मुहावरे और उनका प्रयोग मुहावरा :- विशेष अर्थ को प्रकट करने वाले वाक्यांश को मुहावरा कहते है। मुहावरा पूर्ण वाक्य नहीं होता, इसीलिए इसक...
मुहावरे और उनका प्रयोग
मुहावरा :- विशेष अर्थ को प्रकट करने वाले वाक्यांश को मुहावरा कहते है। मुहावरा पूर्ण वाक्य नहीं होता, इसीलिए इसका स्वतंत्र रूप से प्रयोग नहीं किया जा सकता । मुहावरा का प्रयोग करना और ठीक -ठीक अर्थ समझना बड़ा ही कठिन है ,यह अभ्यास से ही सीखा जा सकता है । इसीलिए इसका नाम मुहावरा पड़ गया ।
यहाँ पर कुछ प्रसिद्ध मुहावरे और उनके अर्थ वाक्य में प्रयोग सहित दिए जा रहे है।
१.अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना - (स्वयं अपनी प्रशंसा करना ) - अच्छे आदमियों को अपने मुहँ मियाँ मिट्ठू बनना शोभा नहीं देता ।
२.अक्ल का चरने जाना - (समझ का अभाव होना) - इतना भी समझ नहीं सके ,क्या अक्ल चरने गए है ?
३.अपने पैरों पर खड़ा होना - (स्वालंबी होना) - युवकों को अपने पैरों पर खड़े होने पर ही विवाह करना चाहिए ।
४.अक्ल का दुश्मन - (मूर्ख) - राम तुम मेरी बात क्यों नहीं मानते ,लगता है आजकल तुम अक्ल के दुश्मन हो गए हो ।
५.अपना उल्लू सीधा करना - (मतलब निकालना) - आजकल के नेता अपना अपना उल्लू सीधा करने के लिए ही लोगों को भड़काते है ।
६.आँखे खुलना - (सचेत होना) - ठोकर खाने के बाद ही बहुत से लोगों की आँखे खुलती है ।
७.आँख का तारा - (बहुत प्यारा) - आज्ञाकारी बच्चा माँ -बाप की आँखों का तारा होता है ।
८.आँखे दिखाना - (बहुत क्रोध करना) - राम से मैंने सच बातें कह दी , तो वह मुझे आँख दिखाने लगा ।
९.आसमान से बातें करना - (बहुत ऊँचा होना) - आजकल ऐसी ऐसी इमारते बनने लगी है ,जो आसमान से बातें करती है ।
१० .ईंट से ईंट बजाना - (पूरी तरह से नष्ट करना) - राम चाहता था कि वह अपने शत्रु के घर की ईंट से ईंट बजा दे।
११.ईंट का जबाब पत्थर से देना - (जबरदस्त बदला लेना) - भारत अपने दुश्मनों को ईंट का जबाब पत्थर से देगा ।
१२.ईद का चाँद होना - (बहुत दिनों बाद दिखाई देना) - राम ,तुम तो कभी दिखाई ही नहीं देते ,ऐसा लगता है कि तुम ईद के चाँद हो गए हो ।
१३.उड़ती चिड़िया पहचानना - (रहस्य की बात दूर से जान लेना) - वह इतना अनुभवी है कि उसे उड़ती चिड़िया पहचानने में देर नहीं लगती ।
१४.उन्नीस बीस का अंतर होना - (बहुत कम अंतर होना) - राम और श्याम की पहचान कर पाना बहुत कठिन है ,क्योंकि दोनों में उन्नीस बीस का ही अंतर है ।
१५.उलटी गंगा बहाना - (अनहोनी हो जाना) - राम किसी से प्रेम से बात कर ले ,तो उलटी गंगा बह जाए ।
१६.कलेजा टूक टूक होना (शोक में दुखी होना ) - पुत्र की मृत्यु का स्मरण होते ही कलेजा टूक टूक हो जाता है .
१७.कागजी घोड़े दौड़ाना ( बेहद लिखी पढ़ी करना ) कुछ काम धाम क्यों नहीं करते ,केवल कागजी घोड़े दौड़ाने से क्या लाभ ?
१८.कमर कसना (तैयार होना ) शत्रुओं से लड़ने के लिए भारतीयों को कमर कसकर तैयार हो जाना चाहिए .
१९.कलेजा मुँह का आना (भयभीत होना ) गुंडे को देख कर उसका कलेजा मुँह को आ गया .
२०. कलेजे पर सांप लोटना (ईर्ष्या करना ) राम के प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने पर मोहन की माँ के कलेजे पर सांप लोट गया .
२१. कमर टूट जाना -(बहुत बड़ी हानि होना) डाकुओं ने जब से उसके घर को लूटा है ,उसकी कमर ही टूट गयी है .
२२. किताब का कीड़ा होना (पढाई के अलावा कुछ न करना ) विद्यार्थी को केवल किताब का कीड़ा नहो होना चाहिए .
२३.ख़ाक छानना (दुःख उठाना ) मैंने आपके लिए सारे जगत की छान डाली .
२४.खून पसीना एक करना ( अधिक परिश्रम करना ) खून पसीना एक करके विद्यार्थी परीक्षा में सफल होते है .
२५.खून खौलना (क्रोधित होना ) झूठ बातें सुनते ही मेरा खून खौलने लगता है .
२६.खून का प्यासा (जानी दुश्मन होना )उसकी क्या बात कर रहे हो ,वह तो मेरे खून का प्यासा हो गया है .
२७.गले का हार होना (बहुत प्रिय होना )छोटू अपने घर में गले का हार बन गया है .
२८.गला छूटना (पिंड छोड़ना)बुरी तरह फँस गया था किन्तु अब गला छूट गया .
२९.गर्दन पर छुरी चलाना (नुकसान पहुचाना) मुझे पता चल गया कि विरोधियों से मिलकर किस तरह मेरे गले पर छुरी चला रहे थे .
३०.गड़े मुर्दे उखाड़ना (पुरानी बातों का याद दिलाना )आप समय देख कर चलें . गड़े मुर्दें उखाड़ना ठीक नहीं है .
३१.गागर में सागर भरना (थोड़े शब्दों में अधिक बातें कहना )बिहारी ने अपने दोहों में ऐसा भाव भरा है,लगता है कवि ने गागर में सागर भर दिया है .
३२.गुल खिलना (नयी बात का भेद खुलना ,विचित्र बातें होना) सुनते रहिये ,देखिये अभी क्या गुल खिलेगा .
३३.गिरगिट की तरह रंग बदलना (बातें बदलना) गिरगिट की तरह रंग बदलने से तुम्हारी कोई इज्जत नहीं करेगा .
३४.घर का न घाट का (कहीं का नहीं )तुम्हारी आदत ने तुम्हे न घर का न घाट का बना रखा है .
३५.घाव पर नमक छिड़कना (दुःख में दुःख देना )राम वैसे ही दुखी है ,तुम उसे परेशान करके घाव पर नमक छिड़क रहे हो .
३६. चल बसना (मर जाना ) उसकी माँ अचानक ही चल बसी .
३७.चार चाँद लगाना (चौगुनी शोभा देना ) निबन्धों में मुहावरों का प्रयोग करने से चार चाँद लग जाता है .
३८.चिकना घड़ा होना (बेशर्म होना ) तुम ऐसा चिकना घड़ा हो तुम्हारे ऊपर कहने सुनने का कोई असर नहीं पड़ता .
३९.चिराग तले अँधेरा (भलाई में बुराई) छात्र की मूर्खता पर शिक्षक ने कहा बेटा चिराग तले अँधेरा होता है .
४०.चैन की बंशी बजाना(मौज करना ) आजकल राम चैन की बंशी बजा रहा है .
४१.छक्के छुड़ाना ( परेशान करना ) झाँसी की रानी ने थोड़ी सी सेना के बल पर अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिया था .
४२.छप्पर फाडकर देना (बिना मेहनत का अधिक धन पाना) ईश्वर जिसे देता है ,छप्पर फाड़कर देता है .
४३.छाती पर पत्थर रखना (कठोर ह्रदय) उसने छाती पर पत्थर रखकर अपने पुत्र को विदेश भेजा था .
४४.छाती पर सवार होना (आ जाना) अभी वह बात कर रही थी कि बच्चे उसके छाती पर सवार हो गए .
४५.जहर उगलना (द्वेषपूर्ण बात करना )पडोसी देश चीन और पाकिस्तान हमारे देश के प्रति हमेशा जहर उगलते रहते है .
४६.जलती आग में घी डालना (क्रोध बढ़ाना)बहन ने भाई की शिकायत करके जलती आग में भी डाल दिया .
४७.जमीन आसमान एक करना (बहुत प्रयन्त करना)मै शहर में अच्छा मकान लेने के लिए जमीन आसमान एक कर दे रहा हूँ परन्तु सफलता नहीं मिल रही है .
४८.जान पर खेलना (प्राण की परवाह न करना) भगत सिंह देशभक्ति के लिए अपनी जान पर खेल गए .
४९.जूते चाटना(जी में जी करना) वह नेताओं की जूते चाटते चाटते थक गया .
५०.झक मारना (विवश होना)दूसरा कोई साधन नहीं है . झक मारकर तुम्हे साइकिल से जाना पड़ेगा .
५१ . टका सा जबाब देना ( साफ़ इनकार करना ) - मै नौकरी के लिए मैनेज़र से मिला लेकिन उन्होंने टका सा जबाब दे दिया .
५२.टस से मस न होना ( कुछ भी प्रभाव न पड़ना ) - दवा लाने के लिए मै घंटों से कह रहा हूँ , परन्तु आप आप टस से मस नहीं हो रहे हैं .
५३.टोपी उछालना (अपमान करना ) - अपने घर को देखो ,दूसरों की टोपी उछालने से क्या लाभ ?
५४. डकार जाना ( हड़प जाना ) - सियाराम अपने भाई की सारी संपत्ति डकार गया .
५५. तिल का ताड़ बनाना (छोटी बातों को बढ़ा देना ) - मै समझ रहा हूँ कि तुम तिल को ताड़ बनाकर झगड़ा कर रहे हो .
५६.तूती बोलना (प्रभावशाली होना ) - सत्ता में सोनिया गांधी की तूती बोल रही थी .
५७.थूक कर चाटना (बात देकर फिरना ) - मै राम की तरह थूक कर चाटना वाला नहीं हूँ.
५८.दम टूटना (मर जाना ) - शेर ने एक ही गोली में दम तोड़ दिया .
५९.दाल में काला होना (संदेह होना ) - हम लोगों की ओट में ये जिस तरह धीरे -धीरे बातें कर रहें है, उससे मुझे दाल में काला लग रहा है .
६०.बाजी मारना (जीत पाना ) - आज आपने खेल में बाजी मार लिया .
६१.बात बनाना (बहाना बनाना ) - तुम हर काम में बात बनाना जानते हो .
६२.भीगी बिल्ली होना (बिलकुल डर जाना) - वह अपने पापा के सामने भीगी बिल्ली हो जाता है .
६३.मिट्टी के मोल (बहुत सस्ता ) - यह मकान मिट्टी के मोल बिक गया .
६४.मुट्ठी गरम करना (घूस लेना ) - चलो मुट्ठी गरम कराओ, आज ही काम करवा देता हूँ.
६५.मुँह बंद कर देना (शांत कराना) - तुम धमकी देकर मेरा मुँह बंद कर देना चाहते हो .
६६. मीठी छुरी (छली मनुष्य )- वह तो मीठी छुरी है ,मैं उसके बातों में नहीं आता हूँ।
६७. मुँह काला होना - अपमानित होना - उसका मुँह काला हो गया है ,अब वह कैसे किसी के सामने आएगा।
६८. मुँह की खाना ( पराजित होना ) - पाकिस्तान ,भारत के आगे हमेशा मुँह की खाता रहता है।
६९. मख्खन लगाना ( चापलूसी करना ) - साहब को मख्खन लगाने के बाद भी मेरा काम नहीं बना।
७०. मगरमच्छ के आँसू ( दिखावटी सहानुभूति ) मेरे घर में चोरी हो जाने पर रहीम चाचा मगरमच्छ के आँसू बहाने लगे।
७१. न रहेगा बॉस न बजेगी बाँसुरी - (कारण का ही नाश कर देना) - अपने मोहल्ले को मच्छरों के प्रकोप से बचाने के लिए लोग गन्दी नालियों की सफाई में जुट गए। इस तरह न रहेगा बॉस न बजेगी बाँसुरी।
७२. राम मिलायी जोड़ी ,एक अँधा एक कोढ़ी - (दो मनुष्यों का एक सामान होना) - राम और श्याम की अच्छी जोड़ी मिली। दोनों चोर हैं। इस तरह ठीक ही कहा है राम मिलायी जोड़ी ,एक अँधा एक कोढ़ी।
७३. लकीर के फ़क़ीर - (पुरानी परम्परों का पालन करने वाला) - कबीरदास लकीर के फ़क़ीर नहीं थे तभी तो उन्होंने भक्ति मार्ग द्वारा उन्नति की राह निकाली।
७४. लाठी टूटे न साँप मरे - (किसी की हानि हुए बिना स्वार्थ सिद्ध हो जाना)- राम किसी को हानि पहुँचाए बिना काम करना चाहते है। जैसे - लाठी टूटे न साँप मरे।
७५. लालच बुरी बला - (लालच से बहुत हानि होती है) - सभी जानते है कि लालच बुरी बला है ,फिर भी लालच में पड़ जाते हैं।