क्या आप वकील, अधिवक्ता और बैरिस्टर को एक समझते हैं ?( Difference between Advocate, Lawyer and Barrister) हम सब ने कभी ना कभी महात्मा गांधी प...
क्या आप वकील, अधिवक्ता और बैरिस्टर को एक समझते हैं ?( Difference between Advocate, Lawyer and Barrister)
हम सब ने कभी ना कभी महात्मा गांधी पर निबंध जरुर लिखा होगा और ऐसा हो नहीं सकता कि उस निबंध में इस बात का जिक्र ना हो कि महात्मा गांधी बैरिस्टर बनने इंग्लैंड गए। गांधी जो को अक्सर उनके दोस्त बैरिस्टर कह कर भी बुलाया करते थे। बहरहाल ये तो हुई बैरिस्टर की बात अब बात वकील की ।
अक्सर काला कोर्ट पहने और हाथ में कानून की मोटी-मोटी किताब थामे शख्स को हम कभी Advocate या कभी Lawyer कह देते हैं। या फिर हिंदी में कभी वकील तो कभी अधिवक्ता | क्योंकि शायद हमारी नजर में काला कोर्ट पहना कानून का जानकार वकील, अधिवक्ता, लॉयर और एड्वोकेट ही होता है। अमूमन हमारे लिए इन शब्दों का मतलब एक ही होता है। हम में से कई लोग इसे एक ही समझने की भूल करते हैं। लेकिन इस लेख को पूरा पढ़ने के बाद यकीनन आपकी गलतफहमी दूर हो जाएगी। क्योंकि वकील अधिवक्ता हो या फिर बैरिस्टर अपने आम में इन शब्दों के मायने अलग हैं।
Difference Between Advocate and Lawyer
एड्वोकेट जिसे हिंदी में अधिवक्ता भी कहते हैं । सामान्य भाषा में अधिवक्ता का अर्थ आधिकारिक वक्ता यानी किसी की ओर से बोलने का अधिकार रखने वाले शख्स से है। जबकि Lawyer से सीधा मतलब उस शख्स से है जिसके पास LLB यानी कानून की डिग्री हो। इसका मतलब हर वो शख्स Lawyer है जिसके पास लॉ की डिग्री है। ये तो हुई Advocate और Lawyer की आम परिभाषा | लेकिन सवाल अब भी वही कि एक Lawyer कब Advocate बनता है तो आइए इसे भी आसान भाषा मे समझते हैं।
Lawyer जब Advocate बन जाता है
किसी शख्स ने लॉ कि डिग्री हासिल कर लो वो एक Lawyer बन गया। लेकिन ध्यान रहे कि अभी तक वो किसी की ओर से आधिकारिक तौर पर बोल नहीं सकता। यहां किसी की ओर से बोलने का मतलब है कि कोर्ट में किसी पक्ष की ओर से बहस में हिस्सा लेना। दरअसल लॉ की डिग्री लेने के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया एक परीक्षा का आयोजन करती है। जिस परीक्षा को पास करने के बाद ही किसी Lawyer को Advocate के तौर पर मान्यता मिलती है और उसे कोर्ट में किसी पक्ष की ओर हाजिर होने का अधिकार मिल जाता है। अब वकील और अधिवक्ता यानी Lawyer और Advocate को लेकर आपके मन में कोई किंतु-परंतु नहीं होगा । तो अब आगे बढ़ते हैं और बैरिस्टर को लेकर आपके मन में चल रहे सवालों का जवाब ढूंढते हैं।
बैरिस्टर किसे कहते हैं ?
बैरिस्टर के पास भी वकील (Lawyer) और अधिवक्ता(Advocate) की तरह कानून की डिग्री होती है। फर्क बस इतना होता है कि जब आप भारत में कानून की डिग्री लेते हैं तो वकील कहलाते हैं। जब यही डिग्री कोई इंग्लैंड से लेकर आता है तो उसे बैरिस्टर कहते हैं। यही वजह है कि गांधी जो को हमेशा बैरिस्टर मोहन दास कहा जाता था।
चलिए वकील, अधिवक्ता और बैरिस्टर को लेकर आपका भ्रम दूर हो गया होगा । तो चलते-चलते आपके ज्ञान के भंडार में कुछ और एडऑन करते चलते हैं।
आपने एक शब्द Public Prosecutor यानी लोक अभियोजक जरुर सुना होगा और जरुर ही नहीं बल्कि कई बार सुना होगा। लेकिन हम में से कितने लोग इसका वास्तविक मतलब समझते हैं ? तो आइए लोक अभियोजक किसे कहते हैं ये समझते हैं
Public Prosecutor (लोक अभियोजक)
जो Lawyer है Advocate बनने की झमता रखता है या है अगर वो कभी सरकार की ओर से किसी पीड़ित का पक्ष रखने के लिए कोर्ट में हाजिर होता है तो उसे लोक अभियोजक यानी Public Prosecutor कहते हैं। यही व्यक्ति यदि किसी निजी पक्ष की ओर से कोर्ट में पेश हो तो उसे Pleader कहेंगे। ठीक इसी तरह यह व्यक्ति अगर राज्य सरकार की ओर से उसका पक्ष रखने के लिए हाजिर हो तो उसे महाधिवक्ता यानी Advocate General कहेंगे । इतना ही नहीं यही योग्यता रखने वाला शख्स यदि केंद्र सरकार की ओर से उसका पक्ष रखने के लिए खड़ा हो तो उसे Attorney General यानी महान्यायवादी कहा जाएगा। कोई यदि इसी Attorney General का असिस्टेंट बन जाए तो उसे Solicitor General कहते हैं। Solicitor General की सहायता करने वाले को Additional Solicitor General कहा जाता है।