सेंसेक्स शब्द की शुरुआत स्टॉक मार्केट एनालिस्ट दीपक मोहोनी ने साल 1989 में की थी। ये दो शब्दों से मिलकर बना है, सेंसिटिव और इंडेक्स यानी सें...
सेंसेक्स शब्द की शुरुआत स्टॉक मार्केट एनालिस्ट दीपक मोहोनी ने साल 1989 में की थी। ये दो शब्दों से मिलकर बना है, सेंसिटिव और इंडेक्स यानी सेंसरी इंडेक्स (संवेदी सूचकांक)। भारत में सेंसेक्स भारतीय स्टॉक मार्केट का बेंच मार्क इंडेक्स है। ये बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में लिस्टेड शेयर के भाव में होने वाले उतार-चढ़ाव को बताता है। इसकी शुरुआत 1 जनवरी 1986 को हुई थी।
सेंसेक्स स्टॉक मार्केट में लिस्टेड कंपनियों के शेयर की कीमत पर नजर रखता है। फिर दिनभर के काम के बाद एक शेयर की औसत वैल्यू देता है। इससे हमें स्टॉक मार्केट में लिस्टेड कंपनियों के भावों की सही जानकारी मिलती है। भारत के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंज BSE में 5,155 कंपनियां लिस्टेड हैं। इन सभी कंपनियों के शेयर की कीमत पर शेयर मार्केट नजर रखता है।
सेंसेक्स कैसे बनता है?
BSE में 5,155 कंपनियां लिस्टेड हैं। इन्हीं में से 30 बड़ी कंपनियों के शेयर से सेंसेक्स बनता है। इसके कैलकुलेशन के दौरान इन्हीं कंपनियों के शेयर को शामिल किया जाता है। इन 30 बड़ी कंपनियों के शेयर सबसे ज्यादा खरीदे और बेचे जाते हैं। ये 30 कंपनियां अलग-अलग सेक्टर से हैं और अपने सेक्टर की सबसे बड़ी मानी जाती हैं। हालांकि, सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में बदलाव होता रहता है।
इन कंपनियों का सिलेक्शन स्टॉक एक्सचेंज की इंडेक्स कमेटी की तरफ से किया जाता है। इस कमेटी में कई तरह के लोगों को शामिल किया जाता है। इसमें सरकार, बैंक सेक्टर और जाने-माने इकोनॉमिस्ट भी हो सकते हैं।
सेंसेक्स में उतार-चढ़ाव कैसे होता है?
सेंसेक्स में होने वाले उतार-चढ़ाव का सीधा फंडा है। 30 कंपनियों के शेयरों में उतार-चढ़ाव। अगर इन कंपनियों के शेयर की वैल्यू बढ़ रही है तो सेंसेक्स भी बढ़ जाता है और ऊपर चला जाता है। अगर इन कंपनियों के शेयर की वैल्यू गिरती है तो सेंसेक्स भी गिर जाता है। शेयर का उतार-चढ़ाव कंपनी की परफॉर्मेंस को दिखाता है।
इसको ऐसे समझें कि अगर कंपनी ने कोई नया प्रोजेक्ट लॉन्च किया तो कंपनी के शेयर बढ़ने के आसार होते हैं। अगर कंपनी मुश्किल दौर में है, तो इनवेस्टर्स कंपनी को छोड़ने लगते हैं। इससे शेयर की कीमत पर नकारात्मक असर पड़ता है, और सेंसेक्स नीचे आने लगता है। इंडेक्स में हर कंपनी का वेटेज होता है।
निफ्टी और सेंसेक्स में क्या अंतर है?
सेंसेक्स की शुरुआत 1986 में हुई थी, जबकि निफ्टी 1994 में शुरू हुआ। सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का इंडेक्स है, और निफ्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का इंडेक्स है। निफ्टी में 50 बड़ी कंपनियां लिस्टेड हैं, जबकि सेंसेक्स में 30 बड़ी कंपनियां। सेंसेक्स की बेस वैल्यू 100 है और निफ्टी की बेस वैल्यू 1000 है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी BSE के सेंसेक्स के लिए बीता हफ्ता काफी अच्छा रहा। इसी हफ्ते सेंसेक्स पहली बार 65 हजार के ऊपर बंद हुआ। इससे पहले सेंसेक्स ने 50 हजार का आंकड़ा अमेरिका में जो बाइडेन के सत्ता संभालने के बाद छुआ था। हालांकि, उसके बाद सेंसेक्स गिरता रहा, सेंसेक्स ने 40 हजार का आंकड़ा 23 मई 2019 को छुआ था। इसके बाद 2021 से 2023 शुरुआत तक सेंसेक्स 55 हज़ार से 61 हज़ार के बीच ही घूमता रहा, जिसके मुख्य कारण थे कोविद् १९ और रूस- उक्रैंन युद्ध।
अगस्त 2023 में सेंसेक्स ने फिर रफ़्तर पकड़ी और 67 हज़ार को पार कर गया।