कुछ सवाल हर युवा के मन में अपने करियर की दिशा चुनते वक्त आते है। जो की मीट्रिक के बाद ही लेने होते है और आपके पूरे करियर की दिशा यही स...
कुछ सवाल हर युवा के मन में अपने करियर की दिशा चुनते वक्त आते है। जो की मीट्रिक के बाद ही लेने होते है और आपके पूरे करियर की दिशा यही से तह होती है। युवा के मन में आने वाले सवाल-
√ आखिर किस इंडस्ट्री में काम करने वाले लोगों को सबसे ज्यादा सैलरी मिलती है?
√ कौनसा शहर सबसे ज्यादा सैलरी के अवसर दिला सकता है?
सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में एक बार फिर से नई डिजिटल टेक्नोलॉजी के आने से सैलरी में उछाल देखा जा रहा है. एआई और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में सैलरी में बड़ा उछाल आ रहा है. जूलिया कंप्यूटिंग के सह-सस्थापक और चीफ एग्जिक्यूटिव विरश शाह ने कहा कि बाइलिंगुअल प्रोग्रामर को शानदार सैलरी मिल रही है. प्रोग्रामिंग में अच्छा होने के साथ ही डोमेन की अच्छी जानकारी रखने वाले को बाइलिंगुअल प्रोग्रामर कहते हैं।
आपके मन में उठ रहे सवालो के जवाब
ताज़ा लिंक्ड इन वेबसाइट के सर्वे द्वारा यह जानकारी मिली है कि हार्डवेयर एंड नेटवर्किंग, सॉफ्टवेयर एंड आईटी सर्विसेज और कंज्यूमर सेक्टर में कर्मचारियों को सबसे ज्यादा सैलरी मिलती है. लिंक्डइन से यह जानकारी मिली है. इस सोशल नेटवर्किंग साइट ने अपने प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर पहली बार सैलरी का यह सर्वे किया है।
शहरों में बेंगलुरु में कर्मचारियों को सबसे ज्यााद सैलरी मिलती है। इसकी वजह यह है कि आईटी कंपनियां सबसे ज्यादा सैलरी देती हैं. बेंगलुरु आईटी कंपनियों का गढ़ है। इसके बाद मुंबई और दिल्ली का नंबर है। हार्डवेयर और नेटवर्किंग सेक्टर में कर्मचारियों की औसत सैलरी सालाना 15 लाख रुपये (वेटेड एवरेज) है। सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में औसत सालाना सैलरी 12 लाख है. कंज्यूमर सेक्टर में औसत सैलरी 9 लाख रुपये है।
जानकारों का कहना है कि हार्डवेयर की नौकरी पुरानी नहीं है। सेमिकंडक्टर टूल्स कंपनी साइनोप्साई इंडिया में डिजाइन आरएंडी के हेड शिवनंदा कोटेश्वर ने कहा कि वेरी लार्ज स्केल इंटिग्रेशन (वीएलएसआई) के क्षेत्र में सैलरी बहुत ज्यादा बढ़ी है। इसकी वजह है कि चिप डिजाइन इंप्लीमेंटेशन का काम भारत में होने लगा है। उन्होंने कहा कि सिर्फ दो साल पहले इस क्षेत्र से जुड़े इंजीनियर की सैलरी उनके अनुभव के साल की तीन गुनी थी। आज यह 4.5 से 5 गुनी हो गई है।
सिस्को के सीआईओ (इंटरनेशनल) वीसी गोपालरत्नम ने कहा कि नेटवर्किंग कंपनियों में होने वाले बदलाव के केंद्र में है। उन्होंने कहा, "बड़ी मात्रा में आंकड़ों के वितरण से ग्राहक सिक्योरिटी और जटिलता जैसी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. इस समस्या को दूर करने के लिए कई इनोवेशन हो रहे हैं। इसलिए इस क्षेत्र में टैलेंट की मांग बढ़ रही है।"
शहरों में बेंगलुरु में कर्मचारियों को सबसे ज्यााद सैलरी मिलती है। इसकी वजह यह है कि आईटी कंपनियां सबसे ज्यादा सैलरी देती हैं. बेंगलुरु आईटी कंपनियों का गढ़ है। इसके बाद मुंबई और दिल्ली का नंबर है। हार्डवेयर और नेटवर्किंग सेक्टर में कर्मचारियों की औसत सैलरी सालाना 15 लाख रुपये (वेटेड एवरेज) है। सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में औसत सालाना सैलरी 12 लाख है. कंज्यूमर सेक्टर में औसत सैलरी 9 लाख रुपये है।
जानकारों का कहना है कि हार्डवेयर की नौकरी पुरानी नहीं है। सेमिकंडक्टर टूल्स कंपनी साइनोप्साई इंडिया में डिजाइन आरएंडी के हेड शिवनंदा कोटेश्वर ने कहा कि वेरी लार्ज स्केल इंटिग्रेशन (वीएलएसआई) के क्षेत्र में सैलरी बहुत ज्यादा बढ़ी है। इसकी वजह है कि चिप डिजाइन इंप्लीमेंटेशन का काम भारत में होने लगा है। उन्होंने कहा कि सिर्फ दो साल पहले इस क्षेत्र से जुड़े इंजीनियर की सैलरी उनके अनुभव के साल की तीन गुनी थी। आज यह 4.5 से 5 गुनी हो गई है।
सिस्को के सीआईओ (इंटरनेशनल) वीसी गोपालरत्नम ने कहा कि नेटवर्किंग कंपनियों में होने वाले बदलाव के केंद्र में है। उन्होंने कहा, "बड़ी मात्रा में आंकड़ों के वितरण से ग्राहक सिक्योरिटी और जटिलता जैसी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. इस समस्या को दूर करने के लिए कई इनोवेशन हो रहे हैं। इसलिए इस क्षेत्र में टैलेंट की मांग बढ़ रही है।"