लिए दो तीन मिनट तक बिना रस वाले छिलके को दाँतों पर घिसें उसके बाद सादा पानी से अच्छे से कुल्ले कर लें।
एक्टिवेटेड चारकोल
यह काले रंग का होता है लेकिन दाँत सफ़ेद कर सकता है। इसके उपयोग से दाँत पीले होने की परेशानी कम हो सकती है। इसकी अवशोषण शक्ति अधिक होती है और यह मुँह से बैक्टीरिया या अन्य अवांछित चीजें खींच कर बाहर निकाल देता है।
इसे ब्रश पर टूथपेस्ट की तरह लगाकर आहिस्ता से सभी दाँतो पर धीरे धीरे ब्रश करें। दबाव न डालें। इसके बाद सादा पानी से कुल्ला कर लें। मसूड़े क्षतिग्रस्त हो या संक्रमण आदि हो तो इसका उपयोग ना करें।
इसे पानी में मिलाकर माउथ वाश बनाया जा सकता है। इससे कुल्ला करने से भी दाँतों की अच्छी सफाई हो जाती है। ध्यान रखें इसका काला रंग आपके कपड़े आदि ख़राब ना कर दें।
फल और कच्ची सब्जी चबाकर खायें
फल और कच्ची सब्जी चबाकर खाने से दाँतों की सफाई भी होती है और मसूड़ों की मालिश भी। खाना खाने की बाद कच्ची सब्जी जैसे गाजर या मूली , ककड़ी आदि चबाने से लार अधिक बनती है। लार कीटाणु नाशक होती है। भोजन के कण दाँत में चिपके हो तो वे भी हट जाते है। इससे दाँत मजबूत बनते हैं और सफ़ेद बने रहते हैं।
वीनीयर
अगर दाँत पीले होने के साथ ही टूटे फूटे या क्रेक वाले हों तो ये दोनों समस्या वीनीयर से ठीक हो सकती है। इस प्रक्रिया में दाँतों के ऊपर एक पतली पोर्सिलिन की परत लगाकर टूटे फूटे दाँतों को सही किया जाता है। यह परत 15 से 20 साल तक टिक सकती है। इससे दाँत सफ़ेद और सुन्दर बन सकते हैं लेकिन यह कॉफी महंगा उपाय है।